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नफरत छोड़ो, संविधान बचाओ’ अभियान छठे दिन की अपने आखिरी पड़ाव की पदयात्रा संत कबीर नगर मगहर पहुँची

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नफ़रत के खेलाफ़ और संविधान बचाने को ले कर निकली पदयात्रा अपने आखिरी पड़ाव पर पहुँच चुकी। देश में बढ़ती नफ़रत और संविधान पर होने खतरे का एहसास कर लोगों के बीच इस मुद्दे के बारे में चर्चा करने के लिए ये यात्रा निकाली। ये यात्रा अलग-अलग पड़ाव से हो कर और लोगों के बीच इसके संदेश के साथ आगे बढ़ती रही। अपने आखिरी पड़ाव तक पहुँची इस पदयात्रा ने 120 किमी की यात्रा पूरी की है। ये यात्रा कुशीनगर से कबीर समाधि मगहर तक के लिए निकली थी।

मगहर, कबीर की समाधि पर पदयात्री पहुंच कर उनकी मज़ार और समाधि का दर्शन किए। इसके बाद वहां पर सभा हुई, जिसमें पदयात्रियों ने अपनी पदयात्रा के महत्व पर बात रखी और अनुभव साझा किए। सभा में मौजूद सभी लोगों ने पदयात्रियों की सराहना की, इस विकट समय में नफ़रत के खेलाफ़ बोलने और संविधान बचाने को ले कर पदयात्रा करने के लिए।

पदयात्रा छह दिनों में 120 किमी की यात्रा पूरी की, पदयात्रा का आखरी दिन सुबह 8 बजे सहजनवा से मगहर कबीर समाधी के लिए निकली थी। पदयात्रा का हर पड़ाव और रास्ते पर लोगों द्वारा स्वागत किया गया। नफ़रत और संविधान को ले कर निकली इस यात्रा का लोग सराहना किये और इससे जुड़ें। पदयात्री ने इस यात्रा का संदेश लोगों को बताते चलते रहे और लोगों से इस विकट घड़ी में देश को निकालने का आह्वान किया।

समाजवादी समागम के बैनर तले 120 किमी की ये पदयात्रा ‘नफ़रत छोड़ो, संविधान बचाओ’ को ले कर जन-जन तक पहुँची। यात्रा देश में बढ़ते नफ़रत के माहौल के खेलाफ़ निकली, लोगों से नफ़रत छोड़ने और संविधान बचाने की आह्वान करती हुई आगे बढ़ती रही। 

आखिरी दिन के पदयात्रा की सभा का प्रारंभ सहजनवा तहसील में अधिवक्तयों के बीच हुई। इसके बाद यात्री मुरारी इंटर कॉलेज की तरफ बढ़े। पदयात्रियों का मुरारी इंटर स्कूल में स्वागत हुआ और यात्रा का नृतित्व कर रहे अरुण कुमार श्रीवास्तव ने छात्र, छात्रओं से संवाद कर उन्हें गांधी की पुस्तकें दी और शिक्षकों को भी लोहिया की पुस्तकें दी।

पदयात्रा अपने संदेश के साथ लोगों के बीच पर्चा और चर्चा करती हुई आगे बढ़ती रही।

पदयात्रियों का शहर के हर चौराहे पर लोगों द्वारा स्वागत हुआ और अभियान के साथ आगे बढ़ते गए। यात्रा का नृतित्व कर रहे अरुण कुमार श्रीवास्तव ने लोगों के बीच यात्रा के उद्देश्य और महत्व पर बात रख और देश को इस संकट से निकलने में लोगों को भागीदार होने का आह्वान किया। और लोगों से नफ़रत छोड़ो और संविधान बचाने को आगे आने को कहा। भारत बचाओ संविधान बचाओ आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक अरुण कुमार श्रीवास्तव ब्रह्मचारी जी ने इंकलाब जिंदाबाद के नारों के साथ में पूर्वांचल की सड़कों पर तिरंगा लहराते हुए समाज के सभी तबके को एकजुट करने का आह्वान किया।

यात्रा में अरुण कुमार श्रीवास्तव, अरुण ब्रह्मचारी,ए के बादल, शत्रुघ्न यादव, खुर्शीद आलम आहारवी, रमेश परेहार, संजय गुर्जर, शादाब आलम खान, सागर, सुभाष पाठक, राम किरपाल राम, त्रिलोक मिश्र, पदयात्री सभी शामिल हैं। इस पदयात्रा में 75 वर्षियों तक के यात्री शामिल हैं, जो 120 किमी की यात्रा में आखरी तक रहें।

पदयात्रा की शुरुआत कुशीनगर के होटल देव इन में यात्रा समारोह का आयोजन किया गया था, जिसका उद्घाटन : मेघा पाटेकर (सामाजिक कार्यकर्ता) के द्वारा हुआ, समारोह की अध्यक्षता : राम गोविन्द चौधरी (पूर्व नेता विरोधी दल उ0प्र0 विधान सभा) तथा विशिष्ट अतिथिः श्याम रजक (पूर्व मंत्री, बिहार) मौजूद रहे, इसके आयोजक : ब्रम्हाशंकर तिवारी ( पूर्व मंत्री)

थे।

9 नवंबर को पदयात्रा अरुण कुमार श्रीवास्तव के नृतित्व में होटल देव इन से निकली थी। समाजवादी समागम के बैनर तले इस तरह की यात्रा पूरे देश में घूम रहे, हर जिले में लोग पदयात्रा निकल रहे। इसलिए सभी लोग एकजुट होकर इस महामुहिम से जुड़ें इस का आह्वान किया गया। देश के सभी सेकुलर वादी विचारधारा के लोगों से अपील करते हैं की इस मुहिम से जुड़ कर देश और समाज को एक सूत्र में पिरोएं।

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