नई दिल्ली दिल्ली से सटी सीमाओं पर धरना प्रदर्शन कर रहे किसान गुस्से में हैं। वे पुलिस पर पथराव करते हैं तो कभी मिर्च का धुंआ करके उन्हे नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं। ऐसे ही गुस्से के चलते अब तक 3 पुलिसवालों की मौत हो गई और 30 घायल हुए हैं। सुरक्षा बलों और किसानों के बीच होने वाली झड़प में कुछ किसानों को चोटे आई है। जबकि एक युवा किसान की मौत भी हुई है।
इससे पहले विभिन्न कारणों के चलते दो और किसानों की जान चली गई। इन तमाम घटनाओं के बाद अंबाला पुलिस ने पत्र जारी कर आंदोलनकारी किसानों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाने की बात कही है। पुलिस ने यह भी बताया है कि अब तक इस आंदोलन के दौरान अलग-अलग कारणों से कितने पुलिसकर्मियों की मौत हो चुकी है और कितने पुलिसकर्मी घायल हैं। हरियाणा पुलिस के मुताबिक आंदोलन के दौरान 30 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। दो पुलिसकर्मियों की मौत हरियाणा में हुई है।
एक को ब्रैन हैमरेज हुआ है। वहीं, आंदोलन के दौरान पंजाब में ड्यूटी पर तैनात एक पुलिसकर्मी की जिम में मौत हुई है। हरियाणा पुलिस ने अपने लेटर में कहा,किसान लगातार दिल्ली कूच को लेकर शंभू बॉर्डर पर लगे बैरिकेड्स को तोड़ने के प्रयास कर रहे हैं। पुलिस प्रशासन पर पत्थरबाजी और हुड़दंग बाजी करके कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। उपद्रवी सरकारी और प्राइवेट संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
पंजाब में हुई पुलिसकर्मी की मौत पर बताया गया कि कि खनौरी बॉर्डर पर तैनात मलेरकोटला के डीएसपी दिलप्रीत सिंह की सुबह जिम मैं चेस्ट पेन हुआ। उसके बाद लुधियाना हॉस्पिटल में उनकी मौत हो गई।
दिलप्रीत सिंह मलेरकोटला में डीएसपी के तौर पर तैनात थे, उनकी रात की ड्यूटी खनौरी बॉर्डर पर लगी हुई थी। मलेरकोटला के एसएसपी के मुताबिक वह रात को 8 बजे से लेकर सुबह 4 बजे तक खनौरी में ड्यूटी पर थे. 4 बजे ड्यूटी खत्म करने के बाद वह सीधा अपने घर गए, वहां उसके बाद जिम गए, जहां उनकी चेस्ट में पेन हुआ उसको हॉस्पिटल जाया गया मौत हो गई। 15 दिन पहले ही जब डीएसपी के तबादले हुए थे उनका तबादला मलेरकोटला जिला में हुआ था। पुलिस ने पत्र में लिखा है कि आंदोलन में कई किसान नेता सक्रिय भूमिका में हैं और कानून व्यवस्था को बिगाड़ने का काम कर रहे हैं। लगातार सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम, टैलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म के जरिए भड़काउ और उकसाने वाले भाषण देकर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए लगातार पोस्ट डाली जा रही हैं। इस आंदोलन में लगातार भाषणबाजी करके आंदोलनकारियों को प्रशासन के खिलाफ भड़काया जा रहा है।
सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ गलत शब्दों का इस्तेमाल हो रहा है। भयंकर उत्पात मचाया जा रहा है। इसलिए अब आंदोलनकारी किसानों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने यह भी कहा है कि आंदोलनकारियों ने जिन सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है, उसका आकलन किया जा रहा है। प्रशासन ने इस संबंध में आम जनता को पहले ही सूचित/सतर्क कर दिया था कि यदि इस आंदोलन के दौरान आंदोलनकारियों ने सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया तो उनकी संपत्ति और बैंक खाते जब्त कर इस नुकसान की भरपाई की जाएगी। इसको लेकर पुलिस ने कहा कि अगर किसी आम आदमी को इस आंदोलन के दौरान संपत्ति का कोई नुकसान हुआ है तो वह प्रशासन को नुकसान का विवरण दे सकता है।
किसान नेता के घर नोटिस चस्पा
भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष और किसान मजदूर मोर्चा के सदस्य अमरजीत सिंह मोहड़ी के घर पर पुलिस का नोटिस चस्पा किया गया है। इस नोटिस को किसानों द्वारा सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है। यह नोटिस एसपी अंबाला की तरफ से जारी किया गया है और इसमें लिखा है कि अमरजीत सिंह मोहड़ी आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। इस नोटिस में कोर्ट के आदेशों का हवाला दिया गया है। साथ ही यह भी बताया गया है कि आंदोलन अब उग्र होता जा रहा है ऐसे में प्रदर्शनकारी सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा सकते हैं। लिहाजा बिना अनुमति के आंदोलन में शामिल होने पर अमरजीत सिंह मोहड़ी की संपत्ति से भी भरपाई हो सकती है। इसमें मोहड़ी की संपत्ति और बैंक खातों की जानकारी मांगी है।