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प्रीमियम रेलगाडिय़ों से यात्रियों का मोह भंग,नहीं मिल रहे यात्री, सस्ती ट्रेनें निरस्त, घाटे में रेलवे

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भोपाल. भोपाल और रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से चल रहीं शताब्दी, जनशताब्दी राजधानी, दुरंतो एक्सप्रेस सहित वंदे भारत जैसी प्रीमियम रेलगाडिय़ों से यात्रियों का मोह भंग होता जा रहा है। यात्रियों को महंगी ट्रेनों की बजाय नियमित रूप से चलने वाली सस्ती ट्रेनों का सफर ज्यादा पसंद आ रहा है। उधर, पिछले 1 महीने से भोपाल रेल मंडल की अधिकांश नियमित रेल गाडिय़ों के डायवर्ट एवं निरस्त होने से रेलवे का राजस्व घाटा बढ़ गया है।
आठ गुना तक महंगा टिकट
वंदे भारत ट्रेन की यात्री संख्या का आंकलन कर नया किराया चार्ट जारी होना था जो अब तक जारी नहीं हुआ। भोपाल एवं आरकेएमपी से चलने वाली बाकी प्रीमियम ट्रेनों में भी किराया सस्ता होने का मामला अधर में हैं। आरकेएमपी से पिपरिया स्टेशन तक जो टिकट पहले अमरकंटक एक्सप्रेस में 130 रुपए का था वो अब विस्टा डोम और वंदे भारत में हजार रुपए का है।

भोपाल की ट्रेनों में ऑक्यूपेंसी रिपोर्ट
– 22187 जबलपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस के चेयर कार में वंदे भारत के चलने से पहले 33 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी थी। वंदे भारत के बाद अब इसमें 16 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी बची है।
– 20173-74 रानी कमलापति जबलपुर वंदे भारत की ऑक्यूपेंसी सीसी में 45-48 प्रतिशत और एग्जीक्यूटिव क्लास में 32 प्रतिशत है।
– 20911-12 भोपाल से इंदौर वंदे भारत की ऑक्यूपेंसी 25 से 30 प्रतिशत के करीब है।
– 12061-62 जबलपुर जनशताब्दी में सीसी में 54 प्रतिशत तो विस्टाडोम में 17 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी है। नए नियमों के बाद से विस्टाडोम यात्रियों को छूट मिल सकती है।
– 20171-72 आरकेएमपी से दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस में ऑक्यूपेंसी 88 प्रतिशत है।
– 12001-02 शताब्दी एक्सप्रेस में ऑक्यूपेंसी करीब 70 प्रतिशत सीटें बिक ही हैं।
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लगातार बैठकों में इस मुद्दे का जिक्र किया जाता है। लेकिन रेलवे इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। महंगी ट्रेनों की वजह से यात्रियों को आर्थिक बोझ सहना पड़ रहा है।
नीतेश लाल, सदस्य, जोनल रेलवे सलाहकार समिति

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