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26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड पर फिर पेंच:कुछ किसान नेताओं ने कहा- पुलिस का दिया रूट मंजूर नहीं; यह किसानों के साथ धोखा होगा, हम रिंग रोड पर ही परेड करेंगे

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नई दिल्ली

26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड को लेकर किसानों और दिल्ली पुलिस के बीच बनी सहमति के बीच अब एक और पेंच फंसता नजर आ रहा है। किसान आंदोलन से जुड़े कुछ गुटों ने कहा कि हमें परेड के लिए दिल्ली पुलिस की तरफ दिया गया रूट मंजूर नहीं है। हम दिल्ली की रिंग रोड पर ही परेड करेंगे।

किसान मंजदूर संघर्ष कमेटी के संयुक्त सचिव सवरन सिंह पंढेर ने कहा, ‘दिल्ली पुलिस ने टीकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर से एंट्री का जो रूट दिया है, किसान उस परेड नहीं करेंगे। हम पहले की योजना के मुताबिक रिंग रोड पर ही परेड करेंगे।’ उन्होंने कहा कि हमने संयुक्त किसान मोर्चा के सामने ये बात रख चुके हैं कि रिंग रोड के अलावा किसी दूसरे रूट पर सहमति नहीं देनी है, लेकिन हमारी बात नहीं सुनी गई।

पंढेर ने कहा, ‘हमने पंजाब से किसानों को रिंग रोड पर ही परेड के लिए बुलाया है। ऐसे में दूसरे रोड पर परेड करवा कर उनके साथ धोखा नहीं कर सकते हैं। किसान नेता सुखविंदर सिंह सबरा ने भी मीडिया से बातचीत में कहा कि हमें दिल्ली पुलिस का दिया रूट मंजूर नहीं है, हम पहले की तरह रिंग रोड पर परेड करने की अपनी बात पर कायम हैं। कुछ और किसान नेताओं ने भी यह मांग की कि पुलिस को रिंग रोड पर परेड की अनुमति देनी चाहिए।

किसानों के संयुक्त मोर्चे ने कहा- इन संगठनों से हमारा कोई संबंध नहीं है
आंदोलन में आए किसान संगठनों की ओर से एक संयुक्त मोर्चा बनाया गया है। जो सभी संगठनों की तरफ से सरकार और पुलिस से बात कर रहा है। कई दौर की वार्ता के बाद किसान संगठनों के संयुक्त मोर्चे ने दिल्ली पुलिस के दिए रूट को मान लिया था। कुछ किसान संगठनों के पुलिस के दिए रूट पर सहमत न होने के बारे में जब संयुक्त मोर्चे के पदाधिकारियों से बात की गई तो उनका कहना था कि किसान मजदूर संगठन का हमारे मोर्चा से संबंध नहीं है।

सिंघु बॉर्डर पर कांग्रेस सांसद के साथ धक्का-मुक्की
लुधियाना से कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू को रविवार रात दिल्ली में सिंघु बॉर्डर पर विरोध का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया, ‘हम किसान नेताओं की बैठक में भाग लेने गए थे। वहां कुछ लोग हम पर घात लगाए बैठे थे। ये लोग लाठी और अन्य हथियारों से लैस थे।’ बिट्टू ने कहा, ‘ हम लोगों पर हमला किया गया है। हमारी पगड़ी पर हमला किया गया। कुछ लोग हैं, इनसे सरकार और एजेंसी निपट लेंगी। 26 जनवरी को जो होना था वो आज ही एक्सपोज हो गया। उनके हाथ में झंडे थे, वो किसानों के झंडे नहीं थे।’ आरोप है कि सांसद पर हमला करने वाले लोग खालिस्तान के झंडे लिए हुए थे। सांसद ने कहा कि ऐसे तत्वों को यह झंडे लहराने के लिए 1 करोड़ से लेकर 80 लाख रुपये तक दिए जाते हैं और मैं पहले भी इनका टारगेट रहा हूं।

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