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फिर मिशन मोड में शिवराज सिंह चौहान?

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भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए नेताओं को जिम्मेदारी देने के साथ 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह के आयोजन की सूचना घर-घर तक पहुंचाने पर मंथन किया। राज्य में लोकसभा की 29 सीटें हैं और पिछले चुनाव में भाजपा ने 28 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस बार पार्टी ने सभी 29 सीटों पर जीत दर्ज करने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को पाने के लिए भाजपा ने अभी से तैयारियां तेज कर दी हैं। भाजपा लोकसभावार जिम्मेदारी सौंपने पर भी विचार कर रही है और संभावना है कि यह काम जल्दी ही पूरा हो जाएगा।

राजधानी के नजदीक स्थित सीहोर जिले में पार्टी ने विशेष बैठक बुलाई। कहा जा रहा है कि इस बैठक से पहले भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारी के साथ भी बैठक हुई और इसमें लोकसभा चुनाव से लेकर 22 जनवरी को होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मौके पर जन-जन की हिस्सेदारी बढ़ाने पर चर्चा हुई। इसी बैठक में सीएम शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हुए।

क्या मिशन मूड में आ गए हैं शिवराज
बैठक में शामिल होने से पहले शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम लोकसभा की सभी 29 सीटों पर जीत दर्ज करेंगे। फिलहाल शिवराज सिंह चौहान के पास कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं है। शिवराज सिंह को लेकट अटकलें लगाई जा रही हैं कि पार्टी उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। शिवराज सिंह चौहान अभी हाल में तेलंगाना का भी दौरा किया था। शिवराज के इन बयानों के बाद माना जा रहा है कि शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर एक्टिव हो गए हैं।

जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद शिवराज सिंह चौहान ने संकेत दिए थे कि उन्हें विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान दक्षिण भारत में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। शिवराज सिंह ने तेलंगाना में भी विकसित भारत संकल्प यात्रा में हिस्सा लिया था अब सीहोर में बीजेपी की अहम बैठक मं भी शामिल हुए हैं। इसके बाद से माना जा रहा है कि शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर से लोकसभा चुनाव को लेकर एक्टिव हो गए हैं।
किन सीटों पर सबसे ज्यादा फोकस
सूत्रों का कहना है कि भाजपा की लोकसभा चुनाव को लेकर हुई बैठक में वे सीटें सबसे ज्यादा चर्चा के केंद्र में रही, जहां भाजपा को विधानसभा चुनाव में पिछड़ना पड़ा है। साथ ही उन दो सीटों पर भी जहां के सांसदों को भाजपा ने विधानसभा चुनाव में उतारा था और उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

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