इंदौर। इंदौर एयरपोर्ट को कहीं और शिफ्ट करने के सारे कयासों पर कल रोक लग गई। कल इंदौर आए केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू किंजरापु ने एयरपोर्ट पर नए एटीसी टॉवर का उद्घाटन करते हुए मंच से ही घोषणा की कि इंदौर एयरपोर्ट पर अगले तीन सालों में नया टर्मिनल बनाया जाएगा। इसके साथ ही यहां बड़े विमान उतर सकें, इसके लिए रनवे का विस्तार किया जाएगा। इसके लिए राज्य शासन से जमीन की मांग की गई है। इसके बाद एयरपोर्ट के वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि अब इंदौर एयरपोर्ट के कहीं और जाने की कोई संभावना नहीं है।
उल्लेखनीय है कि मंत्री नायडू कल सुबह इंदौर पहुंचे थे और उन्होंने यहां 55 करोड़ की लागत से बनाए गए नए एटीसी टॉवर, टेक्निकल ब्लॉक, फायर स्टेशन और गारबेज प्लांट का उद्घाटन किया। इसके बाद सांसद शंकर लालवानी और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने उनसे मंच से ही मांग की कि इंदौर एयरपोर्ट पर लगातार यात्री और उड़ानों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसके लिए इंदौर में नया टर्मिनल बनाने के साथ ही रनवे का विस्तार भी किया जाए और इंदौर से बैंकॉक और सिंगापुर के लिए सीधी उड़ानें शुरू की जाएं। तीनों मांगों को मानते हुए मंत्री नायडू ने मंच से ही कहा कि इंदौर में अगले तीन सालों में नया एयरपोर्ट टर्मिनल बनाया जाएगा, जिससे एयरपोर्ट से सालाना 90 लाख से ज्यादा यात्री सफर कर सकेंगे।
अभी इंदौर की क्षमता 40 लाख की है, जहां तक इंदौर पहुंच चुका है। वहीं इंदौर में बड़े कोड-ई विमान भी उतर सकें, इसके लिए रनवे की लंबाई, जो अभी 2850 मीटर है, को बढ़ाकर 3500 मीटर किया जाएगा। इसके लिए जरूरी जमीन की मांग मंत्रालय की ओर से पत्र द्वारा मध्यप्रदेश सरकार के सामने रख दी गई है और इस पर मुख्यमंत्री मोहन यादव से हुई बात में उन्होंने एयरपोर्ट विस्तार के लिए जमीन से लेकर हर जरूरी मदद करने का आश्वासन दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि इंदौर से नई अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने को लेकर भी वे एयरलाइंस से बात करेंगे।
105 करोड़ खर्च किए, 2000 करोड़ के प्रोजेक्ट को हरी झंडी, फिर क्यों शिफ्ट होगा एयरपोर्ट
एविएशन एक्सपट्र्स और वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि नए एटीसी टॉवर को तैयार करने में 55 करोड़ से ज्यादा खर्च किए गए हैं। साथ ही मौजूदा जरूरत को पूरा करने के लिए पुराने टर्मिनल को भी तैयार किया जा रहा है, जिस पर 50 करोड़ खर्च हो रहे हैं। यानी 105 करोड़ खर्च हो चुके हैं। वहीं नया टर्मिनल बनता है तो वो प्रोजेक्ट भी एक हजार करोड़ से ज्यादा का ही होगा। वहीं रनवे विस्तार भी भूमि अधिग्रहण को मिलाकर एक हजार करोड़ से ज्यादा का प्रोजेक्ट होगा। इस तरह अगर एयरपोर्ट अथॉरिटी और सिविल एविएशन मिनिस्ट्री इंदौर के मौजूदा एयरपोर्ट पर 2100 करोड़ से ज्यादा खर्च कर रही है तो इसका कहीं और जाना कैसे संभव हो सकता है, क्योंकि मंत्रालय और सरकार ऐसे किसी प्रोजेक्ट पर पैसे खर्च नहीं करेगी, जो लंबे समय के लिए चलने वाला नहीं हो।
तीन माह में तैयार होगा नए टर्मिनल का प्रोजेक्ट अधिकारियों से तुरंत मंगवाई फाइल
अपनी घोषणाओं को लेकर मंत्री नायडू काफी गंभीर नजर आए। सांसद के साथ उज्जैन जाते हुए उन्होंने अधिकारियों को फोन लगाकर इंदौर एयरपोर्ट पर नया टर्मिनल बनाने के लिए विस्तृत प्रस्ताव तुरंत भेजने के निर्देश दिए। सांसद लालवानी ने बताया कि हमारा प्रयास है कि नया टर्मिनल सिंहस्थ से पहले तैयार हो जाए। इसलिए इस काम को तेजी से करने पर जोर दिया जा रहा है। संभवत: तीन माह में इसका पूरा प्रोजेक्ट तैयार हो जाएगा, जिस पर मंजूरी मिलने के बाद जल्द ही काम भी शुरू हो जाएगा।
कई स्थानों पर शिफ्ट करने के लिए लग चुके हैं कयास
इंदौर एयरपोर्ट को शिफ्ट करने की बात कई सालों से चली आ रही है। पहले इसे सीहोर के पास शिफ्ट करने की बात आई थी। बाद में चापड़ा में। इसके बाद धार के दिग्ठान और देपालपुर के बनेडिय़ा में भी इसे तैयार किए जाने की बातें हो चुकी हैं। यहां सर्वे के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी की टीमें भी आ चुकी हैं। इन्हीं कयासों के चलते मुआवजे के मजे के लिए इंदौर सहित प्रदेश के कई बड़े लोग यहां जमीनें भी खरीद चुके हैं, जिससे जमीनों के भाव भी आसमान तक पहुंचे थे। वहीं नए मुख्यमंत्री मोहन यादव के आने के बाद एयरपोर्ट को उज्जैन रोड पर कहीं शिफ्ट करने की चर्चाएं भी गर्म रही हैं।