मध्य प्रदेश से बीजेपी के राज्य सभा सदस्य अजय प्रताप सिंह ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस इस्तीफे के साथ ही आगामी लोकसभा चुनावों में प्रत्याशियों के चयन में गड़बड़ी और पार्टी में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।
उन्होंने दावा किया कि भ्रष्ट लोग बीजेपी में संरक्षण हासिल कर रहे है और पार्टी राजनीतिक व्यापारियों के लिए अड्डा बन गई है। सिंह ने अपना इस्तीफा X पर भी साझा किया है।एक लाइन के इस इस्तीफे में उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखा है कि मैं अपनी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।
हालांकि पत्र में इस्तीफे के पीछे का कारण नहीं लिखा गया है। सीधी शहर में पत्रकारों से बात करते हुए सिंह ने पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए। बताया जा रहा है कि वह सीधी से इस बार टिकट भी चाहते थे। उन्होंने टिकट वितरण की पूरी प्रक्रिया पर ही अपनी नाराजगी जाहिर की है। पार्टी ने कहा था कि टिकटों का आवंटन सर्वे के आधार पर किया जाएगा। लेकिन उनका कहना था कि यह नीति प्रत्याशियों के चयन में नहीं दिखी।
सिंह ने कहा कि बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। मेरा किसी भी प्रत्याशी से विरोध नहीं है। लेकिन मेरी पार्टी की पूरी चयन प्रक्रिया से ही असहमति है। मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकता। यह सब कुछ मेरे इस्तीफे में परिलक्षित होता है। उन्होंने कहा कि इस दौरान पार्टी में मैंने ढेर सारी चीजें महसूस कीं। मैं पार्टी में रहते इसको नहीं कह सकता था। लेकिन अब मैं उन चीजों के बारे में बोल सकता हूं। पार्टी में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार फैला हुआ है। भ्रष्ट लोगों को बड़े स्तर पर संरक्षण मिल रहा है। राजनीति व्यापार का माध्यम बन गयी है। या हम कह सकते हैं कि पार्टी राजनीतिक व्यापारियों का अड्डा बन गयी है।
उन्होंने कहा कि पहले बीजेपी अपने त्याग, तपस्या और बलिदान के लिए जानी जाती थी। लेकिन अब पार्टी उसका दावा नहीं कर सकती है।उन्होंने कहा कि वादा करने के बावजूद सीधी में विकास नहीं हुआ। विकसित भारत का नारा खोखला है। मेरी सीधी और सिंगरौली के लिए प्रतिबद्धता है। मैंने अपना बाकी जीवन उसी के लिए देने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि मैंने पाया कि बीजेपी इस लक्ष्य को पाने में सहायक साबित नहीं हो सकती है। मैंने बीजेपी को उचित नहीं पाया इसलिए मैं पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं।सिंह को बीजेपी ने राज्यसभा के लिए 2018 में नामित किया था। उनका कार्यकाल 2 अप्रैल को समाप्त हो रहा है। हालांकि उन्हें पार्टी ने फिर से नहीं नामित किया।