एस पी मित्तल, अजमेर
तीन अगस्त को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि वे प्रदेश के गृहमंत्री भी है और इस नाते पूरी जवाबदेही से कह रहे हैं कि संजीवनी को-ऑपरेटिव सोसायटी के घोटाले में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उनकी पत्नी, पिता और साले अभियुक्त हैं। जांच एजेंसी एसओजी के पास सबूत हैं। गहलोत ने कहा कि भाजपा हाईकमान ने शेखावत को राजस्थान में सीएम फेस बनाना चाहता है, क्या घोटाले का अभियुक्त सीएम का फेस हो सकता है? सीएम के ताजा बयान से साफ हो गया है कि वे मानहानि के प्रकरण में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 7 अगस्त को अपनी उपस्थिति दर्ज करवाएंगे। घोटाले का अभियुक्त बताने पर शेखावत ने गहलोत के खिलाफ मानहानि का आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया है। दिल्ली की कोर्ट ने जो समन जारी किया, उस पर रोक लगाने के लिए गहलोत ने जिला न्यायालय में याचिका दायर की थी। इस याचिका में जो तर्क दिए गए उससे प्रतीत हुआ है कि मुकदमे बाजी से बचने के लिए गहलोत अपने आरोपों से पीछे हट रहे हैं, लेकिन याचिका की लिखावट के विपरीत गहलोत ने एक बार फिर शेखावत को घोटाले का अभियुक्त बता दिया है। अब अदालत यह देखेगी कि गहलोत के आरोपों में कितनी सच्चाई है। शेखावत का कहना है कि पुरानी किसी भी एफआईआर में उनका एवं परिवार के किसी भी सदस्य का नाम नहीं है। पुलिस ने अपनी जांच रिपोर्ट में भी दोषी नहीं माना है, लेकिन आरोप लगाकर गहलोत ने सार्वजनिक तौर पर अपमानित किया है। असल में गहलोत और शेखावत के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता अब व्यक्तिगत रंजिश में बदल गई है। 2019 के लोकसभा चुनाव में शेखावत ने जोधपुर से सीएम गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को चार लाख मतों से हराया था। अपने गृह जिले में हुई इतनी बुरी हार को गहलोत अभी तक पचा नहीं पाए हैं।