_उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग सहित पूरे प्रदेश की दुकानों के साइन बोर्ड पर प्रोपराइटर का नाम लिखे जाने के आदेश से जहां देशभर में विवाद मचा हुआ है, वहीं इंदौर में इस मुद्दे पर इतनी हलचल नहीं है। लेकिन इंदौर में साइन बोर्ड से जुड़े एक नए आदेश ने फिर से विवाद को हवा दे दी है। इंदौर नगर निगम ने संपत्ति कर और जलकर में वृद्धि के साथ-साथ दुकानों पर लगने वाले साइन बोर्ड का शुल्क वसूलने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इस प्रस्ताव के तहत, दुकानदारों को अब अपने साइन बोर्ड के लिए अतिरिक्त शुल्क देना होगा, जिससे दुकानदारों के खर्चों में वृद्धि होगी। यह प्रस्ताव नगर निगम द्वारा अपने राजस्व को बढ़ाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है..हालांकि निगम ने कुछ समय पूर्व साइन बोर्ड से शुल्क वसूलने की तैयारी की थी,लेकिन व्यापारी वर्ग ने इसका जबरदस्त विरोध किया था..जिसके बाद नगर निगम को बैकफुट पर आना पड़ा और इस फैसले पर रोक लगा दी गई..लेकिन अब इस फैसले पर पुनर्विचार कर नए सिरे से प्रस्ताव तैयार किया है..जिसके अंतर्गत तीन बाय तीन या इससे अधिक साइज के साइन बोर्ड होने पर इसका टैक्स व्यापारियों लिया जाएगा..नगर निगम के राजस्व समिति प्रभारी निरंजन सिंह चौहान का कहना है कि साइन बोर्ड के टैक्स को जल्द वसूलने की योजना है..इसके लिए व्यापारियों से ये भी चर्चा की जायेगी,कि सभी दुकानों के साइन बोर्ड एक जैसे लगाए जाएं_