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सुशील कुमार की अग्रिम जमानत याचिका खारिज; ओलिंपिक मेडलिस्ट पहलवान पर 1 लाख रु. का इनाम

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दिल्ली

छत्रसाल स्टेडियम में जूनियर गोल्ड मेडलिस्ट पहलवान सागर की हत्या मामले में दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने आरोपी सुशील कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी है। मंगलवार को इस मामले में सुनवाई हुई। इसके बाद शाम 4 बजे कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया।

फरार चल रहे ओलिंपिक मेडलिस्ट पहलवान सुशील कुमार पर दिल्ली पुलिस ने 1 लाख रुपए का इनाम भी रखा है। इसके साथ ही उनके PA अजय की सूचना देने पर भी 50 हजार रुपए का इनाम है। सुशील और अजय के अलावा अन्य आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया है।

मुझे स्पेशल ड्यूटी के लिए छत्रसाल स्टेडियम में रखा गया
सुनवाई एडिशनल सेशन जज जगदीश कुमार के सामने हुई। दोनों पक्षों की ओर से दलीलें पेश की गईं। इस दौरान सुशील के वकील सिद्धार्थ लूथरा और आर.एस जाखड़ ने उनके हवाले से कहा- मैं एक इंटरनेशनल लेवल का एथलीट हूं। मुझे पद्मश्री समेत देश के तमाम प्रतिष्ठित मेडल और सम्मान मिल चुके हैं। मैंने ओलिंपिक में भी दो बार मेडल जीता है। मुझे छत्रसाल स्टेडियम में जूनियर एथलीट को ट्रेनिंग देने के लिए रखा गया है। वहां मैं अपने परिवार के साथ रहता हूं।

मुझे इसमें बेवजह फंसाया जा रहा है
सुशील के हवाले से उनके वकील ने कहा – मुझे इसमें बेवजह फंसाया जा रहा है। FIR में घटना की सूचना देने वाले के बारे में कुछ नहीं बताया गया है। सोनू नाम का व्यक्ति हिस्ट्री शीटर है और उसके पिछले अपराधों की कोई जानकारी FIR में नहीं है। मेरा पासपोर्ट जब्त कर रखा है। मेरी बंदूक से गोली नहीं चली और न उसके लगने की वजह से मृतक की जान गई। मुझे नहीं पता, मुझ पर हत्या का आरोप कैसे बना।

दिल्ली पुलिस ने सुशील का पासपोर्ट जब्त नहीं किया
वहीं, दिल्ली पुलिस की ओर से पक्ष रखते हुए सरकारी वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि सुशील कुमार का पासपोर्ट जब्त नहीं हुआ है। उनका पासपोर्ट पुलिस ने अपने पास रखा है, ताकि वे देश से न भाग जाएं। हम उनकी इज्जत करते हैं। पर जिस पहलवान सागर की हत्या हुई, वह जूनियर गोल्ड मेडलिस्ट था। दिल्ली पुलिस ने भी कहा कि उनके पास पर्याप्त सबूत हैं। पुलिस ने CCTV फुटेज भी जब्त किया है।​​​​​

क्या है पूरा मामला?
पुलिस के मुताबिक, 4 मई को रात 1.15 से 1.30 के बीच छत्रसाल स्टेडियम के पार्किंग एरिया में पहलवान के दो गुटों में झड़प हुई थी। इस दौरान फायरिंग भी हुई। इसमें 5 पहलवान जख्मी हो गए। इनमें सागर (23), सोनू (37), अमित कुमार (27) और 2 अन्य पहलवान शामिल थे।

सागर ने इलाज के दौरान दम तोड़ा
सागर ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। वह दिल्ली पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल का बेटा था। बताया जा रहा है कि यह झगड़ा प्रॉपर्टी विवाद को लेकर हुआ था। सागर और उसके दोस्त जिस घर में रहते थे, सुशील उसे खाली करने का दबाव बना रहे थे।

घटनास्थल से डबल बैरल गन और कारतूस मिले
पुलिस को घटनास्थल से 5 गाड़ियों के अलावा एक लोडेड डबल बैरल गन और 3 जिंदा कारतूस बरामद हुई। दिल्ली पुलिस ने बताया कि वे सुशील कुमार की भूमिका की जांच कर रहे, क्योंकि उन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इसके बाद पुलिस ने सुशील और अन्य आरोपी की तलाश में कई जगहों पर छापेमारी भी की।

सामने नहीं आ रहे आरोपी
लुकआउट नोटिस जारी करने के बाद भी सुशील इस मामले में पुलिस का साथ देने के लिए सामने नहीं आए। इस कारण उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया। इतना ही नहीं दिल्ली पुलिस ने फरार चल रहे सुशील और उनके PA अजय के ऊपर इनाम की घोषणा भी की।

सुशील की गिरफ्तारी में मदद करने वाले को 1 लाख रुपए का इनाम दिया जाएगा। वहीं, अजय को गिरफ्तार करवाने वाले को 50 हजार रुपए दिए जाएंगे। इनके अलावा अन्य आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया है। आरोपियों की तलाश में दिल्ली पुलिस छापेमारी भी कर रही है।

सुशील ने आरोपों से इनकार किया था
घटना के एक दिन बाद सुशील ने मामले पर सफाई दी थी। उन्होंने कहा था कि वह हमारे साथी पहलवान नहीं थे। हमने ही पुलिस अधिकारियों को सूचित किया था कि कुछ अज्ञात लोग हमारे परिसर में घुसकर झगड़ा कर रहे हैं। सुशील ने 2012 के लंदन ओलिंपिक में सिल्वर और बीजिंग ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।

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