नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका की डिजिटल न्यूज़ वेबसाइट डेली मैवरिक ने भारत पर साइबर हमले का आरोप लगाया है। उसने कहा है कि जैसे ही उसने ब्रिक्स समिट में भागीदारी करने के लिए पीएम मोदी के दक्षिण अफ्रीका पहुंचने संबंधी खबर चलायी उसके ऊपर हमला शुरू हो गया।
यह बात उसने वेबसाइट स्क्रोल से बातचीत में बतायी। डेली मैवरिक के सीईओ स्टाइली कैरालैंबस ने कहा कि “मैं इस बात की पुष्टि कर सकता हूं कि हमारे ऊपर भारत से डीडीओएस का हमला हुआ है।”
डिस्ट्रीब्यूटेड डेनियल ऑफ सर्विस यानि सेवा के वितरण से इंकार जिसे संक्षेप में डीडीओएस कहा जाता है, एक प्रकार का साइबर हमले का डिजाइन है जिसके जरिये किसी वेबसाइट को इतना भर दिया जाता है या फिर उसके सर्वर को इतने भारी ट्रैफिक से जाम कर दिया जाता है कि वह दूसरे यूजर्स के लिए उपलब्ध ही न हो सके।
22 अगस्त को डेली मैवरिक ने यह खबर दी थी कि प्रिटोरिया के वाटरक्लूफ एयर फोर्स बेस पर पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने विमान से उतरने से ही इंकार कर दिया था। उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि दक्षिण अफ्रीका की सरकार ने उनके स्वागत के लिए महज एक कैबिनेट मंत्री को भेजा था।
आपको बता दें कि ब्रिक्स समिट में हिस्सा लेने के लिए पीएम मोदी इस समय दक्षिण अफ्रीका में हैं। ब्रिक्स ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका को मिलाकर पांच देशों का समूह है।
डेली मैवरिक के मुताबिक मामला सामने आने के बाद दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति साइरल रामाफोसा ने अपने डिप्टी प्रेसिडेंट पॉल मैशाटाइल, जो चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के स्वागत की तैयारी की औपचारिकताओं में व्यस्त थे, को विमान से उतरने पर इंकार करने के बाद भारतीय प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए भेजा।
इसके साथ ही डिजिटल पोर्टल ने आगे बताया कि “इसके ठीक विपरीत (दक्षिण अफ्रीकी) राष्ट्रपति साइरल रामाफोसा सोमवार की रात को चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के पहुंचने पर उनके स्वागत के लिए हवाई पट्टी पर व्यक्तिगत तौर पर मौजूद थे।“
डेली मैवरिक के सीईओ कैरालैंबस ने बताया कि “खबर के प्रकाशित होने के साथ ही डीडीओएस का हमला शुरू हो गया और तकरीबन दोपहर के (दक्षिण अफ्रीका) समय हुए इन सारे हमलों का स्रोत भारत था। वह अभी भी जारी है और अभी तक हुए हमलों में सबसे बड़ा है जिनसे हम लोगों ने डील किया है।”
बुधवार की शाम को दक्षिण अफ्रीका के डिप्टी प्रेसिडेंट के प्रवक्ता ने भारतीय न्यूज चैनल डब्ल्यूआईओएन को बताया कि डेली मैवरिक ने जो भी खबरें दी हैं उसका हर पहलू झूठा है।
प्रवक्ता ने आगे कहा कि डिप्टी प्रेसिंडेट बहुत पहले से जानते थे कि भारतीय प्रधानमंत्री वहां पहुंच रहे हैं और उन्हें उनका स्वागत करना है। वह वहां पर पीएम के पहुंचने से पहले मौजूद थे।
(स्क्रोल से कुछ इनपुट लिए गए हैं।)