भोपाल। मध्यप्रदेश में मेल मुलाकातों के दौर के बीच अब तीन दिवसीय दौरे पर कल 9 जून से ज्योतिरादित्य सिंधिया प्रदेश का प्रवास कर रहे हैं। इस दौरान उनकी संगठन के साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बीच मुलाकात होना पहले से तय है। माना जा रहा है कि बैठक में श्रीमंत के चार समर्थकों को निगम मंडल की कमान देने पर मुहर लगाई जाएगी।
इसके अलावा संगठन में भी करीब डेढ़ दर्जन नेताओं के नाम भी तय किए जाएंगे। इससे एक बार फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया का प्रभाव दिखने की पूरी संभावना है। उनका यह दौरा ऐसे समय हो रहा है जब अगले सप्ताह केन्द्रीय मंत्रिमंडल के पुनर्गठन की चर्चाएं पूरे जोर पर हैं। दरअसल मेल मुलाकातों के बीच प्रदेश भाजपा में नेताओं के बीच नए समीकरण बने है, जिसका फायदा श्रीमंत समर्थकों को मिलना तय माना जा रहा है। दरअसल करीब सवा साल पहले कांग्रेस से इस्तीफा देकर श्रीमंत और उनके समर्थक विधायक भाजपा में शामिल हुए थे। इस बीच उपचुनाव में श्रीमंत के बेहद करीबियों में शामिल तीन मंत्री और कई विधायक हार गए थे।
इसके बाद से ही ज्योतिरादित्य सिंधिया उन्हें सत्ता में कहीं न कहीं एडजस्ट करने का दबाव बनाए हुए हैं। अब बदले हुए समीकरणों के बाद माना जा रहा है कि उनके उन चार समर्थकों को जो उपचुनाव में पराजित हो चुके हैं उन्हें निगम मंडल की कमान दी जाएगी। इन नेताओं में गिर्राज डंडोतिया, इमरती देवी, रघुराज कंषाना और मुन्नालाल गोयल के नाम बताए जा रहे हैं। इनमें से गिर्राज डंडोतिया और इमरती देवी पूर्व में मंत्री रह चुके हैं। दरअसलसिंधिया अपने इन चारों ही समर्थकों का हर हाल में राजनीतिक पुनर्वास चाहते हैं। बताया तो यह जा रहा है कि श्रीमंत वैसे तो अपने आधा दर्जन समर्थकों के लिए निगम मंडल चाहते हैं , लेकिन चार नामों को लेकर सहमति बनना तय मानी जा रही है। दरअसल इन नेताओं ने प्रदेश की कमलनाथ सरकार गिराने के साथ ही भाजपा की सत्ता में वापसी के लिए बड़ी भूमिका निभाते हुए विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद हुए उपचुनाव में इन नेताओं को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा था , लेकिन वे तमाम प्रयासों के बाद भी अपने ही इलाके से दोबारा विधायक नहीं बन सके। बताया जाता है कि श्रीमंत समर्थक इन नेताओं को चुनावी हार के तुरंत बाद ही निगम-मंडलों में एडजस्ट किए जाने का आश्वासन दिया गया था। अब पिछले छह महीने से इन चारों नेताओं के साथ सिंधिया समर्थक अन्य नेता भी सत्ता-संगठन में भागीदारी चाहते हैं।
इस बीच दमोह उपचुनाव और उसके बाद प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर के चलते सत्ता-संगठनों में नियुक्तियों का मामला अटक गया था। माना जा रहा है कि सिंधिया समर्थकों के नामों को लेकर सहमति बनने के बाद ही भाजपा की ओर से अपने नामों को अंतिम रूप दिया जाएगा। इसकी वजह है क्षेत्रीय और जातिगत समीकरणों को साधना।
अब श्रीमंत का रात्रि विश्राम भोपाल में
वरिष्ठ भाजपा नेता एवं राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया कल 9 जून को भोपाल आ रहे हैं। अब वे कल रात्रि विश्राम भोपाल में ही करेंगे। संशोधित कार्यक्रम के अनुसार अब वे इंदौर नहीं जाएंगे। वे कल दोपहर 1 बजे नियमित उड़ान से भोपाल आ रहे हैं। इस दौरान वे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित संगठन के प्रमुख नेताओं से मुलाकात करेंगे। गुरुवार को सुबह साढ़े नौ बजे वह विशेष विमान से ग्वालियर रवाना हो जाएंगे। दोपहर में वह सड़क मार्ग से भिंड पहुंचकर कार्यक्रम में भाग लेंगे। रात्रि विश्राम ग्वालियर में करेंगे। 11 जून को सुबह 11 बजे वह इंदौर के कैंसर फाउंडेशन की वर्चुअल बैठक को भी संबोधित करेंगे।
संगठन में भी मिलेंगे कई अहम पद
भाजपा सूत्रों का कहना है कि भाजपा प्रदेश कार्यसमिति और अन्य रिक्त चल रहे पदों में भी ज्योतिरादित्य सिंधिया के कुछ समर्थकों को समायोजित किया जाएगा। इनमें प्रदेश युवा मोर्चा से लेकर प्रवक्ता और मीडिया पैनलिस्ट के अलावा कई मोर्चा प्रकोष्ठों के पद शामिल हैं। बताया जा रहा है कि पंकज चतुर्वेदी को भाजपा का प्रवक्ता तो कृष्णा घाड़गे को युवा मोर्चा में दायित्व दिया जाना लगभग तय है। इसके अलावा कई अन्य समर्थकों के नाम भी इन पदों के लिए तय माने जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि फिलहाल डेढ़ दर्जन सिंधिया समर्थकों को संगठन में मौका दिया जा सकता है। इन नामों पर कल मुख्यमंत्री के अलावा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ होने वाली बैठक में मुहर लग जाएगी। जिन नामों पर कल मुहर लगने की संभावना है उनमें सिंधिया के ग्वालियर-चंबल के अलावा मालवा इलाके के भी उनके कई समर्थकों के नाम बताए जा रहे हैं।