अग्नि आलोक

 राजनीतिक चर्चा का विषय बन रहे धार्मिक मुद्दे…वोटों की गोलबंदी का जरिया तो नहीं बन रहे त्योहार

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भोपालः मध्य प्रदेश से मॉनसून की विदाई और सर्दियों की आमद से पहले सियासी माहौल में अलग तरह की गरमाहट महसूस हो रही है। त्योहारों के मौसम में एकबारगी ही धर्म से जुड़े मुद्दों पर बयानबाजी शुरू हो रही है। फिल्मों से लेकर गरबा पंडाल और धर्मांतरण जैसे मसलों पर हिंदू संगठन आक्रामक हो रहे हैं तो प्रदेश की बीजेपी सरकार भी इनको लेकर गंभीर दिख रही है। इसे देखकर सवाल उठ रहे हैं कि कहीं इसका कनेक्शन प्रदेश में एक साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव से तो नहीं है।

काली, गॉडफादर…और अब आदिपुरुष
फिल्मों में हिंदू धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मुद्दे पर हंगामा एमपी में नया नहीं है, लेकिन पिछले कुछ महीनों में ऐसे मामले तेजी से बढ़े हैं। आश्रम और काली के पोस्टर को लेकर शुरू हुआ विवाद ठंडा भी नहीं हुआ था कि अजय देवगन की फिल्म गॉडफादर में भगवान चित्रगुप्त के चित्रांकन पर हिंदू संगठनों ने विरोध का झंडा बुलंद कर दिया। इसके ठीक बाद आदिपुरुष में भगवान हनुमान को गलत तरीके से दिखाए जाने के आरोप लग रहे हैं।

खंडवा में गरमाया धर्मांतरण का मुद्दा
प्रदेश के आदिवासी-बहुल इलाकों में धर्मांतरण को लेकर विवाद लगातार उठते रहे हैं, लेकिन बीते सोमवार को खंडवा में इसके चलते हालात बेहद नाजुक हो गए। हिंदू संगठनों ने खंडवा में आयोजित ईसाई युवा सम्मेलन में धर्मांतरण का आरोप लगाकर शहर में जमकर हंगामा किया। उन्होंने सैकड़ों वाहनों को सड़़कों पर रोक दिया और सम्मेलन में शामिल होने आ रहे हजारों युवकों को कार्यक्रम में पहुंचने से रोकने की कोशिश की। प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सम्मेलन पर रोक लगा दी।

गरबा में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर घमासान
इन सबके बीच नवरात्रि के दौरान गरबा पंडालों में गैर-हिंदुओं के प्रवेश को लेकर विवाद भी लगातार जारी है। प्रदेश के कई शहरों में गरबा पंडालों में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई। अधिकांश जगहों पर बिना आईडी कार्ड के गरबा पंडालों में एंट्री देने से इनकार कर दिया गया। इसके बावजूद कुछ स्थानों पर पहचान छुपाकर गैर-हिंदू युवक गरबा में घुस आए। उनके साथ मारपीट की घटनाएं भी हुईं। हिंदू संगठनों का आरोप है कि गरबा कार्यक्रम धीरे-धीरे लव जिहाद का केंद्र बनते जा रहे हैं।

हिंदू संगठनों से मिल रहे सरकार के सुर
हिंदू संगठन ही नहीं, इन मुद्दों पर बीजेपी सरकार भी काफी सक्रिय नजर आ रही है। प्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने हिंदू संगठनों के सुर में सुर मिलाते हुए गरबा में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर रोक की मांग दोहराई। वहीं, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने फिल्म आदिपुरुष पर विवाद शुरू होते ही निर्माता-निर्देशक को कार्रवाई की चेतावनी दे दी।

वोटों की गोलबंदी का ये है गणित
एमपी में एक साल बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं। हाल में हुए स्थानीय निकाय चुनावों के नतीजों से अनुमान लगाया जा रहा है कि विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला हो सकता है। धार्मिक मुद्दों पर बढ़ते उभार को राजनीति के जानकार इन चुनावों से जोड़कर देख रहे हैं। चुनावों में पहली बार असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम और अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के भी उतरने की संभावना जताई जा रही है। उनकी एंट्री से पहले प्रदेश की दोनों बड़ी राजनीतिक पार्टियां अपने वोट बैंक को गोलबंद करने की कोशिश में लगी हैं। कोई आश्चर्य नहीं कि इसके लिए त्योहारों को जरिया बनाने की कोशिश हो रही हो।

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