भोपाल: मध्य प्रदेश में कुछ दिनों पहले लोकायुक्त बने सतेंद्र कुमार की नियुक्ति पर रोक नहीं लगेगी। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को यह बात स्पष्ट कर दी है। वहीं, कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार से लोकायुक्त की नियुक्ति की पूरी फाइल मांग ली है। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार से दो सप्ताह में जवाब मांगा है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दाखिल करके मध्य प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति पर रोक लगाने की मांग की थी।
इसी याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति को अवैध बताते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उमंग ने आरोप लगाया था कि लोकायुक्त सतेंद्र कुमार की नियुक्ति नियमों के विरुद्ध की गई है। उन्होंने यह भी आरोप मढ़े थे कि उन्हें जानकारी दिए बिना लोकायुक्त की नियुक्ति की गई है, जो कि नियमों के विपरीत है।
वहीं, शुक्रवार को जब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की तो लोकायुक्त की नियुक्ति पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। हांलाकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है।
गौरतलब है कि इसी महीने नए लोकायुक्त जस्टिस सत्येंद्र कुमार सिंह को नियुक्त किया गया है। इससे पहले एनके गुप्ता इस पद पर थे। उनका कार्यकाल अक्टूबर 2023 में समाप्त हो गया था। दूसरे लोकायुक्त की नियुक्ति न होने से अब तक वही इस पद पर बने हुए थे। न्यायमूर्ति सिंह को मध्य प्रदेश लोकायुक्त और उप-लोकायुक्त अधिनियम 1981 के तहत लोकायुक्त नियुक्त किया गया है। जस्टिस सिंह भोपाल जिला न्यायालय में एडीजे रहे हैं।