केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में आने के बाद जिस तरह से सामाजिक रूप से उनके बेटे और ग्वालियर राजघराने के राजकुमार महाआर्यमन सक्रियता दिखा रहे हैं , उससे उनके राजनीति में आने के कयास लगना शुरू हो गए थे, लेकिन अब इन कयासों पर स्वयं महाआर्यमन ने ही यह कहकर विराम लगा दिया है कि फिलहाल उनकी राजनीति में आने की कोई योजना नहीं है। ग्वालियर के शाही परिवार के 27 साल के इस राजकुमार द्वारा फिलहाल एक किक्रेट लीग शुरू करने की दिशा में काम किया जा रहा है। एक न्यूज चैनल के मुताबिक महाआर्यमन सिंधिया ने कहा कि राजनीति निश्चित रूप से समाज में बदलाव लाने का एक बड़ा जरिया है, लेकिन फिलहाल मेरी राजनीति में आने की कोई योजना नहीं है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन ने कहा कि महात्मा गांधी ने अकेले ही दक्षिण अफ्रीका और भारत में एक गैर-राजनीतिक क्रांति शुरू की थी। उन्होंने कहा कि सिर्फ एक व्यक्ति भी समाज में बड़ा बदलाव ला सकता है और इसके लिए उन्हें राजनीति में आने की जरूरत नहीं है। इस सवाल पर कि उनके पिता के समर्थकों को उम्मीद है कि वह एक दिन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनेंगे, इस पर महाआर्यमन सिंधिया ने कहा कि उम्मीद रखना हर किसी का अधिकार है, लेकिन मैं अभी इस विषय पर चर्चा नहीं करना चाहूंगा। हम केवल उसी पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जो इस समय हमारा काम है। ग्वालियर डिवीजन क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष और मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एमपीसीए) के सदस्य महाआर्यमन सिंधिया ने कहा कि वह ग्रामीण क्षेत्रों में खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए एक क्रिकेट लीग शुरू करने की योजना पर काम कर रहे हैं। उधर, देश के सबसे बड़े सियासी घरानों में से एक सिंधिया घराने की चौथी पीढ़ी महाआर्यमन सिंधिया की राजनीति में एंट्री के कयासों को उस समय बल मिला था, जब वे किक्रेट एसोसिएशन में शामिल हुए थे। इसकी वजह थी उनके दादा माधवराव सिंधिया और पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया की सियासी पारी भी क्रिकेट पिच से ही शुरू हूई थी। महाआर्यमन ग्वालियर डिवीजन क्रिकेट एसोसिएशन में उपाध्यक्ष बन चुके हैं। इसकी वजह से ही उनकी सियासत में औपचारिक लॉन्चिंग कहा जाने लगा था। ये आर्यमन का किसी भी संस्था या संगठन में पहला पद है। इसके बाद से वो चर्चा में आ गए हैं।
यह है उनकी योजना
एनका कहना है कि प्रदेश के खिलाड़ी क्रिकेट में भारतीय टीम में जगह बना रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक मध्य प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं। प्रदेश के खिलाडिय़ों को क्रिकेट में और अधिक मौका मिले, इसके लिए जल्द ही मध्यप्रदेश क्रिकेट लीग की शुरुआत करने जा रहे हैं। मप्र क्रिकेट लीग फिलहाल सीनियर क्रिकेटरों के लिए होगी। उसके बाद उसे जूनियर लेवल पर शुरू किया जाएगा। क्योंकि यह एक बड़ा प्लेटफार्म बनने जा रहा है। दूसरे प्रदेशों में भी क्रिकेटरों को बढ़ावा देने के लिए लीग शुरू की है। वैसे ही हम भी लीग शुरू करेंगे ,ताकि हमारे अधिक से अधिक प्रतिभाशाली खिलाड़ी इसमें अपना हुनर दिखा सकें। गौरतलब है कि महाआर्यमन सिंधिया ने लगभग 9 महीने पहले एमपीसीए में बतौर सदस्य बनकर एंट्री की थी। वह जीडीसीए के उपाध्यक्ष भी हैं। जिसे देखते हुए राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि महाआर्यमन सिंधिया की सियासत में एंट्री कभी भी हो सकती है। क्योंकि क्रिकेट की पिच से ही उनके दादा स्व. माधवराव सिंधिया व पिता केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने क्रिकेट की पिच से ही सियासत के मैदान में एंट्री की थी। देखा जाएं तो अब आर्यमन भी उसी परंपरा को निभाते हुए आगे बढ़ते दिख रहे हैं।