यूपी में मानसून की दस्तक के बाद सियासी तनातनी के बादल भी गरजने लगे हैं। 29 जून को काशी में जमकर बारिश हुई। इतना पानी बरसा कि शहर में सभी अंडरपास, पॉश इलाके और सड़कों पर पानी भर गया। बनारस के इस हाल को दिखाते हुए अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने काशी की जलमग्न सड़कों की तुलना मजाकिया लहजे में वेनिस से कर दी।
अगली बारी सीएम योगी की थी। उन्होंने महज 15 घंटे के अंदर अखिलेश के इस ट्वीट का जवाब प्रयागराज में कार्यक्रम के दौरान दे दिया। सीएम योगी लूकरगंज में माफिया अतीक अहमद के कब्जे से छुड़वाई जमीन पर बने 76 फ्लैट्स को गरीबों को सौंपे। इसी दरमियान जब उन्होंने एक फ्लैट में लगे नल की टोंटी को घुमाया तो लोगों ने हंसते हुए तालियां बजाईं।
योगी यहीं नहीं रुके। उन्होंने मंच पर गरीबों को फ्लैट की चाबियां सौंपते हुए कहा, “हमारी सरकार गरीबों के साथ खड़ी है। पहले की सरकारें माफिया के साथ खड़ी होती थीं।” सीएम योगी के इस बयान को अब अखिलेश के ‘वेनिस’ वाले ट्वीट का जवाब माना जा रहा है।…
तारीख 29 जून, समय रात के 11 बजकर 6 मिनट। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए एक वीडियो ट्वीट किया। वीडियो में बारिश के पानी से लबालब भरे चौकाघाट के पुल के नीचे से लोग गुजर रहे थे। इसी जलभराव के बीच खड़े कुछ लोग गाड़ियों को निकालने का इशारा कर रहे थे।
बारिश में काशी की सड़कों का हाल दिखाते हुए अखिलेश ने लिखा- ‘बारिश ने आते ही भाजपाई विकास का सच दिखा दिया, काशी को क्योटो बनाने चले थे, लेकिन वेनिस बना दिया।’ अखिलेश के इस ट्वीट के बाद तमाम लोगों ने उनकी बात का समर्थन किया। काशी में बारिश के दौरान होने वाली दुश्वारियों की बात कही।
अखिलेश के इस ट्वीट को 2 लाख से ज्यादा लोगों ने देखा। जबकि 2500 से ज्यादा ने रीट्वीट किया। सुबह 9 बजे तक ये ट्वीट इतना वायरल हो गया कि इसे 10 हजार लोगों ने लाइक किया।
योगी ने 15 घंटे बाद ‘टोंटी’ घुमा दी…
अखिलेश के देर रात किए गए इस ट्वीट का जवाब योगी ने प्रयागराज में दिया। योगी प्रयागराज दौरे पर थे। दोपहर 1 बजे के करीब योगी ने लूकरगंज में माफिया अतीक अहमद के कब्जे से छुड़वाई जमीन पर बने 76 फ्लैट की चाबियां गरीबों को सौंपी। सीएम ने जिन 20 लोगों को फ्लैट दिए उनसे बातचीत भी की।
लाभार्थियों से संवाद के दौरान उन्होंने कहा, “2017 से पहले कोई भी यहां की जमीन पर कब्जा कर लेता था। अब हम उन्हीं जमीनों पर गरीबों के आवास बनवा रहे हैं। अब व्यापारियों और गरीबों को कोई परेशान नहीं करता। पीएम मोदी के नेतृत्व में 54 लाख लोगों को घर मिले हैं। पहले प्रदेश की सरकार किसी गरीब को आवास नहीं देना चाहती थीं। जल्द 10 लाख लोगों को नए घर मिलने वाले हैं।”
सीएम योगी सपा सरकार पर एक और तंज कसा। इस बार उन्होंने कहा, “हमारी सरकार गरीबों के साथ खड़ी है। पहले की सरकारें माफिया के साथ खड़ी होती थीं। पहले जमीनों पर सरकार से संरक्षित माफिया कब्जा करते थे। अब हमारी सरकार में ऐसा नहीं हो सकता है।” सीएम योगी लोगों को आवंटित किए गए फ्लैट्स में भी गए। वहां उन्होंने एक नल की टोंटी खोलकर पानी आते हुए दिखाया।
28 जून को अखिलेश ने सांड पर किया था ट्वीट
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ‘वेनिस’ वाले ट्वीट के एक दिन पहले यानी 28 जून को सांड का एक वीडियो ट्वीट किया था। इस ट्वीट में बीच-बाजार सांड एक आदमी पर हमला कर रहा है। जब दूसरा शख्स उसे डंडे से मारता है, तो सांड पीछे हट जाता है। इस बीच मौका पाकर पहला आदमी तखत के नीचे अपने आप को बचाने के लिए छिप जाता है।
इस ट्वीट में अखिलेश ने लिखा- ‘भाजपा राज में आपका जीवन सांड के हाथ में।’ इस ट्वीट को खबर लिखने तक 6 लाख लोग देख चुके हैं। वहीं 13 हजार से ज्यादा लोगों ने इसे लाइक किया है।
- अखिलेश का काशी की बारिश पर ट्वीट करना और सीएम योगी का टोंटी घुमाना अब सियासी एक्शन-रिएक्शन के तौर पर देखा जा रहा है। नेताओं के बीच इस नोक-झोंक पर हमने पॉलिटिकल एक्सपर्ट से भी बातचीत की। आइए उनकी बातों पर सुनते हैं…
‘अखिलेश के ट्वीट सेल्फ गोल जैसे, लोकसभा चुनाव में होगा नुकसान’
राजनीतिक मामलों के जानकार कुमार भवेश चंद्र कहते हैं, “यूपी की सियासत में मानसूनी बारिश का जिक्र काफी काफी पहले से होता रहा है। विपक्षी पार्टियां अक्सर बरसात में खराब व्यवस्था को ढाल बनाकर सत्ता पक्ष पर वार करती आई हैं। लेकिन मेरी समझ से ऐसा करना विपक्ष को और कमजोर कर देता है।
अखिलेश को चाहिए कि वह यूपी सरकार में गिरते रोजगार के स्तर, महंगाई और स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाएं, लेकिन वह कमजोर मुद्दों (जैसे सांड, बारिश) पर सरकार को घेर रहे हैं। ये सब करने से जनता पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। उलटा ये खुद सेल्फ गोल करने जैसा कदम होता है।”
‘लोकसभा चुनाव से पहले ऐसे सियासी दांव-पेंच और देखने को मिलेंगे’
लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार विवेक कुमार कहते हैं, “देखिए अब लोकसभा चुनाव होने में एक साल से भी कम का वक्त बचा है। अब वक्त आ गया है कि पार्टियां चुन-चुनकर सत्तापक्ष की कमियां गिनाएंगी। ताकि लोग समझ सकें कि कौन उनकी परवाह करता है और कौन नहीं।
योगी आने वाले दिनों में कोई बड़ी योजना लॉन्च करते हुए दिखेंगे तो अखिलेश उस प्रोजेक्ट को अपना बताएंगे। यही सियासत का रोचक हिस्सा है। मैं मानता हूं अभी तो ऐसे एक्शन-रिएक्शन की शुरुआत हुई है। आगे-आगे देखते जाइए कौन किस पर क्या-क्या कहेगा।”