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चार दोस्तों की नाइट कॉल ने कराई बाबा सिद्दीकी के हत्यारे शिवा की गिरफ्तारी

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राकांपा नेता बाबा सिद्दीकी के मुख्य शूटर शिवकुमार गौतम उर्फ शिवा को मुंबई पुलिस रविवार को गिरफ्तार कर चुकी है। गौतम की गिरफ्तारी चार दोस्तों की देर रात की फोन कॉल से संभव हो पाई। ये चारों दोस्त सोशल मीडिया ऐप के जरिये एक-दूसरे से बात कर रहे थे, जिससे पुलिस को संदेह हुआ।

 

एक पुलिस अधिकारी ने सोमवार को बताया कि मुंबई क्राइम ब्रांच और उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने शिवा को रविवार को उत्तर प्रदेश के नानपारा इलाके में नेपाल सीमा के पास गिरफ्तार किया। इस दौरान पुलिस ने उसके दोस्त अनुराग कश्यप, ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी, आकाश श्रीवास्तव और अखिलेंद्र प्रताप सिंह को भी गिरफ्तार किया। 

नेपाल के रास्ते गौतम को भगाना चाहते थे दोस्त
पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच मुख्य शूटर गौतम के चारों दोस्तों की संदिग्ध गतिविधियों से शुरू हुई थी। चारों दोस्तों ने नानपारा से लगभग 10 किलोमीटर दूर एक सुदूर जंगल में गौतम से मिलने की योजना बनाई थी। वह कपड़े खरीदकर बाइक से जंगल पहुंचे थे। अधिकारियों के मुताबिक, पुलिस को बाद में पता चला कि वे शिवा को नेपाल के रास्ते देश से भागने में मदद करना चाहते थे।

लखनऊ में गौतम ने खरीदा था मोबाइल फोन
पुलिस के अनुसार, मुख्य शूटर शिवा ने लखनऊ में मोबाइल फोन खरीदा था। इस फोन पर इंटरनेट कॉल के जरिये चारों दोस्त गौतम के लगातार संपर्क में थे। देर रात, फोन कॉल होने पर अधिकारियों ने ध्यान आकर्षित किया और निगरानी बढ़ा दी। 

12 अक्तूबर को बाबा सिद्दीकी को मारी थी गोली
गौतम ने 12 अक्तूबर को मुंबई के बांद्रा इलाके में बाबा सिद्दीकी को करीब से गोली मारी थी। इसके बाद वह भागकर पुणे, लखनऊ और फिर नानपारा पहुंचा था। वह नेपाल भागने की तैयारी कर रहा था। गोली मारने के बाद वह शुरू में कुर्ला पहुंचा और वहां से ठाणे जाने के लिए लोकल ट्रेन में चढ़ा। इस दौरान उसने अपना बैग और मोबाइल फोन वहीं फेंक दिया। 

नेपाल सीमा के पास ली थी शरण
इसके बाद वह 13 अक्तूबर की सुबह साढ़े तीन बजे पुणे पहुंचा और फिर लखनऊ के लिए ट्रेन में बैठ गया। अधिकारियों के अनुसार, यात्रा के दौरान शिवा ने यात्रियों के फोन से अपने संचालकों को कई कॉल किए। इसके बाद आरोपी अपने मूल स्थान बहराइच पहुंचा, फिर वहां से नानपारा चला गया। नानपारा से लगभग 10 किलोमीटर दूर गौतम ने नेपाल सीमा के पास 10-15 झोपड़ियों वाली बस्ती में शरण ली। 

जांच के दौरान गौतम के चार दोस्तों तक पहुंची पुलिस
जांच के दौरान पुलिस ने गौतम के करीबी 10-12 व्यक्तियों के समूह पर नजर रखनी शुरू की, इनमें से चार दोस्त मददगार के रूप में सामने आए। निगरानी से पता चला कि ये लोग तकनीक-प्रेमी थे और शिवा के भागने की तैयारी के लिए उसके लिए कपड़े खरीद रहे थे। पुलिस ने उनकी गतिविधियों पर नजर रखनी शुरू कर दी।

मुंबई की एक अदालत ने सोमवार को जांचकर्ताओं को वित्तीय लेनदेन और आग्नेयास्त्रों की खरीद की जांच में मदद करने के लिए शिवकुमार गौतम और चार अन्य को 19 नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।

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