नई दिल्ली
सबसे पहले इस मुद्दे से जुड़ी दो ताजा खबरें बता देते हैं…
खबर-1: भारत में ऑनलाइन ग्रॉसरी की सबसे बड़ी कंपनी बिग बास्केट में टाटा ग्रुप सबसे बड़ा हिस्सेदार होगा। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक टाटा ग्रुप 1.2 बिलियन डॉलर का निवेश करेगा। इसके अलावा ऑनलाइन फॉर्मेसी कंपनी 1mg में भी टाटा ग्रुप अपनी हिस्सेदारी बढ़ाएगा।
खबर-2: रिलायंस अगले 6 महीने में अपनी ई-कॉमर्स ऐप जियो मार्ट को वॉट्सऐप से जोड़ने का प्लान बना रही है। मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक इससे 40 करोड़ वॉट्सऐप यूजर्स, वॉट्सऐप पर सामान भी खरीद सकेंगे।
दोनों खबरों का इशारा साफ है। सॉल्ट से सॉफ्टवेयर तक बनाने वाला 150 साल पुराना टाटा ग्रुप और तेल से टेलीकॉम सेक्टर तक फैली 50 साल पुरानी रिलायंस इंडस्ट्रीज, ई-कॉमर्स के बिजनेस में ताल ठोंकने के लिए तैयार हैं।
अगस्त 2020 में टाटा संस और टाटा ग्रुप के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन ने खुलासा किया था कि वो एक सुपर ऐप लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हैं। इस ऐप में खाने से लेकर ग्रॉसरी, फैशन, लाइफ स्टाइल, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, इंश्योरेंस, फाइनेंशियल सर्विसेज, एजुकेशन, हेल्थकेयर और बिल पेमेंट तक सबकुछ एक ही प्लेटफॉर्म पर मिल जाएगा।
साल 2025 तक भारत में 8% हो जाएगा ऑनलाइन रिटेल
फिलहाल भारत में ऑनलाइन रिटेल मार्केट, कुल रिटेल मार्केट का 4% है। इसके 2025 तक 8% हो जाने की उम्मीद है। टेक्नोपाक एडवाइजर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल यह सेक्टर 3.5 करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार देता है। 2025 तक रीटेल सेक्टर 4.5 करोड़ लोगों को रोजगार दे रहा होगा।
टाटा के सुपर ऐप को सबसे बड़ी चुनौती रिलायंस से मिल सकती है क्योंकि वो भी इसी लकीर पर चल रहा है। टाटा और रिलायंस अगर सभी सर्विस को एक प्लेटफॉर्म पर लाते हैं तो ये कदम भारत के तेजी से बढ़ते ऑनलाइन रिटेल मार्केट में फ्लिपकार्ट और अमेजन के वर्चस्व को गंभीर चुनौती दे सकता है।
रिलायंस ने ऑनलाइन कंपनियों में बढ़ाई हिस्सेदारी, टाटा भी उसी राह पर
रिलायंस के पास इस वक्त ऑनलाइन ग्रॉसरी ऐप जियो मार्ट, ऑनलाइन लाइफस्टाइल पोर्टल AJio, ई-फॉर्मेसी नेटमेड्स, ऑनलाइन लॉन्जरी जिवामी है। इसके अलावा रिलायंस डिजिटल, रिलायंस ज्वैल्स भी है। रिलायंस ने अगस्त में फ्यूचर ग्रुप को खरीदा, जिसके पास पहले से ही ऑनलाइन रिटेल वेबसाइट है।
दूसरी तरफ टाटा ग्रुप के पास 17 लिस्टेड कंपनियां हैं। कंपनी का ई-कॉमर्स वेंचर टाटा क्लिक है। इसके अलावा इसकी रिटेल सेक्टर की सहयोगी कंपनी ट्रेंट है। ऑनलाइन ग्रॉसरी, फार्मेसी, फाइनेंशियल सर्विस और इंटरनेटमेंट में भी टाटा ग्रुप निवेश की तैयारी कर रहा है।
रिलायंस और टाटा के सुपर ऐप में इन सभी सर्विसेज को एक प्लेटफॉर्म पर लाया जाएगा। इन सुपरऐप्स को बेहतर बनाने के लिए रिलायंस के पास फेसबुक और गूगल जैसे टेक्नोलॉजी पॉवर हाउस हैं तो टाटा ग्रुप के पास उनकी अपनी टेक्नोलॉजी फर्म TCS है। TCS फिलहाल मार्क्स एंड स्पेंसर्स को ई-कॉमर्स की सर्विस मुहैया करा रही है।
कैसे प्रभावित होंगे अमेजन और फ्लिपकार्ट?
घरेलू कंपनियां होने के नाते टाटा और रिलायंस को फायदा मिलेगा। रॉयटर्स के मुताबिक भारत सरकार ई-कॉमर्स में विदेशी निवेश के नियमों में बदलाव करने वाली है। इससे अमेजन, फ्लिपकार्ट (वॉलमार्ट) सहित विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियां प्रभावित होंगी।
कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसी कंपनियों की सरकार से शिकायत की थी। उन्होंने इन विदेशी कंपनियों को FEMA और FDI नियमों का उल्लंघन करने वाला बताया था। उनका आरोप था कि कंपनियां गैरकानूनी तरीके से संरचना निर्माण, निवेश और तौर-तरीकों के जरिए देश के कानूनों का उल्लंघन कर रही हैं।
भारत विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों को सिर्फ मार्केट प्लेस ऑपरेट करने की अनुमति देता है। यानी वो सिर्फ ग्राहक और विक्रेता को प्लेटफॉर्म मुहैया करा सकती हैं। ये नियम विदेशी कंपनियों को सामान रखने और उसे अपने प्लेटफॉर्म पर बेचने से रोकता है। जबकि भारतीय कंपनियों को इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है।
ई-कॉमर्स के छोटे प्लेयर्स का क्या होगा?
अमेजन और फ्लिपकार्ट के अलावा कई छोटे प्लेयर्स ने अपने-अपने सेगमेंट में जगह बनाई है। ऐसे प्लेटफॉर्म्स पर खास तरह के ग्राहकों के लिए जरूरत का सामान मिलता है। जैसे- नायका, फर्स्टक्राय, बुक माय शो और मेक माय ट्रिप। भारत की दो दिग्गज कंपनियों के सुपरऐप आने के बाद इन छोटे खिलाड़ियों का बिजनेस भी प्रभावित हो सकता है।
क्या भारतीय सुपरऐप के लिए तैयार हैं?
देसी ऐप ‘हाइक’ ने 2018 में कई सेवाओं को मिलाकर सुपरऐप बनाने की कोशिश की थी लेकिन प्रयोग असफल रहने के बाद उसने यह प्लान छोड़ दिया। इसके बाद हाइक के संस्थापक कविन भारती मित्तल ने कहा था, ‘हमने पाया कि यह भविष्य नहीं बन सकता।’
नोएडा स्थित एक रिसर्च कंपनी की सुकृति सेठ के मुताबिक, ‘भारतीय ग्राहक कोई भी चीज खरीदने से पहले कई विकल्पों को देखना चाहते हैं। उदाहरण के लिए ग्राहक राशन खरीदने से पहले ग्रोफर्स और बिग बास्केट दोनों को ही चेक करते हैं।’
क्या वॉट्सऐप से भी मिलेगी सुपरऐप को टक्कर?
ग्रॉसरी, लाइफस्टाइल शॉपिंग से पेमेंट तक सारी सुविधाएं वॉट्सऐप पर भी उपलब्ध होने वाली हैं, ऐसे में क्या इन सुपरऐप की जरूरत पड़ेगी और क्या वॉट्सऐप से भी इन्हें टक्कर मिलेगी?
कंज्यूमर बिहेवियर एक्सपर्ट अजय कुमार कहते हैं, ‘टाटा और रिलायंस दोनों का फोकस अपनी ऐप को प्रमोट करना नहीं होगा, उनका फोकस अपने बिजनेस को प्रमोट करना होगा। वॉट्सऐप भी इसमें मदद करेगा। वॉट्सऐप ग्राहकों की रुचियों, बजट, बिहेवियर के बारे में जानकारियां जुटाएगा। इनका इस्तेमाल करके टाटा या रिलायंस जैसे सुपरऐप्स ग्राहकों की जरूरत और बजट के मुताबिक प्रोडक्ट उपलब्ध करवा सकेंगे।