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भोपाल और इंदौर के लिए मेट्रो पॉलिटन रीजन के गठन की कवायद,मुख्यमंत्री ही रहेंगे सर्वेसर्वा

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इंदौर। भोपाल और इंदौर के लिए मेट्रो पॉलिटन रीजन के गठन की गवायद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुरू करवाई है। इसके साथ ही अभी इंदौर आए मुख्यमंत्री ने उद्यमियों के साथ चर्चा में भी इसकी जानकारी दी। इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा इस पर काम किया जा रहा है और 5 राज्यों में जिस तरह से मेट्रो पॉलिटन अथॉरिटी का गठन किया गया है, उसका व्यापक अध्ययन भी प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा है, जिसमें हरियाणा, पंचकुला, जम्मू कश्मीर, हैदराबाद और गुडग़ांव की अथॉरिटी के अध्ययन के बाद इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन का ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। अभी हैदराबाद की प्लानिंग को अधिक पसंद किया जा रहा है। दूसरी तरफ शासन निर्देश पर पूर्व में जो एरिया शामिल किया गया था उसमें इजाफा भी हो गया है। अब कुल 9336 वर्ग किलोमीटर के एरिया में कुल 1756 गांव शामिल किए गए हैं, जिसमें अब जिलों की संख्या भी बढक़र 5 हो गई है।

एक तरफ इंदौर के मास्टर प्लान की कवायद चल रही है तो उसी के साथ इंदौर, उज्जैन, देवास मेट्रोपॉलिटन रीजन की प्लानिंग भी की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव लगातार इसको लेकर अधिकारियों को दिशा-निर्देश तो दे ही रहे हैं, साथ ही 2051 के मान से इसे तैयार कराया जा रहा है, ताकि महानगरीय क्षेत्र और उससे जुड़े गांव, कस्बों, जिलों तक की औद्योगिक, वाणिज्यिक, आवासीय सहित अन्य गतिविधियां शामिल हो सके।

इंदौर विकास प्राधिकरण के सीईओ आरपी अहिरवार के मुताबिक कई राज्यों में इस तरह की जो अथॉरिटी गठित की गई है उसका भी लगातार अध्ययन किया जा रहा है और जो सबसे अच्छा फॉर्मूला होगा उसे अमल में लाया जाएगा। अभी वैसे हैदराबाद का सिस्टम अधिक बेहतर नजर आ रहा है। लिहाजा उसकी खासियतें आईएमआर में शामिल की जाएगी, वहीं दूसरी तरफ सूत्रों का कहना है कि इस इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन के सर्वेसर्वा यानी अध्यक्ष मुख्यमंत्री ही रहेंगे और सीईओ भी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को बनाया जाएगा, जो कि अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के होंगे, जिससे सभी विभागों के बीच सामंजस्य स्थापित करने के अलावा 5 जिलों के कलेक्टर और अन्य अधिकारी भी चूंकि सीईओ के मातहत रहेंगे, तो काम कराने में आसानी होगी। इसमें इंदौर जिले के 690 गांवों का 3901 वर्ग किलोमीटर का एरिया शामिल किया गया है, तो उज्जैन का 61.12 फीसदी एरिया इसमें अब शामिल हो गया है। इसी तरह देवास, धार और शाजापुर के भी गांव इसमें जोड़े गए हैं। उज्जैन के जहां 512, तो देवास के 444, वहीं धार के 107 और शाजापुर के 3 गांवों का एरिया इसमें जोड़ा गया है, जिसके चलते अब इन सभी 1756 गांवों की तहसीलों का कुल एरिया 9336 वर्ग किलोमीटर का हो गया है।

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