इंदौर। शहर में उद्योग लगाने के लिए जिला उद्योग व्यापार केंद्र के पास सालों से 1 इंच भी जमीन नहीं है। दूसरी तरफ लगभग 12 साल से बंद पड़े 8 उद्योगों के पास 22 लाख वर्गफीट से ज्यादा जमीन उनके कब्जे में फंसी हुई है। प्रशासन को अपनी ही जमीन वापस लेने में पसीने छूट रहे हैं। जिला उद्योग व्यापार केंद्र इंदौर के मुताबिक ये 8 उद्योग कई सालों से बंद पड़े हैं, इसलिए नियम अनुसार इन सभी उद्योगों को बेदखली का नोटिस देकर इनसे जमीन वापस लेने की कार्रवाई शुरू की गई है। विभागीय कार्रवाई के विरोध में इन सबने कोर्ट में अपना दावा ठोंक दिया। इसके बाद से इन औद्योगिक जमीनों के मामले साल 2011 से उच्च न्यायालय और जिला न्यायालय में लंबित हैं।
करोड़ों रुपए कीमत हो चुकी है जमीनों की
यह बंद पड़े उद्योग सांवेर रोड इंडस्ट्रियल एरिया के सेक्टर-बी, सेक्टर-सी और सेक्टर-डी के अलावा पोलोग्रांउड औद्योगिक क्षेत्र में हैं। इंडस्ट्रियल एरिया के हिसाब से उद्योगों के लिए यह प्राइम लोकेशन है। आज के समय में बंद पड़े कई उद्योगों के कब्जे वाली जमीन की कीमत करोड़ों रुपए है।
इन उद्योगों के पास फंसी पड़ी है जमीन
हिंदुस्तान यूनिलीवर की 239928 वर्गफीट, इंडियन सोया की 1620160 वर्गफीट, मेटलमैन इंडिया की 14000 वर्गफीट, एमपीडीटीएम ग्लोबल की 166841 वर्गफीट, रेफ्रिजरेशन इंडस्ट्रीज की 48400 वर्गफीट, मेटलमैन पाइप मैन्यूफैक्चरिंग की 130680 वर्गफीट, केनस्टार की 4640 वर्गफीट, जेएम इंटरप्राइजेस की 9000 वर्गफीट जमीन, इस तरह कुल मिलाकर 22 लाख 33 हजार 649 वर्गफीट जमीन इन 8 उद्योगों के कब्जे में फंसी पड़ी है। इनसे जमीन वापस लेने के लिए जिला उद्योग व्यापार केंद्र कई सालों से कोर्ट-कचहरी के चक्कर काट रहा है।
बंद पड़े उद्योगों से अपनी जमीन वापस लेने के लिए हमने 9 विशेषज्ञ वकीलों को जिम्मेदारी दी है। हमारे वकीलों की पैनल का कहना है कि न्यायालय के माध्यम से इस साल में हम इन उद्योगों के कब्जे से जमीन वापस ले लेंगे।
-एसएस मंडलोई,
महाप्रबंधक, जिला उद्योग व्यापार केंद्र