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बीआरएस की जनसभा में विपक्ष की एकजुटता शक्ति-प्रदर्शन,

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तेलंगाना में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (BRS) की थोड़ी देर में खम्मम शहर में एक जनसभा आयोजित करेगी। इस जनसभा में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उनके पंजाब समकक्ष भगवंत मान, केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव और भाकपा के डी राजा भी शामिल होने पहुंचे।तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) का नाम बदलकर बीआरएस किए जाने के बाद यह पहली सार्वजनिक बैठक है। इस कारण ये बैठक राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। इसके अलावा इसमें तमाम विपक्षी दलों जैसे- आम आदमी पार्टी (AAP), सपा और वामपंथी नेता सभी एक साथ नजर आएं।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री और बीआरएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव ने बुधवार को खम्मम में आयोजित विशाल रैली को संबोधित करते हुए देश की जनता को आगाह किया कि हमें धार्मिक उन्माद से बचना होगा. देश भर में सभी सेक्यूलर ताकतों को मिलकर बीजेपी को सत्ता से हटाना होगा. इस दौरान उन्होंने कहा कि बीआरएस के सत्ता में आने पर देशभर के किसानों को फ्री बिजली दिया जाएगा. साथ ही हर घर में शुद्ध पेय जल सुविधा दी जाएगी. इसके बाद देश में रायतुबंधु योजना को लागू किया जाएगा. इस योजना के तहत प्रत्येक किसान को दस हजार रूपए प्रति एकड़ हर साल फ्री सहायता राशि दी जाएगी.

वहीं, केसीआर ने कहा कि केन्द्र में सत्ता परिवर्तन होने पर अग्निपथ भर्ती योजना को समाप्त कर दिया जाएगा. इसके साथ ही देश में हर साल पचीस लाख परिवार को दलित बंधु सुविधा दी जाएगी. इस योजना में दलित युवा को दस लाख रूपए स्वरोजगार के लिए दिया जाएगा, साथ ही कोई राशि सरकार को नहीं लौटाना होगा. केसीआर ने कहा कि भारत में 83 करोड़ एकड़ भूमि है, जबकि मात्र 41 करोड़ एकड़ भूमि पर खेती की जा रही है. अमेरिका मात्र 29 प्रतिशत भूमि पर खेती कर पा रहा है. भारत में विशाल फूड चेन खोलने की भारी क्षमता है. यहां विश्व का सबसे बड़ा फूड चेन बन सकेगा, जिससे युवाओं को रोजगार मिलेगा, लोगों को पिज्जा खाने से मुक्ति मिलेगी.

मोदी सरकार LIC का कर रही निजीकरण- KCR

इस दौरान केसीआर ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है. जहां उन्होंने कहा कि मोदी सरकार एलआईसी का निजीकरण कर रही है, इसलिए एलआईसी कर्मचारियों को बीआरएस के साथ आना चाहिए. हालांकि, इस रैली में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और सीपीआई नेता डी राजा समेत कई नेता मौजूद रहे.

BJP भ्रमजाल की पार्टी, सावधान रहने की है जरूरत- पूर्व CM

वहीं, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव को सभी नेताओं को इस रैली में एक मंच पर लाने के लिए आभार जताया है. अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी ने कार्यकारिणी की बैठक में अपना कार्यकाल चार सौ दिन ही शेष मान लिया है, तो इस केन्द्र सरकार का जाना तय हो गया है. जो सरकार अपना दिन गिनने लगे, वह अब रूकने वाली नहीं है. बीजेपी को जी 20 की अध्यक्षता का मौका मिला है, वे इसका उपयोग केवल चुनाव प्रचार के लिए करेंगे. चूंकि,बीजेपी भ्रमजाल की पार्टी है. इससे सावधान रहने की जरूरत है.

मोदी साहब कर रहे हैं तंग- CM केजरीवाल

खम्मम में आयोजित रैली को संबोधित करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पहली बार कई मुख्यमंत्री इकट्ठा होकर काम कर रहे हैं. हम सब एक साथ बैठकर राजनीति की बातें नहीं करते हैं, बल्कि देश में किसानों और मजदूरों के हालत को बेहतर बनाने पर विचार करते हैं. अगले साल सभी को मिलकर बीजेपी को उखाड़ फेंकना है. केजरीवाल ने कहा कि तेलंगाना के राज्यपाल यहां के मुख्यमंत्री केसीआर को तंग करते हैं.

वहीं, पंजाब के राज्यपाल भी मुख्यमंत्री भगवंत मान को तंग करते हैं. इसके साथ ही दिल्ली के एलजी मुझे तंग करते हैं. इसके अलावा तमिलनाडु के राज्यपाल मुख्यमंत्री को तंग करते हैं. ये सभी राज्यपाल तंग नहीं कर रहे हैं. मोदी साहब तंग कर रहे हैं, जिस देश का प्रधानमंत्री दिनभर यह सोचे कि किसे तंग करना है तो देश तरक्की कैसे करेगा. प्रधानमंत्री सोचते हैं कि कहां सीबीआई को भेजना है और कहां ईडी भेजना है,किस पार्टी का विधायक खरीदना है. इससे देश तरक्की नहीं कर सकता है.

BJP जुमला पार्टी- भगवंत मान

इस दौरान अपने भाषण में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि बीजेपी जुमला पार्टी है. जहां उन्होंने कहा कि बीजेपी ने दो करोड़ रोजगार देने का वादा, महंगाई हटाने का वादा, किसान की आय दोगुना करने का वादा सब जुमला साबित हुआ है.

विधायी शक्ति को छीना जा रहा- पिनरायी विजयन

केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने कहा कि केन्द्र की बीजेपी सरकार राज्य के अंतर्गत आने वाले विषयों पर भी बिना राज्य सरकार से सलाह लिए कानून में बदलाव कर रही है. अब केन्द्र सरकार ही कानून व्यवस्था, कृषि और बिजली जैसे राज्य सरकार के विषयों पर बिना राज्य सरकार की सलाह लिए कानून बना रही है. यह संघीय ढांचे पर सीधा प्रहार है. ऐसे में राज्य सरकार के विधायी शक्ति को छीना जा रहा है. फिलहाल, अब समय आ गया है कि हम सभी एकजुट होकर केन्द्र के इस रवैये का विरोध करें.

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