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सिंधिया में आए बदलाव के सियासी मायने,कांग्रेस के लिए ज्योतिरादित्य क्यों हुए आक्रमक

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भोपाल: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस पर अचानक से आक्रामक हो गए हैं। सबसे पहले उन्होंने अपने पुराने दोस्त और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला किया है। इसके बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश से ट्विटर पर भिड़ गए हैं। एमपी विधानसभा चुनाव से छह महीने पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया की आक्रमकता देखकर कई तरह के सवाल हैं। कांग्रेस आरोप लगा रही है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में अपनी वजूद को बनाए रखने के लिए यह ऐसा रूप अपनाया है। सियासी जानकरों का कहना है कि चुनाव से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया पार्टी के निर्देशों का पालन कर रहे हैं।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने तीन दिन पहले कहा था कि राहुल गांधी और कांग्रेस ने अपनी व्यक्तिगत लड़ाई को लोकतंत्र की लड़ाई बता दिया है। उन्होंने कहा था कि मैं फर्स्ट क्लास और तुम सब थर्ड क्लास वाली मानसिकता ही कांग्रेस का चेहरा और चरित्र है। राहुल गांधी एक दम नीचले स्तर की राजनीति कर रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस बयान के बाद कांग्रेस उन पर बरस पड़ी है।

इतिहास पलटने लगे जयराम रमेश

सिंधिया के हमले पर पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश सामने आए हैं। जयराम रमेश ने सुभद्रा कुमारी चौहान की कविता ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘अंग्रेजों के मित्र सिंधिया ने छोड़ी राजधानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी।’ इस पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि कविता कम और इतिहास ज्यादा पढ़ें।

जयराम रमेश ने गुरुवार को फिर ट्वीट कर लिखा कि ‘इतिहास की कोई किताब उठा लीजिए। 1857 में रानी झांसी के साथ गद्दारी के मुद्दे पर सभी इतिहासकार एकमत हैं। आपके नए भगवान सावरकर ने भी अपनी किताब ‘1857 का स्वातंत्र समर’ में रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे और अन्य लोगों के साथ सिंधिया की गद्दारी का जिक्र किया है। इतिहास आप पढ़िए ‘

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जवाब देते हुए लिखा कि कभी 1857 के वीर शहीद तात्या टोपे के वंशज पराग टोपे की खुद की लिखी किताब ‘Operation Red Lotus’ पढ़िए; ज्ञात हो जाएगा कि किस प्रकार हम मराठे – सिंधिया, पेशवा और झांसी के नेवालकर अंग्रेजों के विरुद्ध एक साथ थे। मराठा आज भी एक हैं। कृपया यह “विभाजनकारी” राजनीति बंद करें।


ज्योतिरादित्य सिंधिया क्यों हुए आक्रमक

एमपी चुनाव से ठीक पहले आखिर ज्योतिरादित्य सिंधिया इतने आक्रामक क्यों हो गए हैं। सियासी गलियारों में इसकी चर्चा खूब तेज है। वरिष्ठ पत्रकार और एमपी की राजनीति को गहराई से समझने वाले अरुण दीक्षित ने कहा कि बीजेपी के खुद के नेताओं की छवि अच्छी नहीं है। वे उनके निशाने पर हैं। नई रणनीति के तहत उन कांग्रेसियों को आगे किया जा रहा है जो बीजेपी में आए हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया को अभी और भी बोलना पड़ेगा। उनके लिए यह एक टॉस्क है। हालांकि गुलाम नबी आजाद बीजेपी में आए बिना ही पीएम की तारीफ कर रहे हैं।

यह मुहिम का हिस्सा है

वरिष्ठ पत्रकार अरुण दीक्षित ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को आगे करने एक मुहिम का हिस्सा है। उसी के तहत ज्योतिरादित्य सिंधिया बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया पर कोई दबाव नहीं, पार्टी से निर्देश है। उन्हें हुकुम और इसे मानना होगा। अरुण दीक्षित ने कहा कि राहुल गांधी अभी एमपी चुनाव की तस्वीर से बाहर हैं। यहां लड़ाई है दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच है। इसकी वजह है कि अच्छी-भली चलती सरकार को गिराने का क्रेडिट ज्योतिरादित्य सिंधिया के खाते में जाता है। कांग्रेस की तरफ से ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपमानित करने की पूरी कोशिश होगी। ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस से गए भी थे दिग्विजय सिंह की वजह से।

दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया बैर पुराना

उन्होंने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह का बैर पुराना है। सिंधिया महाराज हैं तो दिग्विजय सिंह जागीरदार हैं। दिग्विजय सिंह उनके सामने महाराज कहकर झुकते हैं। ऐसे में यहां पूरी लड़ाई दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच है। दिग्विजय सिंह उनके गढ़ में लगातार घूम रहे हैं।


अपनी वजूद बचा रहे

सिंधिया के तेवर पर पूर्व सीएम कमलनाथ के मीडिया एडवाइजर पीयूष बवेले ने कहा कि ‘महाराज’ वहां मुख्यमंत्री बनने गए थे। उन्हें वहां सबसे पिछली कतार में बैठा दिया गया है। वह अपने इलाके में लगातार चुनाव हार रहे हैं। ऐसे में वह न तो कांग्रेस के बचे और न ही बीजेपी के बचे हैं। अपनी वजूद को बचाए रखने के लिए ऐसी बातें कर रहे हैं। पीयूष बवेले ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के ऊपर प्रेशर है कि हम तुम्हें पार्टी में लाए और परफॉर्म नहीं कर रहे हो। ऐसे में वह इस तरह की बातें कर रहे हैं।


कांग्रेस की याददाश्त कमजोर

कांग्रेस के हमले पर बीजेपी प्रवक्ता और ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि कांग्रेस की बुद्धि और याददाश्त दोनों कमजोर है।ज्योतिरादित्य सिंधिया जब से बीजेपी में हैं, वह लगातार कांग्रेस की नीतियों का आलोचना कर रहे हैं। राहुल गांधी ने ओबीसी वर्ग का अपमान किया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया अब बीजेपी का पक्ष रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की बुद्धिहीनता पर मुझे तरस आता है। पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि ऐसा कांग्रेस को लग रहा है कि वह ज्यादा आक्रामक हो गए हैं। सिंधिया जी वही बात कर रहे हैं जो बीजेपी बोल रही है।

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