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सवाल उठते हैं कि आखिर क्‍यों बढ़ रहे तलाक के मामले

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बेंगलुरु के AI सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड केस के बाद से पूरे देश में हलचल है. सुभाष ने यह खौफनाक कदम उठाने से पहले कहा कि उनकी बीवी ने उनके खिलाफ 9 फर्जी मामले दर्ज करवाए, जिससे वो तंग आ चुके थे. इन्ही में एक मामला तलाक का भी शामिल है. ऐसे में तलाक को लेकर लोगों के मन में कई सवाल उठते हैं कि आखिर क्यों कपल तलाक ले लेते हैं, क्यों आज की डेट में लोगों की शादी नहीं टिकती वगैरह-वगैरह.

भारत में सबसे ज्यादा तलाक के मामले महाराष्ट्र में होते हैं. यहां तलाक की दर 18.7 प्रतिशत है, जो देश में सबसे ज्यादा है. तलाक की दर के मामले में महाराष्ट्र के बाद दूसरे नंबर पर कर्नाटक है, जहां तलाक की दर 11.7 प्रतिशत है. तलाक के मामले में तीसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल है, जहां तलाक की दर 8.2 प्रतिशत है.

दिल्ली, मुंबई, और बेंगलुरु जैसे शहरों में तलाक की दर 30 प्रतिशत से ज्यादा है. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2005 में भारत में तलाक लेने की दर 0.6 प्रतिशत थी, जो साल 2019 में बढ़कर 1.1 प्रतिशत तक आ पहुंची. हाल के सालों में इन शहरों में तलाक के आवेदनों में तीन गुना वृद्धि हुई है.

शादी के कई साल बाद तलाक क्यों?
यूएन की इस रिपोर्ट में तलाक की वजहों का भी जिक्र किया गया था. जिसमें बताया गया कि दुनियाभर के देशों और भारत में तलाक की सबसे बड़ी वजह घरेलू हिंसा और धोखा देना है. इसके अलावा जो लोग 50 साल की उम्र में तलाक ले रहे हैं वो एक दूसरे से मुक्ति पाने और अनसुलझे मुद्दों की वजह से ऐसा करते हैं. साथ ही शादी के बाद कई सालों तक अपमान सहना भी इसका एक कारण हो सकता है. ऐसे तमाम मामलों में इमोशनल सपोर्ट की भारी कमी देखी गई है.

महिलाओं को एक उम्र के बाद बाकी लड़कियों या महिलाओं को देखकर ऐसा लगने लगता है कि उन्होंने ज्यादा कष्ट सहा और अकेले घर के काम के साथ बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी भी संभाली. इस दौरान उनके पार्टनर की हिस्सेदारी काफी कम थी, साथ ही उनके इस काम को कभी भी सराहा नहीं गया. यही वजह है कि ज्यादातर ऐसे मामलों में महिलाओं की तरफ से ही आखिर में तलाक की पहल की जाती है.

तलाक के ये सबसे बड़े कारण
घरेलू हिंसा और धोखा देना
रिटायरमेंट के बाद जिंदगी के मायने बदल जाना
एंप्टी नेस्ट सिंड्रोम
नए सिरे से शुरुआत करने की इच्छा
कई सालों के अपमान का बदला
कभी इज्जत नहीं मिलना
इमोशनल और फिजिकल सपोर्ट की कमी
प्यार का दूसरा मौका
शादी के तुरंत बाद तलाक क्यों नहीं?

अब सवाल है कि 50 या फिर 40 साल की उम्र के बाद ही महिलाएं तलाक को लेकर क्यों फैसला ले रही हैं. इसका जवाब है उनके बच्चे. यानी शादी के तुरंत बाद जब बच्चे पैदा हो जाते हैं तो उन्हें लेकर महिलाओं की चिंता बढ़ जाती है. वो अपनी सारी तकलीफें भूलकर उसे पालने में व्यस्त हो जाती हैं. ये उन महिलाओं के साथ था, जिनकी शादी आज से करीब 20-25 साल पहले हुई थी. यानी मानसिक तौर पर तलाक काफी पहले ही हो चुका होता है, लेकिन फैसला कई साल बाद लिया जाता है.

पुरुषों से ज्यादा महिलाओं की अर्जी
हालांकि आज महिलाएं तलाक को लेकर हिचकिचाती नहीं हैं और जैसे ही उन्हें लगता है कि रिश्ते में ज्यादा कुछ नहीं बचा है तो वो फैसला ले लेती हैं. पहले जहां वित्तीय सुरक्षा और बच्चों को पालने की चिंता महिलाओं को होती थीं, वहीं अब वो खुद इसके लिए सक्षम हैं. ऐसे में फैसला लेने से पहले उन्हें ज्यादा नहीं सोचना पड़ता है. यही वजह है कि पुरुषों की तुलना में तलाक की अर्जी लगाने में महिलाओं की संख्या काफी ज्यादा है.

किस उम्र में सबसे ज्यादा तलाक?
साल 2021 से 2022 के बीच हुई एक स्टडी में बताया गया कि 25 से 34 साल की उम्र वाले लोगों ने सबसे ज्यादा तलाक लिए. इसके बाद 18 से 24 साल के लोगों ने तलाक के लिए सबसे ज्यादा अर्जी डाली, वहीं इसके बाद 35 से 44 और फिर 45 से 54 साल की उम्र वाले लोग हैं. लिस्ट में 55 से लेकर 64 साल और इससे ज्यादा की उम्र के लोग भी शामिल थे.

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