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मंदसौर गोलीकांड की सातवीं बरसी पर किसान संगठनों का मोर्चा खोलने का संकल्प

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भोपाल। मध्य प्रदेश के किसान संगठनों ने 6 जून 2017 को हुए मंदसौर गोलीकांड की सातवीं बरसी पर शहीद किसानों को श्रद्धांजलि देते हुए “अनुभव एवं सबक” पर संवाद कर प्रदेश के किसानों की ज्वलंत समस्याओं को लेकर एकजुट आंदोलन करने का संकल्प लिया है।

बीटीआर भवन में  संयुक्त किसान मोर्चे द्वारा की गयी श्रद्धांजलि सभा तथा संवाद में किसान नेताओं ने माना कि 6 जून 2017 के मंदसौर गोलीकांड की जांच ने शहीद किसानों के साथ न्याय नहीं किया है। मांग की गयी कि इस अनावश्यक गोलीचालन की जिम्मेदारी तय कर दोषी पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के विरूद्ध समुचित कार्रवाई की जाए। इन सभी छः किसानों को, जिनके परिजनों को मुआवज़ा तथा राहत राशि के रूप में 1-1 करोड़ की राशि दी गयी थी, अब उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाए।

बैठक ने प्रदेश के किसानों के बदतर हालात पर विचार किया और तय किया कि जल्द ही सबके साथ परामर्श कर कुछ मुद्दे तय कर प्रदेश के मुख्यमंत्री को भेजकर उन्हें याद दिलाया जाएगा कि इस पदभार को ग्रहण करने के बाद उन्होंने आज तक किसान संगठनों से मुलाक़ात नहीं की है। संयुक्त किसान मोर्चा उम्मीद करता है कि मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण करने के बाद वे एक बार संयुक्त किसान मोर्चा सहित प्रदेश के सभी किसान संगठनो के साथ चर्चा कर इन समस्याओं सहित प्रदेश की खेती किसानी के मुद्दों तथा समस्याओं पर चर्चा करेंगे ताकि समाधान ढूंढे जा सकें।

बीकेयू (टिकैत) के अध्यक्ष अनिल यादव की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव बादल सरोज, मप्र किसान सभा के उपाध्यक्ष जसविंदर सिंह, मप्र किसान सभा (शाकिर सदन) के महासचिव प्रहलाद दास बैरागी, किसान जागृति संगठन के अध्यक्ष इरफ़ान जाफरी, किसान नेता नारायण सिंह, विजय सिंह मीणा, महेंद्र सिंह तोमर, ओमपटेल गुर्जर, सुभाष मल्होत्रा, शैलेश वासुदेव यादव, अनिल यादव, युवा नेता गोलू साहू के अलावा अन्य संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

इनमें सीटू के सहायक महासचिव ए टी पद्मनाभन, पी एन वर्मा, बीमा कर्मियों के नेता पूषण भट्टाचार्य, जनवादी लेखक संघ के अध्यक्ष वीरेन्द्र जैन, प्रगतिशील लेखक संघ के शैलेन्द्र कुमार शैली, सत्यम, एडवोकेट विजेंद्र सोनी, जनवादी महिला समिति की प्रदेश अध्यक्ष नीना शर्मा, एस एफ आई नेता दीपक पासवान,  लेखक मीडियाकर्मी द्रगचंद्र प्रजापति आदि शामिल थे।

(संयुक्त किसान मोर्चा मध्यप्रदेश की ओर से जारी )

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