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इंदौर के समीप एक और नया अभ्यारण्य बनाने की तैयारी

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भोपाल। मालवा में मौजूद राला वन मंडल अभ्यारण्य के बाद अब वन विभाग सूबे के सबसे बड़े महानगर इंदौर के समीप एक और नया अभ्यारण्य बनाने की तैयारी कर रहा है।  खास बात यह है कि यह अभयारण्य शहर से महज पच्चीस किमी दूर बनाए जाने की योजना है। इसके लिए विभाग द्वारा इंदौर-चोरल और बड़वाह के आसपास के जंगल को चिह्नित भी कर लिया गया है। इसके लिए 17 हजार एकड़ यानी 7 हजार हेक्टेयर जंगल का चयन किया गया है।
इस अभ्यारण का नाम देवी अहिल्याबाई होलकर अभयारण्य रखा जाएगा। इसके लिए इंदौर वन मंडल द्वारा प्रस्ताव बनाकर वन मुख्यालय को भेजा जा चुका है। मुख्यालय से हरी- झंडी मिलने के बाद प्रस्ताव पर जैव विविधता और स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड के सदस्यों द्वारा इस पर विचार किया जा रहा है। इसके बाद नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड से स्वीकृति ली जाएगी। माना जा रहा है कि अगर सबकुछ ठीक रहा तो इसके बनाने की अधिसूचना इसी साल जारी हो सकती है। अधिसूचना जारी होने के बाद वन मंडल द्वारा अभ्यारण्य के विकास  की योजना पर काम शुरू किया जाएगा। बताया जा रहा है कि यह अभ्यारण्य मालवा-निमांड क्षेत्र का सबसे बड़ा अभ्यारण्य होगा। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के समय अभ्यारण्य को लेकर योजना बनाई गई थी। इसके लिए उत्तर सागर, धार, बुरहानपुर, श्योपुर, इंदौर, बड़वाह, पूर्व छिंदवाड़ा, दक्षिण छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, हरदा, पश्चिम मंडला से नए अभ्यारण्यों के लिए प्रस्ताव मांगे गए थे। इंदौर वनमंडल ने चोरल रेंज का तीन हजार हेक्टेयर जंगल में अभ्यारण्य बनाने का प्रस्ताव तैयार  किया था , इस बीच कांग्रेस सरकार गिर जाने की वजह से यह मामला भी ठंडे बस्ते में चला गया था, लेकिन अब एक बार फिर अभ्यारण्य को लेकर कवायद तेज हो गई है। बताया जा रहा है कि प्रदेश में अब आधा दर्जन से अधिक नए अभ्यारण बनाए जाने की तैयारी की जा रही है। सूत्रों की माने तो इस बार इंदौर-बड़वाह वनमंडल मिलकर नए अभ्यारण्य पर काम कर कर हैं, जिसकी वजह से ही पूर्व में तैयार प्रस्ताव में बदलाव करते हुए उसका दायरा बढ़ा दिया गया है। इसकी वजह से अब सात हजार हेक्टेयर यानी 17 हजार एकड़ में यह अभ्यारण्य प्रस्तावित किया गया है , जिसमें चार हजार हेक्टेयर इंदौर और तीन हजार हेक्टेयर बड़वाह वन मंडल का जंगल आ रहा है। इसके तहत इंदौर वनमंडल से तिल्लौर, कंपैल, चोरल के 14 कम्पाटज्मेंट और बड़वाह वन मंडल के काटकुट सहित 12 कम्पार्टमेंट वन क्षेत्र को शामिल किया गया है।
19 बिंदुओं पर रिपोर्ट भेजी
वन मंडल द्वारा इसके प्रस्ताव के साथ ही मुख्यालय को 19 बिंदुओं पर रिपोर्ट बनाकर भेजी गई है। प्रस्तावित अभयारण्य के आसपास रेल लाइन, राष्ट्रीय मार्ग, राजमार्ग में जमीन उपयोग होने , 10 किमी की परिधि में आने वाले ग्रामों की सूची, वन ग्रामों को प्रोजेक्ट में शामिल करने, वन्य प्राणियों का उपयुक्त स्थान, पट्टे की जमीन, अतिक्रमण की जानकारी का इसमें उल्लेख किया गया है। इसके साथ ही अभयारण्य के चारों ओर से सीमाकंन का उल्लेख मानचित्र पर बताना भी इसका उद्देश्य है।

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