अग्नि आलोक

कुछ नेता कांग्रेस को माओवाद की राह पर ले जाना चाह रहे; आचार्य प्रमोद

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नई दिल्ली

10 जून को 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों पर चुनाव होने हैं और रस्साकसी जारी है। कई नेता अपनी पार्टियों से नाराज चल रहे हैं। कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम को भी उम्मीद थी कि उन्हें राज्यसभा भेजा जाएगा, लेकिन उनका पत्ता कट गया। अब आचार्य प्रमोद का कहना है कि कांग्रेस पार्टी में कुछ नेता हैं जिन्हें हिंदू शब्द से नफरत है और वो हिंदू विरोधी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के कुछ नेता पार्टी को माओवाद के रास्ते पर ले जाना चाहते हैं।

प्रियंका गांधी के नजदीकी नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने एक बार फिर सचिन पायलट के साथ अन्याय होने का बयान दिया है। कांग्रेस चिंतन शिविर में पॉलिटिकल कमेटी में इनवाइट मेंबर आचार्य प्रमेाद कृष्णम ने भास्कर से कहा- 2018 में जब विधानसभा चुनाव हुए तब प्रदेशाध्यक्षों को मुख्यमंत्री बनाया गया था। पंजाब में अमरिंदर सिंह प्रदेशाध्यक्ष थे तो उन्हें सीएम बनाया गया। एमपी में कमलनाथ प्रदेशाध्यक्ष थे उन्हें सीएम बनाया, छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल प्रदेशाध्यक्ष थे उन्हें सीएम बनाया लेकिन राजस्थान में उस समय कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया। सचिन पायलट के साथ थोड़ी नाइंसाफी तो हुई है। अब मुझे पूरा भरोसा है कि कांग्रेस नेतृत्व उनके साथ इंसाफ करेगा।

आचार्य प्रमोद ने कहा— सोनिया गांधी ने कल अपने भाषण में बहुत कुछ साफ कर दिया है। भारत की राजनीति में सोनिया ने जीवन का आधा हिस्सा देश और कांग्रेस के लिए कुर्बान कर दिया। उन्होंने तीन बार पीएम पद कुर्बान कर दिया। सोनिया गांधी ने कल बड़ा इशारा किया है। चिंतन शिविर का मोटिव सोनिया गांधी ने समझा दिया है। इसका मकसद है कि चिंतन—मंथन, बाद परिवर्तन होना है।
बोले: सोनिया गांधी ने नेताओं को दिया मैसेज
राजस्थान में सोनिया गांधी के मैसेज के मायनों के सवाल पर आचार्य प्रमोद ने कहा कि राजस्थान, छत्तीसगढ़ के बारे में कमेंट करने का अधिकार नहीं है। लेकिन, आप इंतजार कीजिए। सोनिया गांधी ने नेताओं को इशारा कर दिया है। उन्होंने नेताओं से त्याग करने की बात कहकर साफ मैसेज दे दिया है। इसका असर आगे देखने को मिलेगा। इसमें राजस्थान या किसी प्रदेश के नेता विशेषज्ञ की बात नहीं है, सबके समझने की बात है। कांग्रेस में मंथन चिंतन के बाद परिवर्तन का नियम है।
आचार्य प्रमोद कृष्णम पायलट के पक्ष में बयान देते रहते हैं
आचार्य प्रमेाद कृष्णम इससे पहले भी कई बार सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की पैरवी करते हुए बयान दे चुके हैं। सीएम अशोक गहलोत को लेकर भी तंज कस चुके हैं। उनके ताजा बयान को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।

 कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम से सवाल-जवाब…

सवाल: आपने कांग्रेस पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है? ऐसी क्या जरूरत आन पड़ी?

जवाब: मैं पार्टी के खिलाफ नहीं हूं। मैं मानता हूं कि देश को आगे ले जाने के लिए मजबूत सरकार के साथ अच्छे विपक्ष की भी जरूरत है।

सवाल: कांग्रेस पार्टी में कुछ ऐसे नेता हैं जिन्हें हिंदू शब्द से नफरत है, धर्म नाम के शब्द से नफरत है? देश में अभी जिस तरह का माहौल है ऐसे में आपका ये आरोप बहुत गंभीर है और कांग्रेस पार्टी को नुकसान पहुंचा सकता है?

जवाब: BJP चाहती है कि कांग्रेस एक हिंदू विरोधी पार्टी घोषित हो जाए। वो जानते हैं कि हिंदू-मुस्लिम के आधार पर सियासत का विभाजन हुआ तो अगले 20-30 सालों तक कुछ करने की जरूरत नहीं है। BJP जानती है इसलिए वो नरेटिव सेट करती है। कांग्रेस पार्टी सर्व धर्म समभाव और धर्मनिरपेक्षता के रास्ते पर चलती है। कांग्रेस पार्टी में कुछ ऐसे लोगों का जमावड़ा है जो धर्मनिरपेक्षता को धर्मविरोध मान बैठे हैं। धर्मनिरपेक्षता का मतलब ये नहीं है कि करोड़ों लोगों की आस्था का सम्मान ना किया जाए।

सवाल: वो कौन लोग हैं जो कांग्रेस पार्टी के अंदर कथित हिंदू विरोध का झंडा बुलंद किए हुए हैं?

जवाब: राम मंदिर, धारा 370, तीन तलाक, हिजाब, CAA-NRC, तालिबान… ऐसे कई मुद्दे और मौके आए हैं, जब कांग्रेस के कुछ नेताओं ने पार्टी को माओवाद और वामपंथ की राह पर ले जाने की कोशिश की। मुझे नहीं पता कि वो ऐसा क्यों कर रहे हैं। कई लोगों को ‘वंदे मातरम्’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाने से झिझक है, जबकि ये तो हमारी विरासत का हिस्सा है। पार्टी में कई ‘भारत माता की जय’ बोलना पसंद नहीं करते। वे कहते हैं कि ये तो BJP का नारा है।

सवाल: सीधा सवाल ही पूछ रहा हूं- कांग्रेस पार्टी में वो कौन से नेता हैं जो हिंदू शब्द से नफरत करते हैं। क्या वो राहुल गांधी हैं?

जवाब: राहुल और प्रियंका गांधी धार्मिक लोग हैं, उनकी धार्मिक आस्था पर कोई सवाल नहीं है। सब जानते हैं कि वो लोग कौन हैं। अभी चिंतन शिविर में भी लोग हिंदू विरोध की आवाजें उठा रहे थे। कई नेताओं का मानना है कि हम काशी, मथुरा, अयोध्या, भारत माता, वंदे मातरम् पर बात करेंगे तो हम कम्युनल हो जाएंगे। क्या हिंदू धर्म का विरोध करना धर्मनिरपेक्षता है? विपक्षी पार्टियां अब हिंदू कहने से भी परहेज करने लगी हैं। कांग्रेस पार्टी के अंदर कई नेता हैं जिन्हें हिंदू नाम से चिढ़ है। ये कौन से नेता है उनके नाम पार्टी नेतृत्व को बता चुका हूं।

सवाल: आपने बीते दिनों एक बयान दिया कि आगरा और कुतुबमीनार हिंदुओं को सौंप दिए जाने चाहिए। क्या कांग्रेस पार्टी का भी यही स्टैंड है?

जवाब: मैं ये नहीं कह सकता कि कांग्रेस पार्टी का यही स्टैंड है या नहीं। मैं एक हिंदू धर्मगुरु और कल्कि पीठाधीश्वर हूं। मैं ऐसा मानता हूं कि ये जो कुछ भी भारत में बना है वो हमारी मिट्टी से ही बना है। मैं BJP के नेताओं से निवेदन करता हूं कि अगर कुतुबमीनार और ताजमहल हिंदू मंदिर हैं तो ये हमें सौंप दें। मैं तो पूरे देश को मंदिर मानता हूं। भारत भूमि का जर्रा जर्रा वंदनीय और पूजनीय है।

सवाल: देश में ज्ञानवापी मस्जिद का बड़ा मुद्दा चल रहा है, कांग्रेस का इस पर क्या स्टैंड है मुझे नहीं पता। क्या कांग्रेस स्टैंड ना लेकर गलती कर रही है, क्योंकि हिंदुओं के एक बड़े तबके में मैसेज जा रहा है कि हिंदू भावनाओं पर कांग्रेस का रवैया ढुलमुल रहता है?

जवाब: कांग्रेस का साफ मानना है कि कोर्ट जो फैसला करेगा वो मान्य होगा।

सवाल: आप BJP कब जॉइन कर रहे हैं? थोड़ी देर पहले ही लाइव टीवी डिबेट में BJP प्रवक्ता जफर इस्लाम ने आपको भाजपा में आने का न्योता दिया? तो मान लें कि आप भाजपा जॉइन करेंगे?

जवाब: BJP के नेताओं को अब मुझमें अच्छाइयां नजर आ रही हैं तो अब वो मेरा स्वागत करना चाह रहे हैं। मैं सच बोलना चाहता हूं, मैं सच के साथ हूं। मैं देश की एकता और अखंडता को कायम रखने के लिए जो करना होगा वो करूंगा। मैं पार्टी के भीतर भी और पार्टी के बाहर भी सच बोलूंगा।

सवाल: क्या आप कांग्रेस पार्टी छोड़ेंगे और BJP जॉइन करेंगे? आप जो भी जवाब दें हम नोट करके रख लेते हैं?

जवाब: राजनीति संभावनाओं का खेल है। भविष्य में क्या होगा, मैं ये नहीं बता सकता।

सवाल: उदयपुर चिंतन शिविर में कांग्रेस पार्टी ने तय किया कि युवाओं को मौका दिया जाए, फिर आपको राज्यसभा में युवा नेताओं के नामांकन से क्या दिक्कत है?

जवाब: मैं भी मानता हूं कि युवाओं को तरजीह दी जानी चाहिए, लेकिन राज्यसभा एक उच्च सदन होता है, वहां अनुभव की जरूरत होती है। पार्टी हमेशा राज्यसभा में उन वरिष्ठ लोगों को भेजती थी, जो राज्यसभा की गरिमा को समझते थे। जिन राज्यों की सीट हैं, वहां के नेताओं को ही राज्यसभा भेजा जाना चाहिए था।

सवाल: क्या उदयपुर के चिंतन शिविर में आपने मांग उठा दी कि प्रियंका गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जाए? क्या आपको राहुल गांधी बतौर अध्यक्ष पसंद नहीं हैं?

जवाब: राहुल जी ने जब अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है और वो अब अध्यक्षता स्वीकार नहीं कर रहे हैं, तो पार्टी को एक अध्यक्ष की जरूरत है। अगर राहुल जी अध्यक्ष नहीं बनना चाह रहे हैं तो प्रियंका जी को कमान देनी चाहिए, मेरा ऐसा मानना है।

सवाल: कांग्रेस पार्टी के अंदरूनी कामकाज में दिक्कत कहां आ रही है? क्या सब कुछ ठीक चल रहा है और अगर दिक्कत है तो कहां है?

जवाब: कांग्रेस पार्टी में कई सारे ऐसे लोग बाहर से आ गए हैं जिनका पार्टी की विचारधारा से कोई लेना देना नहीं है। कांग्रेस पार्टी के अंदर एक आम चलन हो गया है कि 4-5 लोगों की चापलूसी करो और पद पा जाओ। पार्टी को उन लोगों को आगे करना चाहिए जिन्हें जनता पसंद करती है।

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