न्यूज 24 मप्र के रिपोर्टर हेमंत शर्मा को एसपी आशुतोष बागरी ने दी धमकी, प्रेस कांफ्रेंस बीच में छोड़कर चले गए
इंदौर। इसे इंदौर पुलिस की गुंडागर्दी ही कहेंगे कि सवाल पूछने पर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया को धमकी दी जा रही है। शराब सिंडिकेट गोलीकांड मामले में फरार आरोपी चिंटू ठाकुर और सतीश भाऊ ने पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया, जबकि पुलिस का दावा है कि दोनों आरोपियों को कनाड़िया बायपास से पकड़ा है। बुधवार दोपहर पुलिस की प्रेस कांफ्रेंस में न्यूज 24 मप्र के रिपोर्टर हेमंत शर्मा द्वारा आरोपियों द्वारा सरेंडर किए जाने संबंधी सवाल पूछने पर एसपी आशुतोष बागरी भड़क गए। उन्होंने लगभग धमकी के अंदाज में पत्रकार से उसका नाम पूछा और प्रेस कांफ्रेंस बीच में ही छोड़कर चले गए।
सवाल पूछने से भड़के एसपी ने कहा कि इतनी इंफर्मेशन राम जाने आपकों कहा से मिल गई है। या तो आप मनगडंत तरीके से मन में कयास लगा रहे हैं। ये सारी चीजे पूछताछ के बाद पता चलेगी, इसलिए अभी बिना पूछताछ के मतलब यह बात अभी हमें पता नहीं है और आपकाें पता है, ये भी एक प्रश्न का विषय है कि आपकों कैसे पता है। इस पर मीडियाकर्मियों ने कहा कि आपके अधिकारी की रिकार्डिंग है उनके पास। यह सुनकर एसपी बोले कि पुलिस आरोपियों से पूछताछ करेगी और उसमें जो बातें सामने आएंगी वह ऑथेंटिक होगी।
(प्रेस कांफ्रेंस अधूरी छोड़कर जाते एसपी)
यह था मामला
सोमवार को विजय नगर की स्कीम-74 स्थित शराब कारोबारियों के सिंडिकेट ऑफिस में शराब कारोबारी चिंटू ठाकुर और हेमू ठाकुर ने शराब ठेकेदार अर्जुन ठाकुर को गोली मारकर घायल कर दिया था। वारदात के बाद आरोपी फरार हो गए थे। विजयनगर पुलिस ने चिंटू ठाकुर, हेमू ठाकुर, सतीश भाऊ व अन्य पर कातिलाना हमले का केस दर्ज किया था। पुलिस ने आरोपियों पर 10 हजार का इनाम भी घोषित किया था। पुलिस आरोपियों को पकड़ पाती उससे पहले ही चिंटू ठाकुर और कुख्यात गैंगस्टर सतीश भाऊ ने बुधवार तड़के सरेंडर कर दिया। हालांकि पुलिस का दावा है कि दोनों आरोपियों को कनाड़िया बायपास से पकड़ा है।
(गृह मंत्री ने पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई करने के संकेत दिए है।)
अनियंत्रित हुए अपराध, पुलिस के उच्च अधिकारियों पर जल्द गिरेगी गाज
वर्तमान में शहर में अपराध अनियंत्रित हो चुके हैं। गुंड़े सरेआम गोली चलाकर आराम से फरार हो रहे हैं। लूट, डकैती, हत्या, दुष्कर्म का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है, ऐसा प्रतीत हो रहा है मानों अपराधियों के मन में पुलिस का खौफ ही नहीं बचा है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए पुलिस के उच्च अधिकारियों पर जल्द गाज गिरने के संकेत मिले है। संतोष सिंह जब डीआईजी थे उस समय अपराधियों में उनका खौफ था। हरिनारायणचारी मिश्र के डीआईजी बनने पर भी अपराध नियंत्रण में रहा। इन दोनों अधिकारियों ने गुंडे बदमाशों के प्रति सख्त रवैया अपनाया था। वहीं एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र ने भी अपराध पर नियंत्रण रखा था। लेकिन पिछले कुछ समय से शहर की फिजा में अपराध घुल गया है। इंदौर को ऐसे सख्त छवि वाले अफसर की आवश्यक्ता है जो अपराधियों का एनकाउंटर करने से भी पीछे ना हटे। अपराधियों से त्रस्त जनता की आवाज जनप्रतिनिधियों ने मप्र के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्र तक भी पहुंचा दी है। अब इंदौर के बड़े पुलिस अधिकारियों पर जल्द गाज गिरने वाली है।