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सौरभ शर्मा को जमानत,कांग्रेस ने मध्य प्रदेश सरकार पर साधा निशाना

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लोकायुक्त की कमजोरी का सौरभ शर्मा को मिल गया फायदा

भोपाल : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 52 किलो सोना और 11 करोड़ से अधिक की बरामदगी के बाद सौरभ शर्मा की गिरफ्तारी हुई थी, लेकिन प्रशासन और शासन की लापरवाही के चलते उसे जमानत मिल गई है। इस मामले में कांग्रेस ने मध्य प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है और उग्र प्रदर्शन कर सीएम का पुतला दहन किया है।आरटीओ के धनकुबेर पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा में लोकायुक्त की बड़ी लापरवाही सामने आई है। शर्मा को उसके साथियों समेत लोकायुक्त के विशेष जज की तरफ से जमानत मिल गई है। लोकायुक्त 3 महीने में चालान पेश नहीं कर पाई है। हालांकि इनकम टैक्स और ईडी की शिकायतों में जेल में ही रहेंगे।

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कांग्रेस नेता ने अभिषेक शर्मा कार्यवाहक जिला अध्यक्ष आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री के पास विभाग होने के बावजूद भी प्रशासन की लापरवाही इतनी अधिक है कि सही न्याय होना असंभव है। आरोप है कि पुलिस विभाग के द्वारा आरोप पत्र दाखिल नहीं होने के चलते सौरभ शर्मा को जमानत मिली है, जिसे सरकार की लापरवाही और भ्रष्टाचार में लिप्त होना साबित हो रहा है

पुलिस विभाग के अधिकारी asp चन्द्र शेखर पाण्डे का कहना है कि कांग्रेस द्वारा प्रदर्शन के दौरान मुख्यमंत्री का पुतला दहन करने का प्रयास किया गया, लेकिन प्रशासन द्वारा उनके इस प्रयास को विफल कर दिया गया है।

गौरतलब है कि आय से अधिक संपत्ति से लेकर कई अलग-अलग आर्थिक अपराधों के मामले में सौरभ पर लोकायुक्त पुलिस, ईडी और आयकर विभाग ने कार्रवाई की थी। इसके बाद 28 जनवरी को उसे गिरफ्तार किया गया था।

19 दिसंबर को लोकायुक्त ने की थी रेड

लोकायुक्त् पुलिस ने 19 दिसंबर 2024 को उसके घर और जयपुरिया स्कूल की निर्माणाधीन बिल्डिंग में छापा मारा था। इस दौरान सौरभ के दोनों ठिकानेां से करीब 50 लाख रुपए से अधिक के जेवर, लाखों रुपए की नकदी और की करीब ढाई क्विंटल चांदी की सिल्लियां मिली थी।

वहीं, देर रात को मेंडोरा के जंगल में एक इनोवा कार में करीब 54 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये नकदी बरामद हुए थे। यह कार सौरभ के करीबी चेतन सिंह गौर के नाम रजिस्टर्ड थी। बाद में चेतन की भी गिरफ्तारी हुई, वहीं उनके एक अन्य पार्टनर शरद जायसवाल भी गिरफ्तार हुआ। लेकिन तीनों ने इनावों में मिले माल को अपना नहीं माना।

सूत्रों का कहना है कि गिरफ्तारी के 60 दिन से ज्यादा समय बीतने के बाद भी लोकायुक्त कोर्ट में चालान पेश नहीं कर सकी है। इस कमजोरी का फायदा सौरभ को मिला है, इसी कारण उसे फायदा मिला है।

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