इंदौर। नगर निगम में आने वाले 8 से 10 दिनों में बड़ी सर्जरी होना है और कई अधिकारियों के विभाग बदलने से लेकर झोनल अधिकारियों को भी बदला जाएगा। इसके लिए महापौर और निगम कमिश्नर के बीच चर्चा हो चुकी है, क्योंकि कई प्रोजेक्ट अफसरों की लापरवाही से अधूरे पड़े हैं। वहीं शहर में कई विकास कार्यों में भी लापरवाही के चलते अफसरों को हटाया जाना है। नगर निगम ने कई सडक़ों के काम शुरू कराए थे, लेकिन विभिन्न कारणों के चलते वे अब तक अधूरे ही पड़े हैं। इनमें इमली बाजार चौराहे से मरीमाता और सोनकर धर्मशाला से रावजी बाजार सहित कई अन्य सडक़ों और कुछ विकास कार्यों के मामले हैं।
सूत्रों के मुताबिक कल महापौर पुष्यमित्र भार्गव और निगम आयुक्त शिवम वर्मा के बीच शहर के कई विकास कार्यों को लेकर चर्चा हुुई थी, जिसमें कुछ अधिकारियों की लापरवाही पर भी चर्चा की गई, क्योंकि निगम में अफसरों की कमी है और कई अधिकारियों को चार से पांच जिम्मेदारियां दे दी गई हैं, जिसके चलते वे पूरी तरह कार्यों को अंजाम नहीं दे पा रहे हैं। इसके साथ ही कई विभाग प्रमुख भी योजनाओं के मामले में लापरवाही कर रहे हैं, जिनकी शिकायतें मेयर से लेकर कमिश्नर तक पहुंची थीं। कई बीओ-बीआई भी इससे प्रभावित होंगे, क्योंकि उन्हें कुछ जगह झोनल अधिकारियों के साथ-साथ अन्य विभागों का भी प्रभार दे रखा है। कुछ दिनों पहले ही निगम कमिश्नर ने अफसरों को अधूरे पड़े कार्यों को लेकर फटकार लगाई थी और बारिश के पूर्व शहर में तमाम तैयारियां करने के निर्देश दिए थे। वहीं नदी-नालों की सफाई का अभियान भी पिछड़ा हुआ है। कुछ समय पहले तक साफ-सफाई का अभियान चल रहा था, लेकिन वह भी अब बंद हो गया है। इसी के चलते आने वाले 10 से 15 दिनों में कई झोनल अधिकारी और विभाग प्रमुखों को हटाकर नए अफसरों को जिम्मेदारियां दी जाएंगी।