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ईरान की जेल में 31 सालों से हैं बंद नरगिस मोहम्मदी,मिला नोबेल पुरस्कार

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पेरिस,। शांति का नोबेल पुरस्कार विजेता नरगिस मोहम्मदी बीते 31 सालों से ईरान की जेल में कैद हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने ईरान में अशांति फैलाने की कोशिश की है। अब पुरस्कार ग्रहण करने के लिए जेल से बाहर निकलने की अनुमति को लेकर उनके दोनों जुड़वा बच्चों का कहना है कि मां तो पुरस्कार लेने नहीं जा पाएंगी लेकिन हम लोग जरुर जाएंगे। मोहम्मदी के दोनों जुड़वा बच्चे कियाना रहमान और अली का कहना है कि उनकी मां पर उन्हें गर्व है और वो उनका संघर्ष जारी रखेंगे। बच्चों ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि वो दोबारा अपनी मां से कभी मिल पाएंगे या नहीं लेकिन वो उनके दिलों में हमेशा रहेंगी।


नरगिस की बेटी कियाना रहमान का कहना हैं उन्होंने अपनी मां को आठ साल पहले देखा था। अब दोबारा उनसे मिल पाएंगी उन्हें नहीं पता। उन्होंने कहा कि मुझे इससे कई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि उनकी मां हमेशा उनके दिल में और उनके परिवार के साथ हैं और वो हमेशा जिंदा रहेंगी। वहीं उनके बेटे अली ने कहा कि उन्होंने इस बात को बचपन में ही स्वीकार कर लिया था कि वो लोग अब अलग रहेंगे। हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई की वो दोबारा अपनी मां को देख सकेंगे। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अगर हम उसे दोबारा नहीं पाएंगे तब भी हम हमेशा उन पर गर्व करेंगे और उनका संघर्ष जारी रखेंगे।
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नरगिस मोहम्मदी के बच्चे अब अपनी से दोबारा कभी मिल पाएंगे या नहीं उन्हें नहीं पता, लेकिन उन्हें अपनी मां पर गर्व हैं। ये कहना है नरगिस के जुड़वा बच्चों ली और कियाना रहमान का, जिनकी उम्र 17 साल है। नरगिस के दोनों बच्चे अपने पिता के साथ पेरिस में रहते हैं। नरगिस के दोनों बच्चे ओस्लो के सिटी हॉल में अपनी मां की तरफ से पुरस्कार लेंगे। इससे पहले उन्होंने मीडिया से कहा कि उनकी मां महिलाओं के अधिकारों के लिए उनके संघर्ष कर रही हैं, ऐसे में उन्हें अपनी मां के ऊपर गर्व है। दोनों बच्चे अपनी मां की तरफ से नोबेल शांति पुरस्कार स्पीच भी देंगे। इसके साथ ही मोहम्मदी के पति तगी रहमानी ने कहा कि ये पुरस्कार नरगिस को एक बड़ी आवाज देगा, भले ही उनकी अपने हालात और ज्यादा कठिन हो। रहमानी ने कहा कि ये एक राजनीतिक पुरस्कार है और इसलिए नरिगस पर ज्यादा दबाव होगा, लेकिन साथ ही ये लोगों की आवाज को आगे भी बढ़ाएगा। तगी रहमानी भी सामाजिक कार्यकर्ता हैं और लोगों के हक के लिए अपनी आवाज उठाते रहे हैं।
गौरतलब है कि ईरान में महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने वाली 51 साल की नरगिस मोहम्मदी को तेहरान की इविन जेल में रखा गया है। ईरान की सरकार ने नरगिस को सरकार के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। हिजाब पहनने के नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में हिरासत में लिए जाने के बाद ईरान में 22 साल की महसा अमिनी की पुलिस की हिरासत में मौत हो गई थी। उनकी मौते के ठीक एक साल बाद मोहम्मदी को शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। आपको बता दें कि नरगिस मोहम्मदी ये पुरस्कार जीतने वाली 19वीं महिला हैं, जिसकी कीमत आज 11 मिलियन स्वीडिश क्राउन या लगभग 1 मिलियन डॉलर है। हिरासत में रहकर पुरस्कार जीतने वाली नरगिस पांचवी शख्स हैं। नोबेल शांति पुरस्कार 10 दिसंबर को स्वीडिश उद्योगपति अल्फ्रेड नोबेल की मृत्यु की सालगिरह के मौके पर प्रदान किया जाता है।

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