नई दिल्ली,। सरकार 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में सेक्शन 80सी के तहत मिलने वाली छूट को 1.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 2 लाख रुपए कर सकती है। व्यक्तिगत इनकम टैक्स स्लैब में हालांकि बदलाव होने की संभावना नहीं है। इनकम टैक्स विभाग के एक सूत्र ने कहा कि छूट की सीमा पर सरकार चर्चा कर चुकी है। पिछले 4-5 साल से बचत पर मिलने वाली छूट की इस सीमा में कोई बदलाव नहीं हुआ है। सूत्र ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण सरकार वित्तीय कमी से जूझ रही है और साधारण करदाताओं को किसी प्रकार की राहत दिए जाने की कोई गुंजाइश नहीं है। बचत और रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी लाने के लिए सरकार पर्सनल इनकम टैक्स की अन्य छूटों में बदलाव कर सकती है। बजट निर्माण में जो टैक्स छूट सबसे ज्यादा उभर कर सामने आया है, वह होम लोन के ब्याज से संबंधित है। आगामी बजट में होम लोन के ब्याज और मूल धन दोनों के भुगतान पर कटौती की सीमा बढ़ा सकती है। सूत्र ने कहा कि सेल्फ ऑक्यूपाइड प्रॉपर्टी के होम लोन पर ब्याज के लिए 2 लाख रुपए की मौजूदा कटौती सीमा और मूलधन के भुगतान के लिए 1.5 लाख रुपए की सीमा को बढ़ाने पर चर्चा हुई है। उन्होंने यह नहीं बताया कि कटौती कितनी हो सकती है। उन्होंने कहा कि सिर्फ किफायती श्रेणी के मकानों पर ही मूलधन व ब्याज पर ज्यादा कटौती मिल सकती है। सूत्र ने यह भी कहा कि सेक्शन 80सी के तहत हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में बदलाव किया जा सकता है, ताकि लोग ज्यादा कटौती का दावा कर सकें। हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए मौजूदा सीमा अभी 25,000 रुपए है। सूत्र ने कहा कि सरकार मकान की खरीदारी को प्रोत्साहित करना चाहती है। कटौती की सीमा बढऩे से रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी आ सकती है। घरेलू बचत बढ़ाने और अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए अन्य छूट भी महत्वपूर्ण होगी। इसी इरादे से टैक्स प्रणाली में कुछ बदलाव पर चर्चा हुई है।