मध्य प्रदेश का इतिहास स्वर्णिम रहा है। यह उन चार राज्यों में शामिल रहा, जहां 1992 में भाजपा सत्ता में थी। 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद सरकार को बर्खास्त कर दिया गया था। अब 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा है, इसे लेकर पूरे राज्य में खुशी का माहौल है। सरकार की ओर से 22 जनवरी के दिन हाफ डे का ऐलान किया गया है।
मध्य प्रदेश में कुछ इस तरह चल रही तैयारी
तैयारियों की बात करें तो उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में बनाए गए पांच लाख लड्डुओं से लेकर राज्य भर के मंदिरों में सरकार ने प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारियां तेज कर दी हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि जश्न में मध्य प्रदेश पीछे नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि ‘दो हजार साल पहले, राजा विक्रमादित्य ने राम मंदिर के निर्माण में मदद की थी। उस मंदिर को 500 साल पहले बाबर ने ध्वस्त कर दिया था, तो जब मंदिर का अभिषेक किया जा रहा है तो मध्य प्रदेश कैसे पीछे रह सकता है?’
महाकालेश्वर मंदिर प्रशासन ने कहा कि उन्होंने सीएम के निर्देशों के बाद 250 क्विंटल लड्डू अयोध्या रवाना हो गए हैं। अधिकारियों ने कहा कि ‘खेप तैयार करने में लगभग पांच दिन लगे और प्रसादी को अयोध्या तक पहुंचाने के लिए पांच कंटेनर मंगाने पड़े।’
मंदिर प्रशासन ने बताया कि लड्डुओं के डिब्बों को पैक करने के लिए 100 लोगों को लगाया जाएगा। सीएम ने कहा कि राज्य के लोगों को केंद्र द्वारा प्रदान की गई विशिष्ट तिथियों पर दर्शन के लिए अयोध्या भेजा जाएगा। शपथ ग्रहण के बाद से सरकार का ध्यान राम मंदिर समारोह पर है। अपनी पहली कैबिनेट बैठक में, सीएम ने घोषणा की कि राज्य समारोह के लिए अयोध्या जाने वाले राम भक्तों का स्वागत करेगा। कई आयोजनों में, उन्होंने राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान किए गए ‘राज्य के बलिदानी कार सेवकों’ के बारे में भी बात की है। उन्होंने अयोध्या को लेकर राजा विक्रमादित्य का उल्लेख भी किया।
लाइवस्ट्रीम और ‘भंडारा’
स्थानीय स्तर पर अधिकारी इस समारोह को मनाने के लिए कदम उठा रहे हैं। इंदौर के मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने इस सप्ताह की शुरुआत में शहर के सभी मॉल और दुकानों को राम मंदिर की प्रतिकृतियां स्थापित करने के निर्देश देकर विवाद खड़ा कर दिया था। महापौर ने यह भी चेतावनी दी कि इंदौर के लोग ‘उन लोगों को जवाब देना जानते हैं, जो सहयोग करने में विफल रहेंगे।’
अतिरिक्त मुख्य सचिव (धार्मिक न्यास और बंदोबस्ती मंत्रालय) ने शुक्रवार को एक परिपत्र जारी कर निर्देश दिया कि 16 से 22 जनवरी 2024 तक राज्य भर के मंदिरों में राम कीर्तन और अन्य धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि ‘राज्य के सभी मंदिरों में दीपक जलाए जाने चाहिए। हर घर में रोशनी के त्योहार के लिए आम लोगों को जागृत किया जाना चाहिए।’
सरकार ने राम मंडलों (स्वयंसेवकों) को अपने पड़ोस और गांवों में स्थानीय कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया है। सीएम ने कहा कि वह ‘राज्य के मुख्य मंदिर अयोध्या से समारोह का सीधा प्रसारण करेंगे।’ नोटिस में कहा गया है कि ‘अयोध्या में उक्त कार्यक्रम का सीधा प्रसारण राज्य के प्रमुख मंदिरों में टीवी स्क्रीन लगाकर किया जाना चाहिए। उक्त मन्दिरों में होने वाले आयोजनों में आम जनता को विशेष रूप से आमंत्रित किया जाये तथा आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित की जाएं।’
सरकार भंडारे (सामुदायिक भोज) भी आयोजित करेगी और प्रमुख मंदिरों में राम और सीता की कहानियों पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों की एक श्रृंखला की मेजबानी करेगी। इसके अलावा, राज्य के अधिकारियों को ‘स्थानीय निकायों और स्थानीय लोगों के सहयोग से विशेष ट्रेनों और सड़क मार्गों से अयोध्या जाने वाले तीर्थयात्रियों के सम्मान और स्वागत के लिए’ व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया गया है।
सरकार 14 से 21 जनवरी तक अपने कार्यालयों सहित सभी शहरों और गांवों में विशेष सफाई अभियान चलाएगी। भाजपा के नेतृत्व वाले प्रशासन ने कहा कि सभी सरकारी भवनों, स्कूलों और कॉलेजों को सजाया जाएगा। संस्कृति विभाग द्वारा प्रदेश के रतलाम, मंदसौर, उज्जैन, इंदौर, खंडवा, आगर-मालवा, देवास, सीहोर, छिंदवाड़ा, जबलपुर, अनुपपुर, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, ग्वालियर, दतिया जिलों में श्रीरामचरित लीला कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे।