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भोपाल में कट्टे-पिस्टल की खुलेआम नुमाइश,सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ पोस्ट हो रहीं तस्वीरें

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भोपाल: राजधानी में अवैध हथियारों की तस्करी एक बड़ी समस्या बन गई है। पुलिस लगातार हथियार जब्त कर रही है, लेकिन फिर भी यह धंधा फलफूल रहा है। हाल ही में शाहपुरा में एक ज्वेलरी की दुकान में लूट की कोशिश हुई। इससे पता चलता है कि भोपाल में ‘गन कल्चर’ बढ़ रहा है। पुलिस हथियारों की सप्लाई चेन को ट्रैक करने की कोशिश कर रही है, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल रही है।पुलिस हथियार जब्त कर रही है पर स्रोत का पता नहीं चल पा रहा है। कुछ अपराधी सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ अपनी तस्वीरें पोस्ट कर रहे हैं। शाहपुरा में हाल ही में एक प्रयासित लूटपाट मामले में भी अवैध पिस्तौल का उपयोग हुआ।

शाहपुरा की घटना से हड़कंप

शाहपुरा में हुई घटना ने पुलिस की चिंता बढ़ा दी है। इस घटना में एक रिटायर्ड CISF हेड कांस्टेबल के बेरोजगार बेटे ने देशी पिस्तौल से लूट की कोशिश की। पूछताछ में उसने बताया कि उसने यह हथियार रायसेन में एक व्यक्ति से खरीदा था। उस व्यक्ति ने यह हथियार कानपुर, उत्तर प्रदेश से मंगवाया था।

कहां से आ रहे हथियार

पुलिस का कहना है कि वे नियमित रूप से छापेमारी करते हैं और हथियारों को जब्त करते हैं। हकीकत यह है कि अपराधी आसानी से हथियार हासिल कर रहे हैं। कई रिटायर्ड पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पुलिस अपराधियों को पकड़ने के बाद सिर्फ अपराध पर ध्यान देती है। वे हथियारों के स्रोत की जांच नहीं करते हैं। इसलिए, हथियारों का कारोबार करने वाले लोग बचे रहते हैं और अपना धंधा चलाते रहते हैं।

सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ पोस्ट हो रहीं तस्वीरें

शहर में एक और चिंताजनक चलन देखने को मिल रहा है। युवा सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ तस्वीरें पोस्ट कर रहे हैं। वे ऐसा अपने दोस्तों को डराने और अपनी ताकत दिखाने के लिए करते हैं। कई अपराधी इन हथियारों का इस्तेमाल अपराध करने के लिए करते हैं। वे सोशल मीडिया पर हथियारों का प्रदर्शन करते हैं और लोगों को डराते हैं।

निगरानी कर रही क्राइम ब्रांच

हाल ही में हुई जांच में पता चला है कि ज्यादातर लोग नकली हथियारों के साथ तस्वीरें खिंचवाते हैं। पुलिस ने हाल ही में ऐसे आठ मामले पकड़े हैं। उन्होंने बताया कि शाहपुरा में हुई लूट की कोशिश के मामले में पुलिस हथियारों की सप्लाई चेन की जांच कर रही है। इस मामले में भी हथियार उत्तर प्रदेश से लाया गया था। पुलिस इसकी जांच कर रही है।

हथियारों के कारोबार से मुनाफा

क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने बताया कि अवैध हथियारों की तस्करी एक लाभदायक धंधा बन गया है। हथियार तस्कर देशी कट्टों से लेकर आधुनिक पिस्तौल तक बेचते हैं। वे अपराधियों को हथियार बेचकर भारी मुनाफा कमाते हैं। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि शहर के ज्यादातर अपराधियों ने हथियार रखना शुरू कर दिया है। पुलिस उनकी गतिविधियों पर नजर रखती है, लेकिन वे इस खतरे को रोकने में नाकाम रहे हैं।

सिकलीगर नेटवर्क की अहम भूमिका

क्राइम ब्रांच के अधिकारियों का कहना है कि अवैध हथियार सिकलीगर नेटवर्क या उत्तर प्रदेश के रास्ते से लाए जाते हैं। लेकिन, पुलिस को अभी तक कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है। पिछले कुछ सालों में अवैध हथियारों की तस्करी के नए नेटवर्क बन गए हैं। इस पर नियंत्रण पाने के लिए एक बड़े अभियान की जरूरत है। DCP (क्राइम ब्रांच) अखिल पटेल ने बताया कि क्राइम ब्रांच अवैध हथियारों को जब्त करने के लिए नियमित रूप से छापेमारी करती है। वे सोशल मीडिया पर भी नजर रखते हैं।

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