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राशन घोटाला मामला:माफिया दवे द्वारा बकाया राशि जमा नहीं करने पर 12 मार्च को होगी संपत्ति की नीलामी

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इंदौर

राशन माफिया भरत और श्याम दवे की अभी तक करोड़ों की संपत्ति प्रशासन की जांच में सामने आ चुकी है। इन संपत्तियों की वैधानिक स्थिति की जांच की जा रही है। इन संपत्तियों की तहसीलदार के माध्यम से कुर्की कर घोटाले की 80 लाख रुपए की राशि माफियाओं से वसूली की जाना है। मामले में लिप्त आरोपी श्याम पिता बालकृष्ण दवे पर अर्थदण्ड लगाया गया था। इस राशि की वसूली के लिए मोती तबेला स्थित प्लॉट क्रमांक 20/3 के एक हजार वर्गफीट पर निर्मित पक्के भवन को भू-खण्ड समेत कुर्क किया गया है। अपर कलेक्टर अभय बेडेकर ने बताया, बकाया राशि नहीं देने पर उक्त संपत्ति की नीलामी 12 मार्च 2021 को दोपहर 3 बजे की जाएगी। यह नीलामी कलेक्टर कार्यालय के कक्ष क्रमांक-115 में होगी।

यह है मामला

कलेक्टर मनीष सिंह ने 19 जनवरी को खुलासा करते हुए बताया था कि कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान गरीबों को अनाज की समस्या नहीं हो, इसके लिए केंद्र और प्रदेश सरकार ने विविध योजनाओं के तहत दोगुना अनाज भेजा था, लेकिन राशन माफियाओं ने केवल 12 दुकानों में ही 79 लाख रुपए के ढाई लाख किलो अनाज में गबन कर दिया, जो जिले के 51 हजार गरीबों को वितरित होना था। वहीं, इस अनाज के वितरण की जिम्मेदारी जिस जिला फूड कंट्रोलर आरसी मीणा की थी, वह खुद इसमें लिप्त थे।

इन पर दर्ज हुआ था केस

श्याम दवे, भरत दवे, धीतेश दवे, कमलेश कनाड़े, आरसी मीणा, धर्मेंद्र पुरोहित, अंजू पति अशोक, प्रमोद दहीगुड़े, राकेश राठौर, पवन उपाध्याय, रितेष महापारे, यश जाधव, अनिता, अनिल पालीवाल, राजेश पालीवाल, कांता देवी, विजया पति नरेंद्र, सुनीता चौधरी, विवेक पुरुषोत्तम, दिलीप गौड़, दलबार सिंह, रमेश सिंह, ललित दयाराम सहित 31 को आरोपी बनाया गया है।

राशन घोटाले में किसकी क्या भूमिका

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