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भाजपा राष्ट्रीय कार्यसमिति में फेरबदल : राजस्थान, बिहार, झारखंड और तेलंगाना के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष समेत 10 नए नाम जुड़े

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नई दिल्ली

देश के पांच राज्यों में इस साल के आखिर तक विधानसभा चुनाव और अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं। भाजपा इसे लेकर तैयारी में जुट गई है। 6 जुलाई से बैठकों का दौर जारी है। BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने शनिवार को राष्ट्रीय कार्यसमिति में फेरबदल किया है।

इसमें राजस्थान के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, बिहार के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल, झारखंड के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और तेलंगाना के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बंदी संजय समेत 10 लोगों के नाम शामिल किए गए हैं।

इनके अलावा, सुरेश कश्यप, विष्णुदेव साय, धरमलाल कौशिक, अश्विनी शर्मा, सोमावीर राजू और किरोड़ी लाल मीणा को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति का सदस्य बनाया गया है। वहीं, सुभाष कन्नौथ को केरल का प्रदेश महासचिव (संगठन) बनाया गया है।

इससे पहले, 7 जुलाई को भाजपा ने राजस्थान और MP समेत 4 राज्यों में चुनाव प्रभारियों की घोषणा की थी। केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी को राजस्थान, केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव को मध्य प्रदेश, ओपी माथुर को छत्तीसगढ़ और प्रकाश जावड़ेकर को तेलंगाना का जिम्मा सौंपा गया था।

पार्टी ने इन राज्यों के सह-प्रभारियों की भी नियुक्ति की थी। राजस्थान में जोशी के साथ नितिन पटेल और कुलदीप बिश्नोई को सह प्रभारी बनाया गया था। मध्य प्रदेश में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को सह प्रभारी नियुक्त किया गया था। छत्तीसगढ़ में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को सह प्रभारी का जिम्मा दिया गया था।

इसके अलावा तेलंगाना में सुनील बंसल को सह प्रभारी नियुक्त किया गया था। इन चारों राज्यों में इसी साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं। मध्य प्रदेश में भाजपा, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और तेलंगाना में फिलहाल भारतीय राष्ट्र समिति (BRS) की सरकार है।

कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी को राजस्थान की जिम्मेदारी मिली, 2022 में उत्तराखंड में दिलाई थी जीत

राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी ने केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी को प्रदेश चुनाव प्रभारी नियुक्त किया। जबकि, गुजरात के पूर्व उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल और हरियाणा के कुलदीप बिश्नोई को सह-चुनाव प्रभारी बनाया है।

प्रह्लाद जोशी 2019 से संसदीय मामलों, कोयला और खान के केंद्रीय मंत्री हैं। वे 2004 से लोकसभा सांसद हैं। 2014 से 2016 तक कर्नाटक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। प्रहलाद जोशी को 2022 में उत्तराखंड में चुनाव प्रभारी बनाया गया था, जहां विधानसभा चुनाव में BJP ने 70 में से 47 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसके बाद पार्टी ने उन्हें राजस्थान की जिम्मेदारी दी है। 

भूपेन्द्र यादव को MP की जिम्मेदारी देकर OBC वोटर्स को साधने की कोशिश

मध्य प्रदेश भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद ने दिल्ली में मध्यप्रदेश के नवनियुक्त प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेन्द्र यादव से मिलकर उन्हें बधाई दी।

केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव को मध्यप्रदेश का चुनाव प्रभारी बनाया है। वहीं, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को राज्य में सह प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है। भूपेन्द्र यादव चुनावी रणनीति में माहिर माने जाते हैं। वहीं, अश्विनी IT एक्सपर्ट और PM मोदी के भरोसेमंद हैं।

गुजरात के चुनाव प्रभारी रहे भूपेन्द्र यादव OBC समुदाय से आते हैं। वहीं, राज्य में OBC वर्ग के 48% वोटर्स हैं। MP के 230 में से 60 विधायक OBC वर्ग के हैं। राज्य की 18 से 20 सीटें ऐसी हैं, जहां यादव वोटर निर्णायक भूमिका में हैं। ऐसे में पार्टी ने भूपेन्द्र यादव को मध्य प्रदेश की जिम्मेदारी देकर OBC वोटर्स को साधने की कोशिश कर रही है। 

ओम माथुर के पिछले रिकार्ड ने उन्हें छत्तीसगढ़ की जिम्मेदारी दिलाई

अमित शाह ने 5 जुलाई को रायपुर में ओम माथुर के साथ बैठक की थी।

भाजपा ने ओम माथुर को छत्तीसगढ़ का चुनाव प्रभारी बनाया है। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया काे सह प्रभारी की जिम्मेदारी मिली है। माथुर, मोदी और शाह दोनों के करीबी माने जाते हैं। ओम माथुर संघ के पुराने सदस्य रहे हैं।

इससे पहले ओम राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के भी प्रदेश प्रभारी रह चुके हैं। राजनीतिक नजरिए से देखें तो इन्होंने अब तक जिन-जिन राज्यों की कमान संभाली है वहां BJP को सफलता दिलाई है। इस वजह से 2023 के चुनाव में माथुर पर भाजपा भरोसा कर रही है। पढ़ें पूरी खबर…

प्रकाश जावड़ेकर ने लोकसभा चुनाव में राजस्थान में दिलाई थीं 24 सीटें
दक्षिण राज्य कर्नाटक में हार के बाद भाजपा की नजर तेलंगाना पर है। ऐसे में BJP ने प्रकाश जावड़ेकर को तेलंगाना का चुनाव प्रभारी और सुनील बंसल को सह प्रभारी नियुक्त किया है। महाराष्ट्र से ताल्लुक रखने वाले जावड़ेकर के पास भी सरकार चलाने से लेकर संगठन संभालने तक का अच्छा अनुभव है। वहीं, सुनील बंसल पहले भी UP और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के प्रभारी रह चुके हैं।

जावड़ेकर को 2018 में राजस्थान का चुनाव प्रभारी बनाया गया था। तब माना जा रहा था कि पार्टी 40 सीटों का आंकड़ा भी नहीं छू पाएगी, लेकिन उनके नेतृत्व में BJP ने 73 सीटें जीतीं। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी वो राजस्थान के चुनाव प्रभारी बने तो पार्टी 25 में से 24 सीटें जीत गई।

उनके नेतृत्व में पार्टी ने कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु जैसे राज्यों में भी उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया। ऐसे में भाजपा ने उन्हें तेलंगाना की जिम्मेदारी सौंपी है।

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