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*एस यू सी आई ने भाजपा के षड्यंत्र को असफल कर इंदौर को सूरत बनने से बचा लिया*

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*विपक्ष  विहीन मोदानी मॉडल के खिलाफ वोट करें इंदौर की जनता-पूर्व विधायक डॉ सुनीलम * 

 *पूर्व विधायक डॉक्टर सुनीलम, राम स्वरूप मंत्री, प्रदेश अध्यक्ष प्सोशलिस्ट पार्टी इंडिया, हरिद्वार सिंह, सीपीआई सह सचिव मध्यप्रदेश ने एसयूसीआई प्रत्याशी को दिया समर्थन*

इंदौर :  समाजवादी पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने आज एस यू सी आई के उम्मीदवार अजीत सिंह पवार को समर्थन की घोषणा करते हुए कहा कि एस यू सी आई ने भाजपा के षड्यंत्र को असफल कर इंदौर को सूरत बनने से बचा लिया है।

     पूर्व विधायक डॉ सुनीलम, सोशलिस्ट पार्टी इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष रामस्वरूप मंत्री, सीपीआई के  प्रदेश सह सचिव हरिद्वार सिंह और एस यू सी आई के प्रदेश सचिव सुनील गोपाल ने इंदौर के मतदाताओं से अपील की कि वे भाजपा के विपक्ष विहीन करने के षड्यंत्र  का जोरदार तरीके से जवाब दें और एस यू सी आई प्रत्याशी अजीतसिंह पंवार को अपना समर्थन दे ।

डॉ सुनीलम ने आज इंदौर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि भाजपा लोकतंत्र के खात्मे पर आमादा है। उसने चुनाव के ठीक पहले विपक्ष के दो मुख्यमंत्रीयों को जेल भिजवाया, 10 विपक्ष की चुनी हुई सरकारों को अपदस्थ कर अपनी सरकारें बनाई, 145 सांसदों को संसद से निलंबित किया, प्रखर विरोध करने वाले सांसदों को जेल भिजवाया। भाजपा चुनाव आयोग को पूरी तरह निष्क्रिय कर उसे कठपुतली बना चुकी है। मतदान के 11 दिन बाद 6% वोटों की बढ़ोतरी किया जाना, वीवीपीएटी की 100% पर्चियों की गिनती नहीं किया जाना इसका प्रमाण है।

  डॉ सुनीलम ने दावा किया की तीन चरणों में हुए चुनाव बदलाव का स्पष्ट संकेत दे रहे हैं। जिसके चलते नरेंद्र मोदी ने ध्रुवीकरण का प्रयास तेज कर दिया है ।

  डॉ सुनीलम ने कहा कि देश के किसान आजादी के पहले से अलग-अलग संगठन बनाकर संघर्ष कर रहे थे। इन्हीं संघर्षों का परिणाम था कि देश में जमींदारी प्रथा समाप्त हुई। आजादी के बाद किसानों ने सिंचाई की सुविधा पाने, प्राकृतिक आपदा से नुकसानी का मुआवजा पाने, निःशुल्क बिजली और सब्सिडी पर खाद पाने के साथ-साथ अपनी उपज का उचित दाम पाने की लड़ाईयां लड़ी। 

   डॉ सुनीलम ने कहा कि मध्य प्रदेश के मंदसौर में 6 जून 2017 को भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान पुलिस गोली चालन में 6 किसानों की शहादत हुई । उसके बाद पहली बार देश के किसानों ने मिलकर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति का गठन किया। अ भा कि सं स स ने देश में संपूर्ण कर्जा मुक्ति और एमएसपी की कानूनी गारंटी पाने के लिए मोदी सरकार से कानून बनाने की मांग की। संसद में किसानों का समर्थन करने वाली 22 पार्टियों द्वारा प्राइवेट मेंबर बिल भी पेश किया गया किंतु सरकार ने बिल पारित करने की बजाय किसानों  की जमीन छीनने की दृष्टि से तथा कृषि बाजार को अडानी -अंबानी को सौंपने की दृष्टि से तीन काले कृषि कानून देश के किसानों पर थोपे, जिसके खिलाफ देश के किसान संगठनों ने संयुक्त किसान मोर्चा बनाकर संघर्ष किया। दिल्ली की बॉर्डरों को किसान 380 दिन तक घेरे रहे। जिसमें 732 किसान शहीद हुए । किसानों  की ताकत को देखते हुए खुद को महाबली समझने वाले नरेन्द्र मोदी को तीनों काले कानून वापस लेने पड़े । 

     उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 9 दिसंबर 2021 को किसानों को लिखित आश्वासन दिया लेकिन वह धोखा साबित हुआ। लागत से डेढ़ गुना दाम ( सी 2+50%) की कानूनी गारंटी और संपूर्ण कर्जा मुक्ति की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा का  संघर्ष जारी है।

 डॉ सुनीलम ने बताया  कि  14 मार्च 2024 को दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित किसान मजदूर महापंचायत में एक लाख किसानों द्वारा भाजपा को बेनकाब करने, विरोध करने और सजा देने के संकल्प के तहत भाजपा के खिलाफ मतदान करने का निर्णय किया गया है। 

   उन्होंने कहा कि किसान याद रखें कि  लखीमपुर में भाजपा सरकार के ही गृह राज्य मंत्री के बेटे ने चार किसानों और एक पत्रकार को कुचला था केवल इसलिए कि किसान केंद्रीय ग्रह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी का विरोध कर रहे थे। किसानों के हत्यारे अजय मिश्रा टेनी को भाजपा ने फिर से टिकट दे दिया है। किसान यह भी याद रखें कि खन्नौरी बॉर्डर पर 22 साल के युवा किसान शुभकरण सिंह की भाजपा की हरियाणा सरकार की पुलिस ने पंजाब में घुसकर गोली चलाकर हत्या की है। किसानों को यह याद रखना जरूरी है कि पहली बार किसानों के कृषि उपकरणों पर 8 – 28% जीएसटी लगाई है। यूरिया की जो बोरी 50 किलो की थी उसमें 10 किलो यूरिया की चोरी की है। किसानों के बजट में 30% की कमी की है दूसरी तरफ किसानों की महंगाई के चलते लागत दोगुनी हो गई है। हर मतदाता को किसानों की स्थिति को बदलने के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी और संपूर्ण कर्जा मुक्ति के लिए भाजपा के खिलाफ वोट देना चाहिए। मोदी के कार्यकाल में  एक लाख सत्तर हजार किसानों ने आत्महत्या की है। हम इसको संस्थागत हत्या मानते हैं। इन आत्महत्याओं के लिए मोदी सरकार की किसान मजदूर विरोधी नीतियां दोषी है। 

    डॉ सुनीलम ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने देश के केंद्रीय श्रमिक संगठनों और अन्य श्रमिक संगठनों के साथ मिलकर 24 अगस्त 2023 को दिल्ली के ताल कटोरा स्टेडियम में साथ मिलकर जो घोषणा पत्र लागू किया उसे लागू कराने के लिए भाजपा के खिलाफ वोट करें ताकि किसानों मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी मिल सकें । 44 श्रम कानून बहाल हो सके, चार लेबर कोड रद्द किए जा सकें, निजीकरण पर रोक लगाई जा सकें।

  उन्होंने कहा कि यह वही नरेंद्र मोदी है जिसने 16 लाख करोड़ रुपए अडानी अंबानी और कॉर्पोरेट का माफ किया है जबकि केवल 5 लाख करोड़  रुपये से किसानों का कर्जा माफ किया जा सकता था। मनरेगा मजदूरों को 24 वर्षों तक काम दिया जा सकता था।

 डॉ सुनीलम ने इंदौर के मतदाताओं से अपील करते हुए कहा कि वे भाजपा- नरेंद्र मोदी के झूठ में न फंसे तथा लोकतंत्र और संविधान बचाने में मदद करें।

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