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ममता बनर्जी के धरने से पश्चिम बंगाल की राजनीति गरमाई

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राजधानी कोलकाता में दो दिवसीय धरना दे रही हैं। ममता बनर्जी का आरोप है कि केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल के साथ भेदभाव कर रही है और इसी के विरोध में वह यह धरना दे रही हैं। कोलकाता के रेड रोड स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के सामने ममता बनर्जी धरना दे रही हैं और उनके साथ टीएमसी के कई बड़े नेता और पार्टी कार्यकर्ता भी धरना दे रहे हैं। ममता बनर्जी के इस धरने की स्थानीय मीडिया द्वारा भी लाइव कवरेज की जा रही है।

केंद्र सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार राज्य के साथ भेदभाव कर रही है। बनर्जी का आरोप है कि केंद्र सरकार ने उनका मनरेगा योजना का फंड रोक दिया है। साथ ही कई अन्य योजनाओं का भी पैसा रोकने का आरोप केंद्र सरकार पर लगाया गया है। ममता बनर्जी ने सभी राजनीतिक पार्टियों से भी आह्वान किया है कि वह अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में सभी राजनीतिक पार्टियां एकजुट होकर भाजपा से लड़ें।

पश्चिम बंगाल की राजनीति गरमाई
ममता बनर्जी के साथ धरने पर टीएमसी के वरिष्ठ नेता फिरहाद हकीम और अरूप बिस्वास भी बैठे हुए हैं। मुख्यमंत्री के धरना प्रदर्शन को देखते हुए धरना स्थल के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। वहीं ममता बनर्जी के धरने से पंचायत चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल का राजनीतिक पारा चढ़ गया है। कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी की पंचायत चुनाव से जुड़ी याचिका खारिज करने के बाद पंचायत चुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया है।

बता दें कि सुवेंदु अधिकारी ने पंचायत चुनाव में आरक्षण में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। हालांकि हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। खास बात ये है कि हाईकोर्ट ने याचिका में लगाए गए आरोपों में दम होने की बात भी कही और राज्य चुनाव आयोग से इस मामले में कार्रवाई की बात कही है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया है।

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