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लोन न भर पा रहे लोगों व MSME को RBI ने दी कर्जों के पुनर्गठन की छूट

RBI
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आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में अवगत कराया और कुछ राहत उपायों की भी घोषणा की। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कोरोना वायरस महामारी से त्रस्त व्यक्तियों तथा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) से वसूल नहीं हो पा रहे कर्जों के पुनर्गठन की छूट देने की घोषणा की है। कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर में विभिन्न सेक्टर्स को राहत उपलब्ध कराने के लिए आरबीआई ने रिजोल्यूशन फ्रेमवर्क 2.0 का ऐलान किया।

रिजोल्यूशन फ्रेमवर्क 2.0 के तहत 25 करोड़ रुपये तक का लोन लेने वाले लोग या छोटे कारोबारी लोन रिस्ट्रक्चरिंग की फैसिलिटी का लाभ उठा सकते हैं। हालांकि, इसके लिए जरूरी है कि उन्होंने पहले इस स्कीम का लाभ नहीं लिया हो। अगर उन्होंने पहले इस स्कीम का लाभ लिया है, तो RBI ने बैंक और लेंडिंग इंस्टीट्यूशंस को प्लान में संशोधन करने और मोरेटोरियम की अवधि बढ़ाने की अनुमति दे दी है।

आरबीआई गवर्नर ने बताया,  ‘ऋण पुनर्गठन संबंधी घोषणा के अंतर्गत कुल 25 करोड़ रुपये तक के कर्ज वाली इकाइयों के बकायों के पुनर्गठन पर विचार किया जा सकेगा। यह सुविधा उन्हीं व्यक्तियों/ इकाइयों को मिलेगी, जिन्होंने पहले किसी पुनर्गठन योजना का लाभ नहीं लिया है। इसमें छह अगस्त 2020 को घोषित पहली समाधान व्यवस्था भी शामिल है।’

दास ने बताया कि इस नए रिजोल्यूशन फ्रेमवर्क 2.0 का फायदा उन्हीं व्यक्तियों/ इकाइयों को दिया जा सकेगा, जिनके कर्ज खाते 31 मार्च 2021 तक अच्छे थे। कर्ज समाधान की इस नयी व्यवस्था के अंतर्गत बैंकों को 30 सितंबर तक आवेदन दिया जा सकेगा। इसके 90 दिन के भीतर इस स्कीम को लागू करना होगा।

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