इंदौर जिला कार्यालय पर RE2 रोड़ के प्रभावित मजदूरों प्रदर्शन कर अपना दुख बताया ।प्रदर्शन में RE2 के सैकड़ों मजदूर महिलाएं सामिल हुए बच्चे सामिल हुए। प्रदर्शन में आए प्रभावित लोगो ने अपनी पीड़ा बताई ।
पिछले दो दिन से बिचौली हब्सी काकड़ के सैकड़ों मकानों को जमीन दोज किया जा रहा है । जबकि मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है । महिलाएं बच्चे रोते गिड़गिड़ाते रहे पर नगर निगम नहीं माना नगर निगम ने सुबह से ही पुलिस फोर्स लगा कर बस्ती के निवासियों को धमकाना सुरू कर दिया
। घरों में समान था,बच्चे थे पर आज नगर निगम ने मानवता को शर्म सार कर दिया।जब नगर के लोग विरोध कर रहे है ।कोर्ट में मामला चल रहा है पर नगर निगन भूमाफियाओं को फायदा पहुंचाने के लिए यह re2 सड़क बनाने की जल्दी है।जब की इंदौर की कई सड़के खुदी पड़ी है ।जनता गंदा पानी पीने को मजबूर है पर नगर निगम को सड़क बनाने की जल्दी है ।
अभी बारिस आने बाली है यह बेघर लोग कहा जायेगे । ना सिर्फ इनका घर गया है बल्कि इनका आज रोजगार भी खत्म हो गया ।इन बेघर, बेरोजगार का कोई सहारा नहीं है ।बस्ती बालों का कहना है की हम बस्ती से नहीं जायेगे ।हमारा आंदोलन जारी रहेगा । इंदौर प्रशासन और हाई कोर्ट से अपील है की जन भावनाओं को समझे और मजदूर आम जनता के साथ खड़े हो। और यह RE2 रोड़ रद्द किया जाए ।
घर बचाओ रोजगार बचाओ आंदोलन के साथी ने बताया कि नगर निगम भूरी टेकरी से आर.टी.ओ तक डेढ़ सौ फीट चौड़ी एक सड़क का निर्माण करने जा रही है। इस सड़क के निर्माण को लेकर संदेह की स्थिति बनी रही क्योंकि जिस तरीके से यह सड़क निकाली जा रही है वह पूर्णता अवैधानिक है। वर्तमान में जो सड़क नगर निगम निकाल रहा है। उसमें लगभग 650 परिवार बेघर होने की स्थिति में आ गए है।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी घोषणा की थी कि यह बस्तियां नही तोड़ी जाएंगी। इंदौर नगर निगम इंदौर के जनप्रतिनिधियों ने भी वादा किया था कि यह बस्तियां नहीं तोड़ी जाएगी।
परन्तु सभी नियमों की अनदेखी कर यह सड़क निकाली जा रही है और बस्तियों को उजाड़ा जा रहा है।
इसमें हमारा ठोस बिंदु है कि
(A) “यह सड़क बस्ती के बीच से निकाली जा रही है जबकि पास में ही शासकीय भूमि खाली पड़ी हुई है। खाली पड़ी हुई भूमि से यह रोड नहीं निकालते हुए बस्तियों के अंदर से निकाला जा रहा है। यदि खाली पड़ी हुई भूमि से यह रोड निकाला जाए तो इससे सभी परिवार बचाए जा सकते हैं ।”
(B)इस रोड से बाईपास की दूरी 100 मीटर की है इतने पास में ही एक दूसरे सड़क का निर्माण करना क्या सही है?
(C) यह रोड भूरी टेकरी से आरटीओ तक बनाया जाना तय है। लेकिन अभी तक भूरी टेकरी से ना तो यह रोड शुरू हुआ है ना ही आरटीओ से शुरू है बल्कि अग्रवाल पब्लिक स्कूल से इस रोड को शुरू किया गया है नेमावर रोड तक है इससे नगर निगम का उद्देश साफ हो जाता है कि कैसे भी करके बस्तियों को हटाकर रोड निर्माण करें और आसपास खाली पड़ी हुई जो जमीन है। रियल स्टेट कारोबारियों की बड़ी-बड़ी मल्टीयां खाली पड़ी हुई है उन को फायदा पहुंचाने के लिए यह रोड निकाला जा रहा है ।
(D)हमारा कहना है कि यहां पर शिव नगर से शिव दर्शन नगर के जो लोग रह रहे हैं मध्यप्रदेश शासन द्वारा इनको यहां पर रहने के लिए जगह दी गई थी और 30 साल का पट्टा उनको दिया गया था कि आप यहाँ रहिए यदि यहाँ पर सड़क बनना था तो यहां पर जब बसावट हो रही थी। तब नगर निगम ने यहां पर पहले से ही क्यों इनको बसने से नही रोका। आज जब यह बस्ती पूर्णता विकसित हो चुकी है तो नगर निगम आकर इन घरों को तोड़ने का काम कर रही है।
(E)यह बस्तियां पूर्णता मजदूर बस्तियां हैं। महिलाएं बर्तन मांज कर, झाड़ू पोछा कर अपना जीवन यापन गुजारा करती हैं। वहीं पर पुरुष दिहाड़ी मजदूर हैं। बेहद तंगहाली में यह बस्ती के लोग रहते हैं, दो वक्त का खाना जुटाना भी इनके लिए मुश्किल है। ऐसे में नगर निगम आकर इनसे 2-2 लाख की मांग कर रहा है कि आपको दूर जाकर फ्लैट दिए जाएंगे इसके लिए आपको ₹ 2 लाख जमा करना है। इन मजदूरों के पास खाने के पैसे नहीं है। यह ₹2 लाख नगर निगम के लिए कहां से भरेंगे यानी कि अपनी निजी जगह छोड़कर अपना घर छोड़कर जा रहे हैं ऊपर से ₹200000 की मांग नगर निगम करने जा रहा है।
(F) नगर निगम इन मजदूरों को इंदौर शहर से लगभग 10 किलोमीटर दूर एक मल्टी में शिफ्ट करने जा रहा है। इस पर हमारा कहना है कि एक तो इन लोगों का रोजगार इंदौर शहर से जुड़ा हुआ है इतनी दूर से वह क्या मजदूरी करने के लिए यहां पर आ सकते हैं। जब नीलगिरी से कोई भी बस सुविधा नहीं है कोई भी वहां से प्रतिदिन आना-जाना मजदूर कैसे करेंगे? जो महिलाएं झाड़ू पहुंचा बर्तन करती हैं उनको वहां पर काम कैसे मिलेगा? यह मजदूर परिवार यदि नीलगिरी जाते हैं तो भूख से मर जाएंगे।
(G)जो नीलगिरी की बात नगर निगम कर रहा है वहां पर मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। ना अस्पताल की व्यवस्था है, ना स्कूल है, ना पानी की व्यवस्था है, ना आवागमन का पर्याप्त साधन है।
(H) ओवर ब्रिज बना कर भी इस बस्ती को बनाया जा सकता है । जितना पैसा माल्टियो में देगे उतने में ब्रिज बन सकता है ।
(I) बिचौली काकड़ में थोड़े गए मकानों के मजदूरों को तुरंत मुआवजा दिया जाए ।