नई दिल्ली: बाजारों में मिलने वाली ‘कॉकटेल दवाओं’ पर जल्द ही बैन लग सकता है. सरकार ने इसके लिए ड्रग कंट्रोलर को एक्शन लेने को कह दिया है. यही वजह है कि ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) के कार्यालय सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन ने पहले ही इस पर काम करना शुरू कर दिया है और इन ‘कॉकटेल ड्रग्स’ पर प्रतिबंध की घोषणा एक महीने के भीतर की जा सकती है.
फिक्स्ड-डोज़ कॉम्बिनेशन ऐसी दवाएं हैं जो एक से अधिक दवाओं को मिलाकर बनाई जाती हैं, इन्हें कॉकटेल दवा कहा जाता है. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को कॉकटेल दवाओं की सूची पर कार्रवाई करने के लिए कहा है. DCGI ने 19 एफडीसी की एक सूची तैयार की है, इन दवाओं में फिजूल की दवाओं के कॉम्बिनेशन बताए जा रहे हैं.
2016 में 350 कॉकटेल दवाओं पर लगा था बैन
यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज के मनोचिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डॉ. भाटिया की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समिति द्वारा सूची की समीक्षा की जा चुकी है. यह जांच के दायरे में इसलिए भी है क्योंकि इसको खाने से लोगों में दवाओं पर रहने की आदत बन सकती है. 2016 में, मंत्रालय ने लगभग 350 कॉकटेल दवाओं पर प्रतिबंध लगाया था, जिससे 2700 से अधिक ब्रांडेड दवाएं प्रभावित हुई थीं.
कोडीन आधारित दवाओं के खात्मे पर फोकस
केंद्र सरकार कॉकटेल दवाओं के अलावा बाजार से कोडीन आधारित दवाओं को खत्म करने पर ध्यान दे रही है, क्योंकि कई सांसदों ने चिंता व्यक्त की थी कि यह दवा के रूप में नहीं बल्कि नशीले पदार्थों के रूप में अधिक इस्तेमाल किया जा रहा है. मंत्रालय ने अभी FDC पर तेजी से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. ऐसी संभावना है कि FDC पर प्रतिबंध की घोषणा एक महीने के भीतर की जा सकती है.