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तलघर में हटा लें दुकानें,निगम ने दी एक माह की मोहलत

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शहरभर की मल्टियों के बेसमेंट में चल रहे व्यावसायिक संस्थानों को नोटिस

इंदौर। नगर निगम ने सार्वजनिक सूचना जारी कर शहरभर की मल्टियों के बेसमेंट में चल रहे व्यावसायिक संस्थानों और दुकानों को हटा लेने की अपील की है। इसके लिए एक माह का समय दिया गया है। इसके बाद निगम की टीमें बेसमेंट में चल रहे कोचिंग संस्थानों के साथ-साथ दुकानों और व्यावसायिक इकाइयों पर भी कार्रवाई करेंगी। शहर में पार्किंग की दिक्कत होने के चलते अब निगम और प्रशासन का सारा ध्यान मल्टियों में पार्किंग की जगह पर किए गए कब्जों पर है। कई जगह बड़ी मल्टियों में पार्किंग के लिए आरक्षित जमीनों पर कब्जे कर दुकानें बना ली गईं और कई जगह तो कोचिंग सेंटर खोल लिए गए हैं।

पिछले दिनों निगमायुक्त शिवम वर्मा ने बैठक के दौरान सभी बीओ, बीआई को निर्देश दिए थे कि अपने-अपने क्षेत्रों में ऐसे संस्थानों का पता लगाएं, जहां पार्किंग की जगह बेसमेंट में अवैध रूप से निर्माण कर व्यावसायिक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। शहर में ऐसे हजारों मामले हैं। दो दिन पहले निगम ने अखबारों में इसकी सार्वजनिक सूचना जारी कर इसे सूचना पत्र बताते हुए सभी से अपील की कि अपने-अपने संस्थान पार्किंग के स्थानों से हटा लें। नगर निगम कमिश्नर के हवाले से यह सूचना अपर आयुक्त द्वारा जारी की गई है। इसमें 14 अगस्त से 14 सितंबर तक एक माह का समय दिया गया है।

तलघर में पार्किंग के स्थान पर व्यावसायिक गतिविधियां संचालित किए जाने पर नोटिस में भूमि विकास अधिनियम 2012 और नगर पालिक अधिनियम 1956 में नियमों का हवाला देते हुए कार्रवाई की बात कही गई है। नोटिस में स्पष्ट लिखा गया है कि शहर में बड़ी संख्या में वाहन मुख्य सडक़ों पर पार्क किए जाते हैं और विभिन्न बड़ी मल्टियों में पार्किंग के लिए आरक्षित स्थानों पर व्यावसायिक निर्माण कर लिए गए हैं। इस मामले में एक खास बात यह भी है कि धड़ल्ले से मल्टियों का निर्माण कार्य होता रहा और पार्किंग की जमीन पर किए गए निर्माणों पर निगम के अफसर आंखें मूंदे रहे और संबंधितों को कार्यपूर्णता के प्रमाण पत्र जारी किए जाते रहे, जिसका खामियाजा अब कई लोगों को भुगतना पड़ेगा।

तलघर में पार्किंग के स्थान पर व्यावसायिक गतिविधियां संचालित किए जाने पर नोटिस में भूमि विकास अधिनियम 2012 और नगर पालिक अधिनियम 1956 में नियमों का हवाला देते हुए कार्रवाई की बात कही गई है। नोटिस में स्पष्ट लिखा गया है कि शहर में बड़ी संख्या में वाहन मुख्य सडक़ों पर पार्क किए जाते हैं और विभिन्न बड़ी मल्टियों में पार्किंग के लिए आरक्षित स्थानों पर व्यावसायिक निर्माण कर लिए गए हैं। इस मामले में एक खास बात यह भी है कि धड़ल्ले से मल्टियों का निर्माण कार्य होता रहा और पार्किंग की जमीन पर किए गए निर्माणों पर निगम के अफसर आंखें मूंदे रहे और संबंधितों को कार्यपूर्णता के प्रमाण पत्र जारी किए जाते रहे, जिसका खामियाजा अब कई लोगों को भुगतना पड़ेगा।

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