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अडानी ग्रुप की तरह ब्लॉक पर असर नहीं दिख रहा है

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नई दिल्ली: अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग का नाम साल 2023 की शुरुआत से अब तक सबसे ज्यादा चर्चा में रहा है. 24 जनवरी को अडानी ग्रुप पर इस शॉर्ट सेलर फर्म ने अपनी रिपोर्ट पब्लिश कर 88 गंभीर सवाल उठाए, जिनमें ग्रुप पर कर्ज और शेयरों में हेर-फेर के आरोप भी शामिल थे. इसका इतना बुरा असर Adani Group पर हुआ कि महीने भर में ही गौतम अडानी की नेटवर्थ 60 फीसदी साफ हो गई. इसके अलावा ग्रुप का मार्केट कैप भी 100 अरब डॉलर के नीचे पहुंच गया. अडानी पर हिंडनबर्ग का असर (Hindenburg effect) कम होता नजर आया तो अमेरिकी फर्म ने अगला निशाना ट्विटर के को-फाउंडर जैक डोर्सी की कंपनी Block Inc को बनाया, लेकिन उसका ये वार नाकाम नजर आ रहा है और ब्लॉक पर अडानी जैसा असर नहीं दिख रहा है.

एक ओर जहां अडानी ग्रुप पर Hindenburg की रिपोर्ट आने के बात अगले ही कारोबारी दिन से Gautam Adani की कंपनियों के शेयर भरभराकर टूटने लगे थे. हर बीतते दिन के साथ अडानी एंटरप्राइजेज से लेकर अडानी ग्रीन की हालत पतली होती गई. शेयरों में सुनामी महीनेभर से ज्यादा समय तक देखने को मिली और इस बीच Adani Stock 80 फीसदी से ज्यादा तक फिसल गए. वहीं जैक डोर्सी की कंपनी Block Inc पर हिंडनबर्ग की रिसर्च रिपोर्ट बीते 23 मार्च को पब्लिश हुई थी. इसके पब्लिश होने के साथ ही कंपनी के शेयरों में 18 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली थी और आशंका जताई जा रही थी कि डोर्सी भी गौतम अडानी जैसी स्थिति का सामना कर सकते हैं, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है.

एक ओर जहां अडानी ग्रुप पर Hindenburg की रिपोर्ट आने के बात अगले ही कारोबारी दिन से Gautam Adani की कंपनियों के शेयर भरभराकर टूटने लगे थे. हर बीतते दिन के साथ अडानी एंटरप्राइजेज से लेकर अडानी ग्रीन की हालत पतली होती गई. शेयरों में सुनामी महीनेभर से ज्यादा समय तक देखने को मिली और इस बीच Adani Stock 80 फीसदी से ज्यादा तक फिसल गए. वहीं जैक डोर्सी की कंपनी Block Inc पर हिंडनबर्ग की रिसर्च रिपोर्ट बीते 23 मार्च को पब्लिश हुई थी. इसके पब्लिश होने के साथ ही कंपनी के शेयरों में 18 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली थी और आशंका जताई जा रही थी कि डोर्सी भी गौतम अडानी जैसी स्थिति का सामना कर सकते हैं, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है.

बीते पांच कारोबारी दिनों में जैक डोर्सी की ब्लॉक इंक के शेयरों तेजी की बात करें, तो ये रॉकेट की रफ्तार से भाग रहे हैं. इस अवधि में ये Block Inc Stcok 9.70 फीसदी चढ़ चुका है. खबर लिखे जाने तक ये शेयर 68.65 डॉलर के स्तर पर कारोबार कर रहा था. वहीं बीते 23 मार्च को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पब्लिश होने के बाद इस शेयर की चाल को देखें तो बहुत ज्यादा अंतर नजर नहीं आया है. दरअसल, 23 मार्च को इसकी कीमत 61.88 डॉलर थी, जो रिपोर्ट के तुरंत बाद 24 मार्च को 60.68 डॉलर प्रति शेयर तक गिर गई थी. लेकिन 25 मार्च से ही डोर्सी के शेयरों में फिर से रिकवरी आनी शुरू हो गई और ये 27 मार्च को 64.40 डॉलर के लेवल पर पहुंच गए. इसके बाद 30 मार्च को ये 68 डॉलर का स्तर पार कर गए.

अमेरिकी शॉर्ट सेलर की रिपोर्ट के बाद 11 दिनों में Block Inc के शेयरों में गिरावट के बजाय अब उसकी कीमत में तेजी ही देखने को मिली है. फिलहाल, ब्लॉक के शेयर का दाम 6.77 डॉलर ज्यादा चल रहा है. यहां तक कि हिंडनबर्ग की रिसर्च इस स्टॉक को इसके लो-लेवल तक भी नहीं गिरा सकी. बता दें ब्लॉक इंक के शेयर का निचला स्तर 51.34 डॉलर है. ऐसे में ये कहना गलत न होगा कि कंपनियों को टारगेट बनाकर और उनकी जांच-पड़ताल के बाद रिपोर्ट पब्लिश कर, उनके शेयर धराशायी होने की स्थिति में शॉर्ट सेलिंग के जरिए अरबों कमाने वाली नाथन एंडरसन के नेतृत्व वाली हिंडनबर्ग का दांव उल्टा पड़ गया. डोर्सी की कंपनी के शेयरों में तेजी के चलते लगता है उसकी रिसर्च और इसपर किया गया भारी-भरकम खर्च की भरपाई भी नहीं हो सकी.

हिंडनबर्ग की वेबसाइट पर प्रकाशित खुलासे में कहा गया है कि ब्लॉक के खिलाफ लंबी जांच चली है. पिछले दो साल की जांच से निष्कर्ष निकलता है कि कंपनी ने व्यवस्थित रूप से डेमोग्राफिक्स का लाभ उठाया है, जो गलत है. रिपोर्ट की मानें तो ब्लॉक ने निवेशकों को गुमराह किया और तथ्यों के साथ खिलवाड़ किया है. इसके साथ ही कंपनी के कैश ऐप के प्रोग्राम में भी कई कमियां निकाली गई हैं. रिसर्च फर्म ने रिपोर्ट में आरोप लगाते हुए कहा था कि उसने जैक डोर्सी के नेतृत्व वाली पेमेंट कंपनी Block के शेयरों को शॉर्ट किया है.

ब्लॉक इंक अपने ग्राहकों और सरकारों के खिलाफ फ्रॉड कर रही है. इसके साथ ही शॉर्ट सेलर फर्म ने डोर्सी की कंपनी पर गलत आंकड़े जारी कर निवेशकों को गुमराह करने का आरोप लगाया. रिपोर्ट के मुताबिक, Block Inc के आधे से ज्यादा अकाउंट फेक हैं, जो फ्रॉड करने में शामिल हैं. कंपनी ने यूजर्स की संख्या को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया है. पूर्व कर्मचारियों के हवाले से रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इसके 40 से 75 फीसदी यूजर्स फेक हैं. बता दें सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर के को-फाउंडर रहे जैक डोर्सी ने Block Inc की स्थापना 2009 में की थी. यह कंपनी टेक्नोलॉजी से जुड़ी हुई है. ब्लॉक इंक को पहले स्क्वायर (Square) के नाम से जाना जाता था. कंपनी का मार्केट कैप करीब 44 बिलियन डॉलर का है.

भले ही हिंडनबर्ग की रिसर्च रिपोर्ट ब्लॉक इंक का कुछ भी न बिगाड़ सकी है, लेकिन भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनियों पर इसका ऐसा बुरा असर हुआ है, जिससे उबरने में उन्हें लंबा वक्त लगेगा. 24 जनवरी को रिपोर्ट पब्लिश होने से ठीक पहले Gautam Adani करीब 120 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ दुनिया के टॉप अरबपतियों की लिस्ट में चौथे पायदान पर काबिज थे. वहीं रिपोर्ट जारी होने के कुछ ही दिनों में वे टॉप-10 लिस्ट से बाहर हो गए.

इसके बाद अडानी की कंपनियों के शेयरों में सुनामी के चलते उनकी नेटवर्थ हर हफ्ते हजारों करोड़ रुपये घटती गई और इसी रफ्तार से वे अमीरों की लिस्ट में नीचे फिसलते गए. फरवरी महीने के मध्य तक वे खिसकर 34वें पायदान पर पहुंच चुके थे. हालांकि, इसके बाद अडानी के शेयरों में कुछ रिकवरी जरूर देखने को मिली है. फिलहाल, Forbe’s Real Time Billionaires Index के मुताबिक, बीते 24 घंटें में गौतम अडानी की नेटवर्थ में 1.2 अरब डॉलर या 9,878 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमी आई है. संपत्ति में इस गिरावट के साथ उनकी नेटवर्थ घटकर 43.1 अरब डॉलर रह गई है. इतनी नेटवर्थ के साथ वे अमीरों की लिस्ट में 27वें नंबर पर पहुंच गए हैं.

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