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किस्तान के नए प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ सोमवार को लेंगे शपथ

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23 दिनों की मशक्कत के बाद आखिर पाकिस्तान को उसका नया प्रधानमंत्री मिल ही गया। शाहबाज़ शरीफ पाकिस्तान के 24वें प्रधानमंत्री चुने गए हैं। पाक संसद में उन्हें सबसे ज्यादा 201 वोट मिले। तो वहीं उनके प्रतिद्वंदी PTI के नेता उमर अयूब खान को सिर्फ 92 वोट मिले, इसके बाद स्पीकर ने प्रधानमंत्री के रूप में शाहबाज शरीफ के नाम की घोषणा की, इसके बाद PMLN और PPP समेत सभी पार्टियों के सदस्यों ने उनसे हाथ मिलाकर उन्हें बधाई दी। हालांकि वोटिंग की शुरुआत में ही माना जा रहा था कि शाहबाज़ शरीफ आसानी से इस रेस को जीत जाएंगे।

अब शाहबाज़ शरीफ कल यानी सोमवार 4 मार्च को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। इस शपथ ग्रहण समारोह में सभी नेताओं को बुलावा भेजने की तैयारी की जा रही है। अब पाकिस्तान में जल्द ही गठबंधन की सरकार का गठन होगा और ये गठन शाहबाज शरीफ की PMLN और बिलावल भुट्टो की PPP में होगा, इसके साथ ही कई छोटी पार्टियों का समर्थन भी शाहबाज़ को मिला है।

गठबंधन में आ रही थीं कई दिक्कतें

दरअसल पाकिस्तान के चुनाव के नतीजों ने किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं दिया है। इसलिए मुख्य पार्टियां इमरान खान (Imran Khan) की PTI, नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) की PML-N और बिलावल भुट्टो की PPP ने जोड़तोड़ और गठबंधन की सिय़ासत खेल खेला। बिलावल भुट्टो के PML-N को समर्थन देने के बाद पार्टी के अध्यक्ष शाहबाज़ शरीफ ने प्रेस-कांफ्रेंस कर ये भी बता दिया था कि उनका पार्टी से ही अब देश को नया प्रधानमंत्री मिलेगा। लेकिन PPP और PML-N के एक साथ आने के बावजूद वो बहुमत को छू भी नहीं पा रहे थे, ऐसे में उन्हें पाकिस्तान (Pakistan) के दूसरे सियासी दलों और निर्दलियों का भी साथ लेना पड़ा।

क्या था Pakistan का चुनावी गणित ?

10 फरवरी को आए पाकिस्तान के चुनाव नतीजों ने हर किसी को हैरान कर दिया था, क्योंकि इन नतीजों में किसी को भी बहुमत नहीं मिला। पाकिस्तान में 266 सीटों पर मतदान हुआ था। जबकि यहां की नेशनल एसेंबली में 366 सीटें हैं, बाकी 70 सीटें आरक्षित हैं। इनमें से 10 सीटें गैर मुस्लिमों के लिए हैं और बाकी 60 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। इस चुनाव में इमरान खान की PTI ने 93 सीटें जीतीं, नवाज़ शरीफ़ की PML-N को महज़ 75 सीटें मिलीं और बिलावल भुट्टो की PPP को 54 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। इनके अलावा दूसरे छोटे दलों को 21 सीटें मिली हैं। लेकिन सरकार के लिए जिस मैजिक नंबर यानी बहुमत की जरूरत थी, उसका आंकड़ा 134 था, जो इनमें से किसी भी दल के पास नहीं था।

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