उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में पिछले 17 दिनों से मजदूर फंसे हुए हैं। इन श्रमिकों को बाहर निकालने का काम शुरू हो गया है। इससे पहले विशेषज्ञों की निगरानी में मजदूरों को यहां से निकालने के लिए ड्रिलिंग खत्म हो चुकी है। सुरंग के बाहर अफसरों की हलचल तेज चल रही है 12 नवंबर दिवाली के दिन 41 मजदूर सिल्क्यारा सुरंग में फंस गए थे। पूरा देश उनकी सलामती के लिए दुआ कर रहा है।
दिवाली के दिन से उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में कैद 41 श्रमिक कभी भी बाहर निकाले जा सकते हैं। सुरंग के अंदर मेडिकल की टीम पहुंच गई है। मजदूरों के परिजनों को भी सुरंग के पास बुलाया है। परिजन मजदूरों के साथ अस्पताल जाएंगे।
एनडीआरएफ के जवान पाइप के पार पहुंचे
सिलक्यारा सुरंग में पाइप के पार एनडीआरएफ के जवान पहुंचे गए हैं। बचाव स्थल से कुछ देर पहले रवाना हुए सीएम धामी फिर से साइट पर लौट आए हैं। इस बीच साइट पर हलचल तेज हो गई है। बताया जा रहा है कि कुछ देर में मजदूर बाहर आ जाएंगे।
सीएम ममता बनर्जी ने प्रदेश के मजूदरों को लेकर किया ट्वीट
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने एक्स पर लिखा है कि प्रदेश के लोगों की मदद के लिए एक टीम उत्तरकाशी भेजी गई है। दिल्ली के रेजिडेंट कमिश्नर कार्यालय के संपर्क अधिकारी राजदीप दत्ता के नेतृत्व में टीम उत्तरकाशी के सिल्कयारा में सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने और पश्चिम बंगाल में उनके घरों तक सुरक्षित वापसी में मदद करेगी।
रांची झारखंड में सुरंग में फंसे श्रमिक के परिवार के बीच बांटी गई मिठाई
उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे मजदूरों के बचाव अभियान के अंतिम चरण में पहुंचने की जानकारी जैसी ही खबरों में आई वैसे ही रांची के झारखंड में अनिल बेदिया ने सुंरग में फंसे श्रमिकों में से एक के परिवार के सदस्यों के बीच मिठाइयां बांटी।
यूपी के मिर्जापुर में अखिलेश के बाहर आने के इंतजार में परिवार
12 नवंबर से उत्तराखंड टनल हादसे में फंसे 41 मजदूरों को रेस्क्यू करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। रेस्क्यू को लेकर मिर्जापुर वासियों की दिल की धड़कन बढ़ी रही। टनल में फंसे मिर्जापुर के युवक अखिलेश की सुरक्षित वापसी को लेकर अदलहाट में रह रहा परिवार टकटकी लगाए टीवी देखता रहा। साथ ही फोन से संपर्क कर रेस्क्यू में लगने वाले समय इत्यादि की जानकारी भी लेता रहा। गांव में भी लोग अखिलेश की सुरक्षा को लेकर भगवान से कामना करते देखे गए।
सच हुई बाबा बौखनाग की भविष्यवाणी
यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग पर 12 नवंबर से फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने को लेकर चर्चा में आए क्षेत्र के आराध्य देव बाबा बौखनाग की भविष्यवाणी आज सही साबित हुई। बौख के पश्वा, माली, संजय डिमरी ने वचन दिया था कि अगले तीन दिन में सुंरग में फंसे मजदूर सुरक्षित निकाल लिए जाएंगे। इस बीच न कोई अड़चन आएगी और आज ठीक तीसरे दिन मजदूरों को बाहर निकलने का रास्ता साफ हुआ।
रेस्क्यू ऑपरेशन में अभी थोड़ा समय, डाला जा रहा लाइफ लाइन पाइप
रेस्क्यू ऑपरेशन में अभी थोड़ा समय लग रहा है, बताया जा रहा है कि एक लाइफ लाइन पाइप अलग से डाला जा रहा है। केंद्रीय राज्य मंत्री रिटायर्ड जनरल वीके सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सुरंग में ही मौजूद हैं।
बीएसएनएल की लैंडलाइन से अंदर फंसे मजदूर परिजनों से कर पा रहे बात
सुरंग के भीतर बीते 16 दिन से फंसे मजदूरों को बाहरी दुनिया की मुश्किलों की जानकारी नहीं दी गई थी। उनका हर वक्त हौसला बढ़ाया जाता रहा, जिससे वह परेशानी महसूस न करें। वह मोबाइल पर गाने सुनते थे। बीएसएनएल के लैंडलाइन फोन से परिजनों से बातचीत भी कर पा रहे थे।
जिला अस्पताल से लेकर साइट तक बेड तैयार: एनडीएमए सदस्य
एनडीएमए सदस्य ने कहा कि जिला अस्पताल में 30 बेड की व्यवस्था की गई है और 10 बेड का इंतेजाम साइट पर ही किया गया है। चिनूक रात में उड़ान भर सकता है, लेकिन मौसम इसके लिए अनुकूल नहीं प्रतीत हो रहा है और फिलहाल इसकी आवश्यकता प्रतीत नहीं हो रही है। इमरजेंसी में एम्बुलेंस से श्रमिकों को ऋषिकेश एम्स ले जाया जा सकता है।
58 मीटर तक जाना अभूतपूर्व उपलब्धि: एनडीएमए सदस्य
एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा, रातभर काम किया गया है, हमारी टीम बहुत ही मुश्किल काम कर रही है। 58 मीटर तक जाना ये अभूतपूर्व उपलब्धि है। हम कह सकते हैं कि हम आर-पार हो गए हैं, सभी एहतियात बरते गए हैं।
अभी दो मीटर खोदाई बची है: एनडीएमए के सदस्य
एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा कि हम कामयाबी के करीब हैं। अभी 2 मीटर की खोदाई बची है। अभी मैनुअल काम चल रहा है। हम 58 मीटर खोदाई कर चुके हैं। अंदर फंसे मजदूरों ने कहा है कि वे काम होने की आवाजें सुन सकते हैं।