अखिल भारतीय शांति एवं एकजुटता संगठन के व्याख्यान में विभिन्न वक्ताओं के विचार
इंदौर। देश के प्रथम प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 1954 में विश्व को जो पंचशील के सिद्धांत दिये वे शांति पूर्ण सहअस्तित्व के साथ विकास के आधार हैं। आज जब रूस यूक्रेन जंग, इजराइल फिलिस्तीन विवाद चल रहे हैं, ऐसे दौर में नेहरू की प्रासंगिकता बढ़ जाती है। नेहरूजी के काल में भारत के पड़ोसी देशों से संबध अच्छे थे। आज उतने मधुर नहीं हैं। अत हमें अपनी विदेश नीति में सुधार करना होगा।
ये विचार विभिन्न वक्ताओं के हैं जो उन्होंने नेहरू, पंचशील और विश्व शांति विषय पर आयोजित व्याख्यान में कहे। आयोजन अखिल भारतीय शांति एवं एकजुटता संगठन ने श्री मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति सभागार में किया था।
मध्य प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन, भोपाल के अध्यक्ष पलाश सुरजन ने कहा कि आज भारत के पड़ोसी देशों के साथ संबंधों में जो खटाश बढ़ रही हैं, ऐसे समय में पंडित नेहरू याद आते है जो, हमेशा विश्व बंधुत्व और वसुधेव कुटुंबक की बातेँ करते थे। पंडित नेहरू मानवतावादी थे।
प्रख्यात कहानीकार , उपन्यास कार, एवं पत्रकार डॉ. अमिता नीरव ने कहा कि आज चारों और युद्ध और विवाद हो रहे हैं, जो तीसरे विश्व युद्ध की आहट हैं। एक तरफ रूस, चीन और ईरान का गुट है तो दूसरी तरफ अमेरिका है जो तनाव के साथ अशांति बढ़ा रहे हैं। ऐसे समय पंडित नेहरू बरबस याद आते हैं। नेहरू देश के प्रथम प्रधान मंत्री ही नहीं थे बल्कि देश के निर्माता थे। उन्होंने राष्ट् का निर्माण किया। नेहरू ने जो पंचशील के सिद्धांत दिये, वो दुनिया को शांति का संदेश था।
विषय प्रवर्तंन करते हुए प्रदेश महासचिव अरविंद पोरवाल ने कहा कि आज पंडित नेहरू के द्वारा दुनिया को दिये पंचशील के सिद्धांत को 70 वर्ष हो गए और आज हम पंडित नेहरू की 135 वी जयंती मना रहे है। भारत की आजादी के आंदोलन से प्रेरणा लेकर आगामी 10 वर्षो में करीब 150 देश आजाद हुए। पंडित नेहरू उपनिवेशवाद के खिलाफ थे। आज जब उग्र राष्टवाद ताकते सिर उठा रही हैं, ऐसे में पंडित नेहरू अधिक याद आते हैं।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सचिव एवं कांग्रेस के पूर्व विधायक सत्य नारायण पटेल ने कहा कि पंडित नेहरू महान शख्सियत थे और अच्छे इतिहासकार,
दार्शनिक और साहित्य कार थे।
एआईपीएसओ के अध्यक्ष सुरेश उपाध्याय ने कहा कि पंडित नेहरू सच्चे अर्थों में मानवतावादी थे। श्याम सुंदर यादव ने कहा कि देश में जो बड़े बड़े ओधोगिक एवं शिक्षा संस्थान है वे पंडित नेहरू की देन है।
इस मौके पर अनिल त्रिवेदी, डॉ. राजेश नीरव, डॉ. गौतम कोठारी, अरविंद पोरवाल, रामबाबू अग्रवाल, रामस्वरूप मंत्री, अजीज इरफान ने नेहरू, पंचशील और विश्व शांति पर फोल्डर का विमोचन किया। अतिथि परिचय शशिकांत गुप्ते ने किया। स्वागत सुशीला यादव, विजय दलाल,
रुद्रपाल यादव, जीवन मंडलेचा, फादर पायस, चुन्नीलाल वाधवानी ने किया। कार्यक्रम का संचालन विवेक मेहता ने किया। आभार माना राहुल निहोरे ने। इस मौके पर अतुल सेठ, हरेराम बाजपेई, आलोक बाजपेई, शुभा मिश्रा रामबाबू अग्रवाल, दिलीप वाघेला, ओ पी जोशी, प्रवीण जोशी, एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।