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वन रैंक वन पेंशन: केंद्र की नहीं सुनी सुप्रीम कोर्ट ने

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नई दिल्ली: वन रैंक वन पेंशन पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को झटका देते हुए चार किश्तों में एरियर के भुगतान की मांग को खारिज कर दिया है. साथ ही सर्वोच्च अदालत ने केंद्र से तीन किश्तों में पेंशनर्स को भुगतान करने का निर्देश दिया है. कोर्ट पहले ही वन रैंक वन पेंशन के सिलसिले में आदेश जारी कर चुका है, लेकिन सरकार ने कोई ठोस प्रस्ताव नहीं दिया था.

अब सरकार का कहना है कि एक साथ भुगतान करना मुश्किल है, और कोर्ट से चार किश्तों में भुगतान की मोहलत मांगी, जिसे चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने स्वीकार नहीं किया, और तीन किश्तों में भुगतान का निर्देश दिया. केंद्र ने कोर्ट को बताया कि 10-11 लाख पेंशनर्स का बकाया इस साल 31 अगस्त, 30 नवंबर और अगले साल 28 फरवरी तक भुगतान कर दिया जाएगा. कोर्ट ने यह साफ किया कि इसका असर पूर्व कर्मियों के पेंशन के इक्वलाइजेशन पर नहीं पड़ेगा.

70 साल से ज्यादा उम्र वालों को 30 जून तक भुगतान
हालांकि, कोर्ट ने सरकार को ओआरओपी के तहत परिवार वालों और अवॉर्ड विनर पेंशनर्स को इसी साल 30 अप्रैल तक भुगतान करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने ओआरओपी के तहत 70 साल से ज्यादा उम्र वाले पेंशनर्स के बकाए का भुगतान भी इसी साल 30 जून तक भुगतान करने सख्त आदेश दिया.

आदेश जारी किया जाना है, सीक्रेट क्या है?
सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश इंडियन एक्स-सर्विसमेन मूवमेंट्स की याचिका पर जारी की है. इस संबंध में रक्षा मंत्रालय ने एक सील्ड कवर में अपना प्रस्ताव पेश करने की कोशिश की थी, जिसे चीफ जस्टिस की बेंच ने खारिज कर दिया था और कहा था कि कोर्ट में ट्रांसपेरेंसी रहनी चाहिए. सीजेआई ने यह भी पूछा था कि यहां आदेश ही तो जारी किया जाना है, इसमें सीक्रेट क्या है?

सरकार ने दो साल में भुगतान का दिया था प्रस्ताव
इससे पहले 13 मार्च को रक्षा मंत्रालय के 20 जनवरी के कम्युनिकेशन पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने कहा था कि सरकार पेंशनर्स को बकाए का भुगतान चार छमाही इंस्टॉलमेंट यानी दो साल में करेगी, जबकि कोर्ट ने इसे स्वीकार नहीं किया और मंत्रालय से कम्युनिकेशन वापस लेने को कहा था. पेंशनर्स के भुगतान के लिए बजट आउटले 5 लाख करोड़ का है, और 1.2 लाख करोड़ रुपए का भुगतान फरवरी महीने तक किया जा चुका है.

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