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किसानों की घेराबंदी से15 मिनट में ही गांव छोडक़र चली गई नेशनल हाईवे की टीम

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आउटर रिंग रोड के लिए सर्वे का जोरदार विरोध

इंदौर। आउटर रिंग रोड के लिए सर्वे करने के लिए पहुंची नेशनल हाईवे की टीम मात्र 15 मिनट के अंदर गांव छोडक़र चली गई। किसानों द्वारा एकता के साथ की जा रही घेराबंदी से सरकारी अमले पर जोरदार दबाव बन रहा है।

नेशनल हाईवे की टीम कल गांव नाहरखेड़ा और जिंदाखेड़ा में पहुंची। वहां इस टीम के पहुंचने के पहले से ही किसान मौजूद थे। जैसे ही यह टीम पहुंची वैसे ही किसानों द्वारा अपने वॉट्सऐप ग्रुप पर टीम के आगमन का संदेश जारी कर दिया गया। यह संदेश जारी होने के बाद बमुश्किल 10 मिनट में चारों दिशाओं से किसानों की गाडिय़ां मौके पर पहुंच गईं। इस स्थिति को देखकर 15 मिनट के अंदर यह टीम गांव छोडक़र रवाना हो गई। किसानों की एकता से सरकारी टीम की जोरदार घेराबंदी हर दिन की जा रही है।

इस स्थिति के चलते सरकारी अमले पर भी दबाव बन गया है। यही कारण है कि अब जब नेशनल हाईवे की टीम सर्वे करने के लिए पहुंचती है तो पहले से ही वह मानसिक रूप से इस स्थिति के लिए तैयार रहते हैं कि उनकी घेराबंदी होगी और उन्हें तत्काल वहां से रवाना होना है। इसी बीच भारतीय किसान संघ द्वारा किसानों को एकजुट करने और भूमि अधिग्रहण के खिलाफ वातावरण तैयार करने के अपने अभियान को तेज कर दिया गया है। किसान संघ का दल हर गांव और घर-घर दस्तक देकर किसानों को जाग्रत करने का कार्य कर रहा है। किसान संघ के इंदौर स्थित कार्यालय में भी हर दिन बैठक कर स्थिति की समीक्षा की जा रही है। इसके साथ ही किसान संघ द्वारा अपने आंदोलन को तेज करने के लिए भी आगे की रणनीति बनाई जा रही है।

आउटर रिंग रोड के निर्माण के लिए शुरू कराए गए सर्वे का जोरदार विरोध भी शुरू हो गया है। नेशनल हाईवे की टीम जब अलग-अलग गांव में सर्वे करने के लिए पहुंची तो टीम को किसानों ने घेर लिया। टीम को सर्वे नहीं करने दिया गया और बैरंग वापस भेज दिया। भारत सरकार द्वारा इंदौर में आउटर रिंग रोड की योजना को मंजूरी दी गई है। इसके तहत पश्चिमी रिंग रोड का भी निर्माण किया जाना है। यह सडक़ पीथमपुर के आगे एबी रोड से शुरू होकर धार रोड, उज्जैन रोड को क्रॉस करते हुए शिप्रा के पास जाकर फिर से एबी रोड से मिलेगी। इस सडक़ का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा किया जाना है। इस सडक़ के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण करने से पूर्व भूमि का सर्वे करने का कार्य शुरू किया गया है।

पिछले दो दिन से नेशनल हाईवे की टीम द्वारा सर्वे करने के लिए अलग-अलग गांव में जाकर जमीन को देखने का काम किया जा रहा है। जहां भी नेशनल हाईवे की टीम सर्वे करने के लिए पहुंच रही है, वहां भारी संख्या में किसान जमा हो जाते हैं और इस सर्वे का विरोध कर रहे हैं। कल भी बेटमा तहसील के गांव मोहना, किशनपुरा, मांगलिया में इस सडक़ के लिए टीम सर्वे करने पहुंची। नेशनल हाईवे टीम को किसानों ने नारेबाजी करते हुए काम नहीं करने दिया और टीम सर्वे किए बगैर ही बैरंग लौट गई। टीम के साथ देपालपुर के अनुविभागीय अधिकारी राकेश मोहन त्रिपाठी, नायब तहसीलदार पूजा सिंह चौहान, लोकेश अजूबा, राजस्व निरीक्षक अमिताभ पारे के अलावा पुलिस विभाग, पीडब्ल्यूडी, वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी थे।

किसानों के हित में इस सर्वे का विरोध करते हुए भारतीय किसान संघ भी मैदान में आ गया है। किसान संघ से जुड़े किसानों ने भी कल के इस सर्वे में टीम का जोरदार विरोध करते हुए उसे वापस भेजने में मुख्य भूमिका निभाई।

गडकरी ने किया था सर्वे
पिछले दिनों केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा इस प्रस्तावित रिंग रोड परियोजना का हवाई सर्वे किया गया था। इस दौरान उन्होंने सर्वे को लेकर हो रही देरी पर नाराजगी जताई थी। इसके बाद में प्रशासन ने विभिन्न विभागों का संयुक्त दल गठित किया था। इस दल को गांव-गांव जाकर सर्वे करने और अधिग्रहण की भूमि को चिह्नित करने का काम सौंपा गया था।

किसानों की मांग-बाजार भाव से चार गुना मुआवजा दो
विरोध कर रहे किसानों का कहना है कि हमारी जमीन यदि लेना है तो हमें जमीन के बाजार भाव से चार गुना मुआवजा देने का प्रावधान किया जाए। राज्य सरकार द्वारा इस तरह का कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है।

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