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मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश की भी धज्जियां उड़ा रहा है आरटीओ

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आर टी. ओ. की रिक्षा चालानी कार्यवाही गलत हे रोक लगाऐ

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा एक  लंबित याचिका जो वर्ष 2013 में लगाई गई थी के कार्रवाई पूर्ण हो  उस नियम को लागू करने के लिए परिवहन आयुक्त मुकेश जैन को उच्च न्यायालय द्वारा न्यायालय में तलब किया गया था जिस पर माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष मुकेश जैन परिवहन आयुक्त द्वारा यह लिखित में दिया गया था कि उक्त कानून के तहत 45 दिवस के अंदर इसे लागू किया जाऐगा


 इस सूचना के बाद से  प्रदेश के अनेकानेक आरटीओ /डीटीओ द्वारा सडको पर आकर बलात तरीके से रीक्क्षा/मैजिक/बसो को जप्त कर अपनी वाह वाही ले रहे है। जिसके कारण वाहन स्वामीयो को परेशानी हो रही हैं ।कोरोणा संक्रमण काल में जब एक और पूरा राष्ट्र बंद पड़ा था व्यापार-व्यवसाय बंद पड़े थे उस समय वाहन स्वामीयो ने भी अपना व्यवसाय बंद रखा था जिसके कारण वह परमिट वगैरह नहीं बनवा सके वर्तमान में भी ट्राफिक की हालत खराब है जिसके कारण अनेकानेक रिक्शा चालकों/बस मालिकों द्वारा ना तो परमिट बनवाए गए हैं और ना ही किसी ने टेकस भरा हैः. वर्तमान में आरटीओ डीटीओ द्वारा जो कार्रवाई की जा रही है उस गलत कार्यवाही  के विरोध में माननीय परिवहन मंत्री गोवींद सिंह राजपुतजी से फोन पर चर्चा कर एवं परिवहन आयुक्त को ज्ञापन देकर यह चर्चा की गई कि आरटीओ अपने-अपने क्षेत्र में कैंप लगाकर रिक्शा चालकों को टेकस जमा करने  एंव परमिट बनवाने के लिए प्रेरित करें । इसलिए उन्हें प्रयाप्त समय देवें।  परिवहन आयुक्त द्वारा ज्ञापन स्वीकार किया गया और परिवहन आयुक्त ने पत्र क्र.109/टी.सी./2021 दिनाक 14/12/2021 जारी कर के समस्त आर.टी.ओ. को यह निर्देश दिए गए कि वे कैंप लगाकर सभी रिक्शा चालकों को सहयोग करें।
  म.प्र.परिवहन महासंघ  ने आरोप लगाया गया कि वर्तमान में जो भी आर. टी. ओ. कार्रवाई कर रहे है वह गलत है और जो भी रिक्शा एंव अन्य/वाहन पकड़ रखे हैं उनको तत्काल प्रभाव से छोड़ें और उन्हें केंप लगाकर  परमिट बनाने के लिए प्रेरित करें ।

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