S P Mittal Ajmer
अजमेर में चल रहे ख्वाजा साहब के सालाना उर्स में 25 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भी पवित्र मजार पर चादर पेश की गई। इस अवसर पर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी, दरगाह कमेटी के अध्यक्ष सैयद शाही हुसैन, भाजपा सांसद भागीरथ चौधरी आदि उपस्थित रहे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी का संदेश भी पढ़कर सुनाया। मोदी ने अपने संदेश में उर्स के अवसर पर विश्व भर में ख्वाजा साहब के अनुयायियों को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि दुनिया को प्रेम, सौहार्द और बंधुत्व का संदेश देने वाले महान सूफी संत के वार्षिक उर्स पर दरगाह शरीफ पर चादर भेजते हुए मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हंू। भारत में विभिन्न पंथों मान्यताओं और आस्थाओं का सद्भावपूर्ण सह अस्तित्व हमारे देश की समृद्ध विरासत है। हमारे देश में संतों, पीरों व फकीरों ने शांति एकता और सद्भाव के पैगाम के जरिए राष्ट्र के सांस्कृतिक ताने बाने को सदैव मजबूती प्रदान की है। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भारत की महान आध्यात्मिक परंपराओं के प्रतीक हैं। गरीब नवाज द्वारा की गई मानवता की सेवा निरंतर पीड़ितों को प्रेरणा देती रहेगी। अनेकता में एकता हमारे देश की खूबसूरती है और सालाना उर्स विभिन्न मान्यताओं एवं आस्था के लोगों द्वारा इसी भावना को संजोते और सहजते हुए इसका उत्सव मनाने का अवसर है। आजादी के अमृत कालखंड में देश सामूहिक सामर्थ के जरिए प्रगति की नई ऊंचाइयों को छूने के लिए आगे कदम बढ़ा रहा है। मुझे विश्वास हैं कि सामूहिक सामर्थ के जरिए देश प्रगति की नई ऊंचाइयों को छुएगा। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 811वें उर्स पर मैं दरगाह अजमेर शरीफ से देश की खुशहाली और समृद्धि की कामना करता हंू।
इंसान फरिश्ता हो-संघ:
ख्वाजा साहब के सालाना उर्स में 24 जनवरी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ केंद्रीय कार्यसमिति के सदस्य और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संरक्षक इंद्रेश कुमार की ओर से भी पवित्र मजार पर चादर पेश की गई। इस मौके पर इंद्रेश कुमार ने अपने संदेश में कहा कि इंसान को शैतान नहीं फरिश्ता होना चाहिए। मैं दुआ करता हूं इंसानों में नफरत, दंगा, झगड़ा व हिंसा न हो बल्कि मोहब्बत, भाईचारा हो। सभी अपने अपने धर्म पर चलना दूसरों के धर्म में न दखल दें और न ही निंदा करें। धर्मांतरण नहीं बल्कि सभी धर्मों का सम्मान करें। सभी इंसान एक मालिक की संतान हैं, इसलिए छुआछूत नहीं, आपसी भाईचारा व समानता हो। आवाज दो हम सब एक हैं, हम कौम-हिन्दुस्तानी, हिन्दुस्तानी का अहसास करें। जो गरीब दुखी पीड़ित कमजोर हैं, उनसे प्यार करे, सम्मान दे और मदद भी करें।
सोनिया की चादर के साथ आएंगे गहलोत:
अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह में सालाना उर्स के मौके पर पवित्र मजार पर चादर चढ़ाने की परंपरा है। इस परंपरा को निभाते हुए ही मुख्यमंत्री अशोक की ओर से 25 जनवरी को वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष खानू खान बुधवाली ने चादर पेश की। इस मौके पर गहलोत स्वयं उपस्थित नहीं रहे। गहलोत अब 27 जनवरी को सोनिया गांधी की चादर को लेकर अजमेर आएंगे। इस अवसर पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्किार्जुन खडग़े की ओर से भी चादर पेश की जाएगी। दोनों चादरों के समय गहलोत खासतौर से उपस्थित रहेंगे। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी उपस्थित रहेंगे।
पाक दल भी पहुंचा:
पाकिस्तान से 240 सदस्यों का एक दल ख्वाजा उर्स में भाग लेने के लिए 25 जनवरी को अजमेर पहुंच गया। पाक जायरीन दल पुरानी मंडी स्थित गवर्नमेंट सेंट्रल गर्ल्स स्कूल में ठहरेगा। पाक दल के ठहराव के कारण लड़कियों का यह स्कूल आगामी पांच फरवरी तक बंद रहेगा। पाक जायरीन के लिए अजमेर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
ख्वाजा साहब के बाहर निकली तिरंगा रैली:
सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के बाहर 811 वें सालाना उर्स के मौके पर पहली बार तिरंगा वितरण किया गया। गणतंत्र दिवस से एक दिवस पूर्व दरगाह के बाहर तिरंगा वितरण करने की परंपरा रही है। यह पहला मौका है, जब उर्स के दौरान गणतंत्र दिवस आया है। कार्यक्रम के संयोजक नवाब हिदायतुल्ला हाजी महमूद खान ने बताया कि गणतंत्र दिवस के मौके पर हर घर में तिरंगा लहराए और आमजन भी राष्ट्रीय पर्व को अपने धार्मिक रूप में मनाएं, इसी उद्देश्य से तिरंगा वितरण किया जाता है। 25 जनवरी को 12 बजे ख्वाजा साहब की दरगाह के बाहर 811वें उर्स के दौरान माहौल देश भक्ति में सराबोर हो गया, हर कोई हाथ में तिरंगा उठाए अपने गणतंत्र पर गर्व महसूस कर रहा था, सभी ने संकल्प लिया कि जिस प्रकार से हम अपने धार्मिक पर्व मनाते हैं, उसी प्रकार से गणतंत्र दिवस को भी मनाएंगे। सभी पदाधिकारियों ने स्थानीय दुकानदारों को तिरंगे झंडे वितरित किए। इस मौके पर दरगाह के खादिम नफीस मियां चिश्ती सैयद गुलजार चिश्ती, जिला बार एसोसिएशन के सदस्य एडवोकेट फैयाज उल्ला काजी मुनव्वर अली मोहम्मद शब्बीर सैयद इकबाल सलमान खान अनवर पहलवान मोहम्मद यासीर अब्दुल नईम खान मुनव्वर सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।