बिहार में दो दिन पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने दरभंगा में मीडिया से बात करते हुए एक ऐसी बात कह दी जिसने भयंकर चर्चा छेद दिया है. तेजस्वी ने सरकार बनने पर माई-बहिन मान योजना लागू करने की घोषणा कर दी. इससे पहले तेजस्वी यादव ने 2020 के विधानसभा चुनाव में ऐसे ही 10 लाख युवाओं को पहली केबिनेट में सरकारी नौकरी देने का वादा कर दिया था. अबकी बार उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार बनती है तो इस योजना के तहत महिलाओं को प्रति माह 2500 रुपये मिलेंगे. तेजस्वी यादव का मानना है कि बिहार के नवनिर्माण की नींव महिलाओं की समृद्धि के बिना अधूरी है. महिलाओं को नकद हस्तांतरण मिलता है तो वे अपने परिवार की बेहतरी के लिए इस राशि का उपयोग बिना किसी दबाव के कर सकेंगी. तेजस्वी के इस घोषणा से पुरे प्रदेश में चर्चा गरमा दिया है.
तेजस्वी की इस घोषणा के बाद नीतीश कुमार के साथ लम्बी राजनीतिक पारी खेलने वाले आर.सी.पी. सिंह ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सबसे पहले जो चर्चा देश स्तर पर है वन नेशन वन इलेक्शन उस पर अपनी टिप्पणी दी. उन्होंने कहा कि देश में 1967 तक वन नेशन, वन इलेक्शन ही था. उसके बाद लोकसभा और विधानसभाओं में अलग-अलग समय पर चुनाव होने लगे. उन्होंने कहा कि इसका सबसे बड़ा फायदा है कि संसाधनों की बचत होती है. आज भारत को एक कृषि प्रधान देश की जगह चुनाव प्रधान देश कहा जा सकता है, क्योंकि हर समय किसी न किसी स्तर पर चुनाव चलता रहता है. उन्होंने कहा, चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता लागू हो जाती है, जिससे विकास के कई काम बाधित होते हैं. चुनावों की यह प्रक्रिया अर्थव्यवस्था पर भी असर डालती है. हमने देखा कि सात प्रतिशत से ज्यादा की ग्रोथ रेट वाली दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था भारत, चुनावों के कारण पिछली तिमाही में 5.4 प्रतिशत तक गिर गई. वहीँ तेजस्वी के घोषणा पर भी उन्होंने अपनी चुप्पी तोड़ी. बिहार की राजनीति में संभावनाओं का नया मोड़ सामने आया है. कभी नीतीश कुमार के सबसे भरोसेमंद सहयोगी रहे, भाजपा के साथ समय बिताया और अब अपनी पार्टी बना चुके आरसीपी सिंह ने तेजस्वी यादव की माई-बहिन मान योजना का समर्थन किया है. साथ ही, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महिला संवाद यात्रा पर तंज कसते हुए सवाल खड़े किए हैं. इन बयानों ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज कर दी है कि क्या आरसीपी सिंह का झुकाव राजद की ओर हो रहा है?
रविवार 15 दिसंबर को लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि पर आप सबकी आवाज़ (आसा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने नालंदा के मुस्तफ़ापुर अपने पैतृक गांव में आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर कई बातें कही. सरदार पटेल की तस्वीर पर माल्यापर्ण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी. इसी मौके पर आरसीपी सिंह ने मीडिया से बात करते हुए तेजस्वी यादव द्वारा घोषित माई-बहिन मान योजना का समर्थन कर दिया. इस बीच नीतीश कुमार की प्रस्तावित यात्रा भी जो कहा जा रहा था 15 दिसंबर से होगी उस पर भी कोई स्पष्ट निर्देश या जानकारी नहीं आई है. जदयू के तरफ से भी कोई बोलने को तैयार नहीं है की यात्रा कब से शुरू करेंगे. वहीँ नीतीश की यात्रा शुरू नहीं होने को लेकर कई तरह के कयास लगाए जाने लगे है. कहा जा रहा है तेजस्वी ने नीतीश कुमार को माई-बहन योजना की घोषणा कर चेक मेट कर दिया है. दरअसल नीतीश कुमार महिला संवाद यात्रा के माध्यम से अपने हिडेन वोट बैंक को दुरुस्त करने जा रहे थे. जिसकी एक झलक संजय झा के बयां में देखने सुनने को मिला. संजय झा ने एक कार्यक्रम के दौरान जनता से आग्रह किया की 2005 के पहले वाले बिहार, डर, भय, जंगालराज और कई तरह की समस्याओं से नीतीश कुमार ने बाहर निकाला है. उन्होंने एक नया और भयमुक्त, न्याय के साथ विकास वाला बिहार दिया है तो उन्हें एक अंतिम बार सीएम बनाने के लिए वोट करें.
यानि साफ है की जदयू को अपनी शक्ति संचय करने और वोट बैंक को ईंटेक्ट रखने के लिए नीतीश कुमार का भरोसा है. महिला वोटरों को हर दल अपनी ओर खींचने का हर संभव प्रयास कर रहा है. अब देखना होगा की नीतीश कुमार ने अपनी यात्रा पर विराम तो लगा दिया है. इसके साथ ये भी तय हो गया है की अगली रणनीति मजबूत और ज्यादा ठोक बजा कर बनाएंगे.